मसूद पेजेशकियन ने की मैक्रों इमैनुएल से फोन पर बात, कहा ‘इजरायल को कुचल देंगे’
नई दिल्ली, 21 जून 2025: इजरायल-ईरान युद्ध का आज 10वां दिन है। शनिवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर इजरायल अपनी आक्रामकता जारी रखता है, तो ईरान कड़ा रुख अपनाकर उसे कुचलने के लिए निर्णायक कदम उठाएगा।
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने फोन पर मैक्रों इमैनुएल से क्या कहा?
मेहर न्यूज़ के अनुसार, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शनिवार, 21 जून 2025 को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बात की। इस बातचीत में ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, “हम परमाणु के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए बातचीत और सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन हम अपने परमाणु कामों को बिल्कुल बंद नहीं करेंगे, और अगर इजरायल हमला करता रहा तो हम और भी कड़ा जवाब देंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि ईरान ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि वह अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यों के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाने के लिए तैयार है, लेकिन वह अपने अधिकारों को कभी नहीं छोड़ेगा। पेजेशकियन ने जोर देकर कहा कि ईरान की परमाणु गतिविधियाँ केवल शांतिपूर्ण ऊर्जा और अनुसंधान के लिए हैं, और देश का परमाणु हथियार बनाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, उन्होंने इजरायल को चेतावनी दी कि उसकी आक्रामकता का जवाब “कुचलने वाला और निर्णायक” होगा।
दोनो देशो के नेताओं की इस बातचीत के मायने…
ईरान और इजरायल के बीच तनाव लंबे समय से चला आ रहा है। यह तनाव खास तौर पर ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मध्य पूर्व में दोनों देशों के क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर बढ़ता रहा है। हाल के दिनों में इजरायल ने ईरान पर कई हमले किए हैं, जिनमें परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाना भी शामिल है। जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए पलटवार किया है। इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों घायल हुए हैं।
फोन पर हुई इस बातचीत में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने इजरायल के ईरान पर हमलों में कोई हिस्सा नहीं लिया और न ही उनका समर्थन करता है। मैक्रों ने जोर दिया कि फ्रांस का पूरा प्रयास सैन्य संघर्ष को रोकने और तनाव को कम करने पर केंद्रित है। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है और मानता है कि दबाव या धमकियों से किसी देश को प्रभावित करना सही रास्ता नहीं है।
ईरान की दोहरी नीति एक बार फिर हुई उजागर!
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच यह फोन कॉल मौजूदा तनाव के बीच एक अहम घटना है। इस बातचीत ने ईरान की दोहरी नीति को फिर से उजागर किया है – एक तरफ वह शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के लिए बातचीत को तैयार है, तो दूसरी तरफ इजरायल की आक्रामकता के खिलाफ सख्त जवाब देने का इरादा रखता है। यह बातचीत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि ईरान अपनी संप्रभुता और अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ है। अब यह देखना बाकी है कि इस बातचीत का इजरायल-ईरान संघर्ष और वैश्विक कूटनीति पर क्या असर पड़ता है।
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