Deoria News Today Hindi: कपिल मिश्रा बने दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री, पैतृक गांव प्यासी में जश्न
Deoria News Today Hindi: दिल्ली सरकार में कपिल मिश्रा को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की खबर से उनके पैतृक गांव प्यासी (सलेमपुर, देवरिया) में जश्न का माहौल है। ग्रामीणों ने मिठाई बांटी और पटाखे जलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। कपिल मिश्रा मूल रूप से इसी गांव के रहने वाले हैं, हालांकि उनका परिवार तीन पीढ़ी पहले यहां से दिल्ली चला गया था।
गांव में जश्न, लोगों ने दी बधाई
बृहस्पतिवार को जैसे ही कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) के मंत्री (cabinet minister) बनने की खबर आई, गांव में हर्षोल्लास का माहौल बन गया। त्रिभुवन मिश्रा, भाजपा भटनी मंडल अध्यक्ष रोहित मिश्रा, श्याम नारायण पटेल, बदन यादव, दुर्गेश गौड़, अनिल गोंड, पवन कुमार और लोहा यादव ने इस उपलब्धि पर गर्व जताया।
राजनीतिक सफर: AAP से BJP तक
- 2015: आम आदमी पार्टी (AAP) से करावल नगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
- 2019: आप पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए।
- 2025: करावल नगर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में 23,355 मतों से जीत हासिल करते आप प्रत्याशी मनोज कुमार त्यागी को शिकस्त दी। इस जीत के बाद कैबिनेट मंत्री बने।
2015 में जल संसाधन मंत्री के पद पर रह चुके है कपिल।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में 2015 में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जल संसाधन मंत्री बनाया था। बाद में कार्य मे अनियमियता के आरोप लगने के बाद मंत्री बनने के 2 वर्ष के भीतर ही उन्हें मंत्री पद से हटा दिया।
मालूम हो कि कार्य मे अनियमियता का आरोप कपिल मिश्रा पर उस समय भाजपा ने लगाया था। लेकिन बाद में 2019 में कपिल खुद ही भाजपा में शामिल हो गए।
कपिल को 2023 में दिल्ली भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया।
आम आदमी पार्टी की सरकार में जब कपिल मंत्री थे तो बीजेपी कपिल शर्मा पर आरोपों की बौछार करती थी। लेकिन जब अनियमियता का आरोप लगा कर AAP ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया तो कपिल मिश्रा भाजपा में शामिल हो गये।
कपिल पर आरोप की बौछार करने वाली भाजपा ने संगठन में दी जगह।
मालूम हो, 2019 में बीजेपी में शामिल होने के बाद कपिल पर आरोप लगाने वाली भाजपा ने 5 अगस्त 2023 को उन्हें पार्टी संगठन में जगह देते हुए दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष का पद दिया। तब से वह इस पद पर है।
2017 में देवरिया पहुंचे आप सांसद संजय सिंह ने कपिल मिश्रा पर साधा था निशाना।
मई 2017 में देवरिया जिला पंचायत सभागार पहुंचे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक सभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने प्रेस से वार्तालाप करते हुए कहा था कि, मंत्री पद जाने के बाद कपिल मिश्रा अब बौखलाहट में कपिल शर्मा शो की तरह कॉमेडी कर रहे है।
पुर्वी दिल्ली की पहली मेयर रही है कपिल मिश्रा की मां।
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बने कपिल शर्मा की माता अन्नपूर्णा भाजपा के सहयोग से पूर्वी दिल्ली की पहली मेयर के पद पर रह चुकी है।
दिल्ली सरकार में मिली बड़ी जिम्मेदारी
दिल्ली की नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ कपिल मिश्रा ने भी मंत्री पद की शपथ ली। उनके समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं में इस फैसले को लेकर काफी उत्साह है।
कौन हैं कपिल मिश्रा?
- कपिल मिश्रा के पितामह महेश प्रसाद प्यासी गांव के निवासी थे।
- वर्तमान में वह दिल्ली के करावल नगर में रहते हैं।
- राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते है, पूर्वी दिल्ली की मेयर रह चुकी है कपिल की मां।
- भाजपा में शामिल होने के बाद हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर मुखर हुए।
गांव में विकास की उम्मीदें
गांव के लोग उम्मीद जता रहे हैं कि कपिल मिश्रा अब अपने पैतृक गांव और सलेमपुर क्षेत्र के विकास के लिए यूपी की योगी सरकार से बात करेंगे। वही स्थानीय लोगों का कहना है कि अब प्यासी गांव को भी सरकार से नई योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
जानिए, कपिल को कौन सा मंत्रालय मिला है
केजरीवाल सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके कपिल मिश्रा को भाजपा सरकार में कानून एवं न्याय, श्रम, रोजगार, विकास, कला, संस्कृति और भाषा, पयर्टन मंत्रालय (Law & justice, Labour, Employment, Development, Art, Culture & Language, Tourism) मिला है। उम्मीद है कपिल इस बार मिले मंत्रालय को फोकस करते हुए दिल्ली के विकास को एक नई गति देते हुए जनता के हित में कार्य करेगे।
कपिल मिश्र मिनिस्टर (kapil Mishra Minister) को वैसे तो 07 विभाग मिले है लेकिन इसमें सबसे अहम “कानून एवं न्याय मंत्रालय” ही उनकी नई पहचान के रूप में होगा और अब से उन्हें कानून मंत्री के रूप में जाना जायेगा, जब तक वह इस पद पर रहते है।
निष्कर्ष:
कपिल मिश्रा का मंत्री बनना न केवल दिल्ली बल्कि उनके पैतृक गांव प्यासी के लिए भी गर्व का विषय है। भाजपा कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों में इस उपलब्धि को लेकर जबरदस्त उत्साह है। अब सभी की नजर उनको मिले मंत्रालय और आगामी योजनाओं पर टिकी हुई है।