भारत के गांवों को मजबूत करने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है, और इन्हीं में से एक है “राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान” (RGSA)। यह योजना ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने और गांव के विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
इसके तहत पंचायत के सदस्यों, सरपंचों, और ग्रामीणों को खास ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे अपने गांव को बेहतर तरीके से चला सकें। लेकिन सवाल यह है कि “राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान प्रशिक्षण कैसे लें?”
आज हम इस आर्टिकल में आपको आसान हिंदी में बताएंगे कि यह योजना क्या है, इसका प्रशिक्षण कैसे मिलेगा, और यह आपके गांव के लिए कैसे फायदेमंद है। तो चलिए शुरू करते हैं!
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान क्या है?
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान 2018 में शुरू हुई एक योजना है, जिसे पंचायती राज मंत्रालय चलाता है। इसका मकसद ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इस योजना के तहत पंचायत के लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे सरकारी योजनाओं को लागू कर सकें, गांव का बजट बना सकें, और विकास के कामों को सही तरीके से कर सकें। यह योजना खास तौर पर उन गांवों के लिए है जहां पंचायतें कमजोर हैं या उन्हें चलाने का सही तरीका नहीं पता।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
पंचायत को मजबूत करना: सरपंच और सदस्यों को उनके अधिकार और जिम्मेदारियां समझाना। योजनाओं की जानकारी सरकारी स्कीम्स को गांव तक पहुंचाने का तरीका सिखाना। हिसाब-किताब गांव का बजट और खर्चा कैसे मैनेज करें, यह बताना।
जागरूकता: ग्रामीणों को उनके हक और विकास के बारे में जागरूक करना।
प्रशिक्षण कौन ले सकता है?
इस योजना में ट्रेनिंग लेने के लिए कुछ लोग पात्र हैं:
- ग्राम पंचायत के सदस्य: सरपंच, उप-सरपंच, और वार्ड सदस्य।
- ग्रामीण नागरिक: गांव के वे लोग जो पंचायत के काम में हिस्सा लेना चाहते हैं।
- स्वयंसेवक: जो गांव के विकास के लिए काम करना चाहते हों।
नोट: यह ट्रेनिंग मुफ्त होती है और ज्यादातर ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित की जाती है।
प्रशिक्षण कैसे लें?
अब हम आपको बताते हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान का प्रशिक्षण कैसे लिया जा सकता है। यह प्रक्रिया आसान है और ज्यादातर ऑफलाइन होती है।
स्टेप 1: अपने पंचायत से संपर्क करें
सबसे पहले अपनी ग्राम पंचायत में जाएं और सरपंच या सचिव से बात करें। पूछें कि RGSA के तहत ट्रेनिंग कब और कहां हो रही है। कई बार पंचायत में नोटिस बोर्ड पर इसकी जानकारी चस्पा की जाती है।
स्टेप 2: ट्रेनिंग सेंटर की जानकारी लें
यह ट्रेनिंग आमतौर पर ब्लॉक स्तर पर या जिला पंचायत कार्यालय में होती है। अपने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) से संपर्क करें और पूछें कि नजदीकी सेंटर कहां है। कुछ जगहों पर NGO या स्थानीय संस्थाएं भी इसे आयोजित करती हैं।
स्टेप 3: रजिस्ट्रेशन करवाएं
ट्रेनिंग सेंटर पर जाकर अपना नाम लिखवाएं। आपको अपना नाम, पता, और आधार नंबर देना होगा। अगर आप पंचायत सदस्य हैं, तो अपनी पोस्ट (जैसे सरपंच या वार्ड मेंबर) बताएं।
स्टेप 4: जरूरी दस्तावेज जमा करें
- आधार कार्ड पहचान के लिए। पंचायत का प्रमाण अगर आप सदस्य हैं, तो पंचायत से एक लेटर लें।
- फोटो: कुछ जगहों पर पासपोर्ट साइज़ फोटो मांगी जा सकती है।
स्टेप 5: ट्रेनिंग में हिस्सा लें
ट्रेनिंग की तारीख और समय पर सेंटर पहुंचें।
यह ट्रेनिंग 2-5 दिनों की हो सकती है, जिसमें आपको लेक्चर, वर्कशॉप, और प्रैक्टिकल सेशन दिए जाएंगे।
इसमें बजट प्लानिंग, सरकारी स्कीम्स, और डिजिटल टूल्स जैसे टॉपिक कवर होते हैं।
स्टेप 6: सर्टिफिकेट प्राप्त करें
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आपको एक सर्टिफिकेट मिलेगा। यह सर्टिफिकेट दिखाता है कि आप पंचायत के काम के लिए सक्षम हैं।
ऑनलाइन जानकारी का अभाव
RGSA की कोई खास ऑफिशियल वेबसाइट नहीं है जहां सीधे रजिस्ट्रेशन हो सके।
ज्यादातर जानकारी पंचायती राज मंत्रालय की साइट (panchayat.gov.in) पर मिलती है, लेकिन ट्रेनिंग का शेड्यूल लोकल स्तर पर तय होता है। इसलिए आपको अपने पंचायत या BDO ऑफिस पर ही निर्भर रहना होगा।
प्रशिक्षण के फायदे
- बेहतर प्रबंधन: पंचायत के काम को सही तरीके से चलाने की समझ मिलती है।
- फंड का इस्तेमाल: सरकारी पैसों को सही जगह लगाने का तरीका सीखें।
- गांव का विकास: ट्रेनिंग से गांव में सड़क, पानी, और बिजली जैसे काम तेजी से होंगे।
- आत्मविश्वास: ग्रामीण नेताओं में आत्मविश्वास बढ़ता है।
योजना की प्रगति
अप्रैल 2025 तक RGSA के तहत देश भर में लाखों पंचायत सदस्यों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। यह योजना 2022-2026 तक के लिए स्वीकृत है, और हर साल इसके तहत नए गांवों को जोड़ा जा रहा है। खास तौर पर पिछड़े और tribal इलाकों में इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।
अगर ट्रेनिंग न मिले तो क्या करें?
- पंचायत से शिकायत करें: अगर आपके गांव में ट्रेनिंग नहीं हो रही, तो BDO को बताएं।
- हेल्पलाइन: पंचायती राज मंत्रालय के नंबर 011-23389008 पर कॉल करें।
- जागरूकता फैलाएं: अपने गांव में लोगों को इकट्ठा करके मांग उठाएं।
असल जिंदगी का उदाहरण
झारखंड के एक गांव के सरपंच रामू ने RGSA की ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने गांव का बजट सही से बनाया और 5 लाख रुपये की सरकारी फंडिंग से स्कूल की मरम्मत करवाई। वे कहते हैं, “ट्रेनिंग से मुझे पता चला कि पंचायत को कैसे चलाना है।”
कुछ जरूरी टिप्स
- समय पर पहुंचें: ट्रेनिंग में देरी न करें।
- नोट्स लें: जो सीखें, उसे लिखकर रखें।
- सवाल पूछें: ट्रेनर से अपनी शंकाएं साफ करें।
- लागू करें: ट्रेनिंग के बाद गांव में बदलाव लाएं।
हर ग्रामीण नेता के लिए जरूरी है
“राष्ट्रीय ग्रामीण स्वराज अभियान प्रशिक्षण कैसे लें” यह जानना हर ग्रामीण नेता और नागरिक के लिए जरूरी है। यह योजना आपके गांव को मजबूत करने का एक शानदार मौका देती है।
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अगर आप अपने गांव के विकास में योगदान देना चाहते हैं, तो आज ही अपनी पंचायत से संपर्क करें और ट्रेनिंग के लिए रजिस्टर करें।
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