SIP इन्वेस्टमेंट में भारी गिरावट से निवेशकों की धड़कन बढ़ी
शेयर बाजार में अक्टूबर 2024 से लगातार गिरावट जारी है, जिसने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। दरसल पिछले माह यानी 28 फरवरी 2025 को आई गिरावट ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस गिरावट के कारण Systematic Investment Plan (SIP) के जरिए निवेश करने वालों की संख्या में भारी कमी होना है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में SIP के जरिए 26,400 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जबकि फरवरी 2025 में यह घटकर 25,999 करोड़ रुपये रह गया। बता दे, यह तीन महीनों का सबसे निचला स्तर है। दिसंबर 2024 में भी यह निवेश 26,459 करोड़ रुपये था।
30 साल की सबसे बड़ी गिरावट ने निवेशकों का भरोसा डगमगाया
शेयर बाजार में इस गिरावट का असर सिर्फ SIP निवेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने बाजार के समग्र विश्वास को हिला दिया है। Nifty 15% तक लुढ़क चुकी है, जिससे निवेशकों का भरोसा तेजी से कमजोर हुआ है। इस गिरावट ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, और इसकी पूरी कहानी इस लिंक में देखी जा सकती है: ब्लैक फ्राइडे का कहर! शेयर बाजार 1414 अंक धड़ाम, निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूबे
म्यूचुअल फंड के फोलियो और AUM पर असर
फरवरी 2025 तक म्यूचुअल फंड के कुल 23.22 करोड़ फोलियो हो चुके हैं, लेकिन बाजार में गिरावट के चलते रिटेल निवेशकों का भरोसा कम हुआ है। रिटेल AUM (Asset Under Management) जनवरी 2025 में 38.77 लाख करोड़ रुपये था, जो फरवरी में घटकर 36.44 लाख करोड़ रुपये रह गया।
हालांकि, SIP खातों की संख्या में वृद्धि जारी रही। फरवरी 2025 में 44.56 लाख नए SIP इन्वेस्टमेंट के लिए खाते रजिस्टर हुए, और SIP AUM कुल 12.37 लाख करोड़ रुपये रहा। इससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों का रुझान भले ही कम हुआ हो, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ।
सरकार के बढ़ते टैक्स से ट्रेडर्स भी नाराज
इस गिरावट का एक अन्य प्रमुख कारण सरकार द्वारा STT (Securities Transaction Tax), GST, और अन्य टैक्स में वृद्धि है। इससे प्रोफेशनल ट्रेडर्स के लिए भी ट्रेडिंग करना कठिन हो गया है। पहले से ही अस्थिर बाजार में आये दिन टैक्स बढ़ने के बोझ ने निवेशकों और ट्रेडर्स को शेयर बाजार से दूर रहने पर मजबूर कर दिया है।
AMFI का क्या कहना है?
AMFI के मुख्य कार्यकारी वेंकट चलसानी ने कहा, “हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है, लेकिन निवेशकों का भरोसा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। । SIP इन्वेस्टमेंट में कमी जरूर आई है, लेकिन निवेशक लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने में विश्वास रख रहे हैं।” उन्होंने वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने और बाजार में घबराहट से बचने की सलाह दी।
क्या आगे और गिरावट संभव है?
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता, महंगाई, और घरेलू आर्थिक नीतियों के कारण निकट भविष्य में भी बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है और उन्हें SIP निवेश को जारी रखना चाहिए। यहां यह भी जान ले कि SIP इन्वेस्टमेंट वह टूल है जिसका इस्तेमाल लम्बे समय के नजरिये को रखकर किया जाता है लेकिन हालिया गिरावट ने SIP इन्वेस्टमेंट को जमीन पर ला दिया है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार नहीं हैं। कृपया निवेश करने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।