इजराइल-ईरान युद्ध: परमाणु वैज्ञानिक की हत्या, कमांडरों का सफाया और भारत के 827 नागरिकों की सुरक्षित वापसी!

इजराइल-ईरान युद्ध: इजराइल ने तेहरान में ड्रोन हमले से ईरानी न्यूक्लियर साइंटिस्ट की हत्या की! IDF ने 3 कमांडरों को ढेर किया, ईरान में 657 मौतें। भारत ने ऑपरेशन सिंधु से 827 नागरिकों को निकाला। संघर्ष के नौवें दिन की पूरी कवरेज अभी पढ़े

इजराइल-ईरान युद्ध: तेहरान में ड्रोन हमले से परमाणु वैज्ञानिक ढेर

इजराइल-ईरान युद्ध के नौवें दिन, तेहरान में एक ड्रोन हमले ने ईरान के न्यूक्लियर साइंटिस्ट इसार तबातबाई-कमशेह और उनकी पत्नी की जान ले ली। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेहर’ के अनुसार, यह हमला शुक्रवार को उनके अपार्टमेंट पर हुआ । यह 13 जून से अब तक मारे गए 10वें परमाणु वैज्ञानिक हैं, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए घातक झटका है। इजराइल ने इन हत्याओं को “ऑपरेशन नार्निया” के तहत अंजाम दिया, जिसमें वैज्ञानिकों को उनके घरों में सोते समय टारगेट किया गया ।

IDF का बड़ा दावा: 3 कमांडर और 4 जवान ढेर!

इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने शनिवार को ईरानी सेना के तीन वरिष्ठ कमांडरों और चार जवानों को मार गिराने का दावा किया। इनमें आईआरजीसी की ‘कुद्स फोर्स’ के कमांडर बहनाम शाहरियारी (हथियार तस्करी प्रमुख), सईद इजादी (हमास समन्वयक), और अमीनपुर जौदकी (ड्रोन ब्रिगेड कमांडर) शामिल हैं । IDF के अनुसार, ये कमांडर ईरान की प्रॉक्सी युद्ध रणनीति की धुरी थे और इनका सफाया “क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी” था।

मानवीय कीमत: ईरान में 657 मौतें, इजराइल में 24 शहादतें

अमेरिका स्थित मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों के अनुसार, 13 जून से अब तक ईरान में 657 लोग मारे गए हैं और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं। हालांकि, ईरान का स्वास्थ्य मंत्रालय इन आंकड़ों से इनकार करते हुए कहता है कि केवल 430 नागरिकों की मौत हुई है और 3,500 घायल हैं । इजराइल में भी हालात गंभीर हैं: ईरानी मिसाइल हमलों में 24 लोगों की जान गई और 900 से अधिक घायल हुए हैं । संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने मारे गए बच्चों के चित्र दिखाकर इजराइल की निंदा की है ।

भारत का ऑपरेशन सिंधु: 827 नागरिक सुरक्षित वापस!

संघर्ष से फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु चलाया। शनिवार शाम 4:30 बजे, ईरान के मशहद से दिल्ली पहुंची फ्लाइट में 310 भारतीय सवार थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि अब तक कुल 827 नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है । सरकार ने अभी भी दोनों देशों में फंसे भारतीयों से निकटतम दूतावास से संपर्क करने की अपील की है।

ईरान की प्रतिक्रिया: “हमले रुकेंगे, तभी बातचीत होगी!”

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया है कि जब तक इजराइल के हमले जारी रहेंगे, अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा, “ईरान आत्मरक्षा में कार्य कर रहा है। हमारे मिसाइल हमले सिर्फ सैन्य ठिकानों पर हैं।” । साथ ही, राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने चेतावनी दी कि यदि हमले नहीं रुके, तो ईरान “और कड़ा जवाब” देगा।

भूकंप से अफवाहों का दौर: क्या परमाणु ठिकाने टारगेट हुए?

शुक्रवार रात, ईरान के सेमनान प्रांत में 5.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किमी थी । इसके ठीक पहले इजराइल ने इस्फहान परमाणु संयंत्र पर हमला किया था, जिससे अटकलें फैलीं कि यह विस्फोटों से जुड़ा हो सकता है। IDF ने इस्फहान हमले का वीडियो जारी कर दावा किया कि यूरेनियम रूपांतरण प्रयोगशालाएं नष्ट हो गईं । ईरान ने हालांकि कहा कि इन हमलों से “सिर्फ संरचनात्मक नुकसान” हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: तुर्की बोला- “परमाणु वार्ता फिर शुरू करो!”

तनाव कम करने के लिए स्विट्ज़रलैंड में हुई वार्ता विफल रही। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने ईरान से अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता फिर शुरू करने का आग्रह किया । वहीं, यमन के हूती विद्रोहियों ने अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि उसने इजराइल का साथ दिया, तो लाल सागर में उसके जहाज़ निशाने पर होंगे । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य हस्तक्षेप की संभावना जताई, जिसे ईरान ने “खतरनाक” बताया ।

भविष्य के खतरे: क्या खामेनेई ने चुने उत्तराधिकारी?

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइली हत्या के डर से खुद को बंकर में कैद कर लिया है और उन्होंने तीन मौलवियों को अपना संभावित उत्तराधिकारी नामित किया है । यह कदम दर्शाता है कि ईरानी नेतृत्व युद्ध को लेकर गंभीर चिंतित है।

रात भर हुआ भीषण टकराव।

इजरायल-ईरान युद्ध मे इजरायली समयानुसार आज सुबह 2:30 बजे टेल अवीव की आबादी घबराहट में डूब गई। हवाई हमले की सायरन गूंजते ही शहर के आसमान में इंटरसेप्टर मिसाइलों के धमाके हुए और आग के गोले दिखाई दिए। ईरान ने पाँच बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से ज्यादातर को इजरायल की ‘आयरन डोम’ डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराया। एक मिसाइल के अवशेष से केंद्रीय इजरायल में एक आवासीय इमारत की छत पर आग लग गई। पूरी खबर पढ़ें यहां क्लिक करके।

क्या युद्ध परमाणु संकट में बदलेगा?

इजराइल-ईरान युद्ध अब सिर्फ सैन्य टकराव नहीं रहा; यह मानवीय त्रासदी, अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ों की कसौटी, और परमाणु अप्रसार व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है। भारत जैसे तटस्थ देशों की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है, लेकिन अगर संघर्ष बढ़ा, तो पूरा मध्य-पूर्व अस्थिरता की आग में झुलस सकता है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले और वैज्ञानिकों की हत्याएं इस संकट को अप्रत्याशित मोड़ दे सकती हैं।

© smartkhabari.com | लेखक: अवधेश यादव | प्रकाशन तिथि: 21 जून 2025

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