Uttar Pradesh

कानपुर नर्सिंग कॉलेज में फीस विवाद: परीक्षा रोके जाने पर छात्रा ने किया आत्मदाह का प्रयास, प्रिंसिपल पर धमकी का लगा आरोप।

“कानपुर नर्सिंग कॉलेज में फीस विवाद के चलते छात्रा आरुही सिंह ने आत्मदाह का प्रयास किया। छात्रा ने प्रिंसिपल पर धमकी और अतिरिक्त फीस लेने का आरोप लगाया, प्रशासन ने जांच शुरू की। पढ़े पूरी घटना डिटेल्स में।”

उत्तर प्रदेश, कानपुर, 18 अप्रैल 2025: चौबेपुर स्थित एक निजी नर्सिंग कॉलेज में फीस विवाद को लेकर छात्रा के आत्मदाह के प्रयास ने शहर में हड़कंप मचा दिया है। जेएनएम द्वितीय वर्ष की छात्रा आरुही सिंह ने गुरुवार सुबह कॉलेज गेट के सामने पेट्रोल छिड़ककर आत्महत्या करने का प्रयास किया।

पुलिस और सहपाठियों के त्वरित हस्तक्षेप से उसे बचा लिया गया, हालांकि इस दौरान उसे मामूली जलन के अलावा कोई गंभीर चोट नहीं आई। यह घटना उस समय हुई जब कॉलेज प्रबंधन ने उसे बैक पेपर परीक्षा में बैठने से रोक दिया।

जाने, क्या है कानपुर नर्सिंग कॉलेज में फीस विवाद का मूल कारण!

आरुही के अनुसार, कॉलेज प्रबंधन ने बैक पेपर परीक्षा के लिए निर्धारित 3,000 रुपये के बजाय 5,000 रुपये की मांग की थी। हालांकि, कॉलेज प्रशासन इससे इनके करता है और दावा करता है कि आरुही ने निर्धारित फीस भी नहीं भरी। इसके चलते उसका परीक्षा फॉर्म स्वीकार नहीं किया गया। आरुही ने बताया, “मैंने प्रिंसिपल से गुहार लगाई कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। मेरा एक साल बर्बाद हो गया।”

प्रिंसिपल पर लगाया धमकी का आरोप।

आरुही ने आरोप लगाया कि जब उसने प्रिंसिपल राजेश कुमार यादव से शिकायत की, तो उन्होंने उसे धमकाते हुए कहा, “तुम्हें मीडिया में आने का शौक है? मैं तुम्हारा यह शौक पूरा कर दूंगा।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि प्रिंसिपल ने इसे “झूठा और प्रोपेगेंडा” बताया है।

कॉलेज प्रबंधन का दावा।

कॉलेज प्रिंसिपल राजेश यादव ने कहा, “आरुही ने समय पर फीस जमा नहीं की, इसलिए नियमों के तहत उसे परीक्षा से वंचित किया गया। हम मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने अतिरिक्त फीस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कॉलेज नियमित शुल्क ही लेता है।

अब तक पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई।

घटना के बाद चौबेपुर पुलिस (choubeypur police) ने आरुही (Aarohi) को सुरक्षित हिरासत में लेकर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए। प्रभारी निरीक्षक राजकुमार सिंह राठौर (Inspector In Charge Rajkumar Singh Rathore) ने बताया, “मामला संवेदनशील है। हम छात्रा के परिवार और कॉलेज प्रबंधन से बात कर रहे हैं।” वहीं, जिला मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह (District Magistrate Jitendra Pratap Singh) ने फीस नीति और प्रिंसिपल के व्यवहार की जांच के आदेश दिए हैं।

तीन महीने पहले भी उठ चुकी थी आवाज।

सूत्रों के अनुसार, इससे पहले भी कॉलेज के कई छात्रों ने अतिरिक्त फीस और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन से शिकायत की थी। आरुही सहित कुछ छात्राओं ने तीन महीने पहले प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद प्रबंधन ने समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया था। लेकिन आरुही का मामला नहीं सुलझा।

सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा!

कानपुर नर्सिंग कॉलेज में फीस विवाद पर सोशल मीडिया पर लोगो ने तीखी प्रक्रिया दी है। यूजर्स ने शिक्षा संस्थानों में “फीस की लूट” और “छात्र-विरोधी नीतियों” की निंदा की है। एक यूजर ने लिखा, “2,000 रुपये के लिए किसी का जीवन दांव पर लगा देना शर्मनाक है।”

छात्राओं के हितों की अनदेखी!

यह घटना शैक्षणिक संस्थानों में छात्र हितों की अनदेखी और मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों की कमी को उजागर करती है। शिक्षाविद् डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा, “ऐसे मामलों में प्रशासन को त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई करनी चाहिए।”

Read Also: एम्स बीएससी नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स 2025: रजिस्ट्रेशन शुरू, पूरी जानकारी यहाँ प्राप्त करें

जानिए, प्रशासन का कानपुर नर्सिंग कॉलेज में फीस विवाद पर क्या कहना है?

जिला प्रशासन ने कॉलेज के फीस रिकॉर्ड और नियमों की जांच शुरू की है। एसपी (ग्रामीण) विवेक शुक्ला ने बताया कि “आरोपों की पुष्टि होने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

यह भी पढ़े: कानपुर फर्टिलाइजर प्लांट

यह घटना शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता और छात्र कल्याण नीतियों की गंभीर कमी को रेखांकित करती है। आरुही का आत्मदाह प्रयास न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत का संकेत भी है। प्रशासनिक जांच के नतीजे इस मामले में न्याय की दिशा तय करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *