सदन में अपमान पर फूट-फूट कर रोए नायडू, बोले अब सीएम बनने के बाद ही आऊंगा सदन में।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान विधानसभा में उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ वाईएसआरसीपी सदस्यों द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने आंखों में आंसू लिए हाथ जोड़ कर कहा कि “मैं इसके बाद इस सभा में शामिल नहीं होउंगा। मैं फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटूंगा।”सदन में अपमान पर फूट-फूट कर रोए नायडू, बोले अब सीएम बनने के बाद ही आऊंगा सदन में।
इसके बाद मंगलागिरी में टीडीपी के राज्य मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, 71 वर्षीय नायडू फूट-फूट कर रो पड़े। वह कुछ मिनटों के लिए नहीं बोल सके, क्योंकि उसकी आवाज भावनाओं से बंधी हुई थी। वह कुछ मिनटों के लिए अपने चेहरे को हाथों से ढंक कर रो रहे थे।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी कभी राजनीति में नहीं रहीं। रोते हुए नायडू ने कहा, “चाहे मैं सत्ता में रहूं या बाहर, मेरे जीवन के हर कदम पर मुझे प्रोत्साहित करने के अलावा, उन्होंने कभी भी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया। फिर भी, उन्होंने मेरी पत्नी को अपमानित करने की कोशिश की।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट महसूस नहीं किया। टीडीपी चीफ ने कहा, “मैंने अपने जीवन में कई संघर्षों, उतार-चढ़ावों का सामना किया। मैंने विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में कई गरमागरम बहसें देखीं। लेकिन विपक्ष को इस तरह से कुचलना अभूतपूर्व है।”
नायडू ने वर्तमान सभा की तुलना महाकाव्य महाभारत की कौरव सभा से की, जहां शक्तिशाली कौरवों ने पांडवों की पत्नी द्रौपदी को सबके सामने उतारने की कोशिश करके उनका अपमान किया।
उन्होंने कहा, ‘अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जब सत्ता पक्ष के सदस्य मेरी पत्नी का नाम घसीटते हुए गालियां दे रहे थे तो अध्यक्ष मूकदर्शक बने रहे। मुझे बाकी कार्यकाल के लिए विधानसभा से दूर रहने के मेरे फैसले पर बोलने और बयान देने का मौका भी नहीं दिया। मुझे अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “मैं पिछले ढाई साल से अपमान का सामना कर रहा हूं। जब मेरी गरिमा से समझौता किया जाता है, तो सभा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। मैं अपनी लड़ाई लोगों तक ले जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा। मैं मुख्यमंत्री के रूप में लोगों का जनादेश प्राप्त करने के बाद ही विधानसभा में लौटूंगा।”
यह सब महिला सशक्तिकरण पर चर्चा को लेकर टीडीपी और वाईएसआरसीपी सदस्यों के बीच वाकयुद्ध के साथ शुरू हुआ। टीडीपी विधायकों ने वाईएसआरसीपी सदस्य अंबाती रामबाबू के भाषण को बाधित करने की कोशिश की, जो विपक्षी दल पर हमला कर रहे थे।
जब रामबाबू ने कथित तौर पर नायडू की पत्नी का जिक्र करते हुए कुछ भद्दी टिप्पणियां कीं, तो टीडीपी सदस्यों ने विरोध में मंच पर धावा बोल दिया और उनसे माफी की मांग की। मंत्री बालिनेनी श्रीनिवास रेड्डी और कोडाली नानी सहित वाईएसआरसीपी के अन्य सदस्य भी टीडीपी सदस्यों के साथ झड़प में पोडियम पर पहुंच गए।