Uttar Pradesh

फर्जी फोनपे एप का पर्दाफाश! बरेली पुलिस ने ठगी करने वाले 2 साइबर शातिरों को किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश, बरेली – डिजिटल भुगतान के दौर में साइबर ठगों ने एक फर्जी फोनपे एप बनाकर दुकानदारों को ठगने की नई चाल ईजाद की थी। मगर थाना फतेहगंज पूर्वी की पुलिस ने चुटकियों में इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया और दोनों शातिरों को गिरफ्तार कर लिया।

QR कोड स्कैन करके ₹1,160 की चपत लगाने वालों का हुआ खुलासा।

एसपी साउथ अंशिका वर्मा (Anshika Verma) ने मीडिया को जानकारी दी कि, थाना फतेहगंज पूर्वी द्वारा फोनपे की तरह हुबहु दिखने वाले फर्जी एप्प का इस्तेमाल कर दुकानदार से खरीदारी के नाम पर ठगी करने वाले 02 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही की गई है।

SP साउथ आंशिक वर्मा का कहना है कि, इस घटना में मुख्य आरोपी सीटू ठाकुर है जिसकी गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है। उन्होंने यह भी बताया कि, अब तक इस फेक यूपीआई एप्लिकेशन के द्वारा 30 से 40 दुकानदारों के साथ आरोपियों ने स्कैम किया है।

📱 कैसे करता था फर्जी फोनपे एप काम?

  • PhonePe जैसी डिज़ाइन और लोगो वाला नकली एप
  • दुकानदारों के QR कोड स्कैन कर फर्जी “पेमेंट सक्सेस” दिखाना
  • वास्तव में कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता था

पुलिस ने बताया कि आरोपी समर्थ सिंह (19) और चाणक्य नईर (19) ने PhonePe की तरह हुबहू दिखने वाला एक **फर्जी एप्लिकेशन** तैयार किया था। ये दुकानदारों से सामान खरीदते समय उनका QR कोड स्कैन करते और फर्जी “पेमेंट सक्सेसफुल” की नोटिफिकेशन दिखा देते। दुकानदार यह सोचकर सामान दे देते कि पैसा उनके खाते में आ गया, जबकि वास्तव में कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता था।

🚨 पुलिस ने कैसे पकड़ी चाल?

मिली जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल को कस्वा स्थित एक मेडिकल दुकान से इन्होंने ₹1,160 की ठगी की।

दुकानदार संयम प्रियदर्शी ने जब अपने खाते में पैसे नहीं आने की शिकायत थाने में दर्ज की, तो पुलिस ने CCTV फुटेज और डिजिटल ट्रैकिंग से आरोपियों का पता लगाया।

18 अप्रैल को पुलिस टीम ने कस्वा इलाके में छापेमारी कर दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।

⚠️ पुलिस की चेतावनी

“डिजिटल भुगतान के बाद अपने खाते की बैलेंस जरूर चेक करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना 112 पर दें।”
– प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार

“हमें लगता था, कोई पकड़ेगा नहीं…”

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूला कि, “हमने ये फर्जी एप 6 महीने पहले बनाया था। दुकानदारों को भरोसा दिलाने के लिए नकली रसीद और ग्रीन टिक वाला नोटिफिकेशन दिखाते थे। अब तक कई लोगों को ठगा, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया।”

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बता दे, यह मामला BNS धारा 318(4) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस टीम में शामिल उपनिरीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि ठगी के और पीड़ितों की तलाश जारी है।

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