Cryptocurrency Trading in India: क्रिप्टो ट्रेडर्स पर IT डिपार्टमेंट सख्त होता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग लोकप्रिय होने के बाद अब सरकार और टैक्स अधिकारियों की निगरानी भी बढ़ गई है।
क्रिप्टो ट्रेडर्स पर IT ने क्यों बढ़ाई निगरानी?
- IT ने बढ़ाई निगरानी: मिली जानकारी के अनुसार, क्रिप्टो ट्रेडर्स पर IT विभाग सख्त रुख अपनाते हुए इसकी निगरानी बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने बाइनेंस (Binance) जैसे विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ट्रेड करने वाले भारतीय निवेशकों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दिया है।
- निगरानी बढ़ाने का कारण: क्रिप्टो ट्रेडर्स पर IT विभाग की निगरानी बढ़ाने का मुख्य कारण यह है कि कई ट्रेडर्स TDS (Tax Deducted at Source) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे सरकार को कर चोरी (Tax Evasion) का शक हो रहा है।
ट्रेडिंग के लिए कहां से आये पैसे?
रिपोर्ट्स के अनुसार, आयकर विभाग यह भी जानने में लगा हुआ है कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग के लिए पैसे कहां से आये?
- सोशल मीडिया मे क्रिप्टो ट्रेडिंग के जरिये मोटा मुनाफा कमा कर शानदार लाइफ स्टाइल दिखा कर कई विदेशी कंपनियों ने भारतीय युवाओं को आकर्षित करने में बड़ी कामयाबी हासिल की।
- जिसके बाद शहरों से लेकर गांव तक के युवा इन फर्जी लाइफ स्टाइल के वीडियो देखकर अपने आप को रोक नही पाए और कम समय मे अमीर बनने की लालसा में क्रिप्टो ट्रेडिंग करने लगे।
- इनमे गांव में रह रहे ज़्यादातर युवाओं को यह नही पता था कि, तय सीमा के ऊपर टर्नओवर होने पर उन्हें ITR फाइल कर आयकर विभाग को यह बताना पड़ेगा कि, उन्हें नुकसान हुआ है या फायदा।
क्या है पूरा मामला?
- TDS नियमों की अनदेखी: भारत में क्रिप्टो ट्रांजेक्शन्स पर 1% TDS काटने का नियम है, लेकिन बाइनेंस जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेड करने वाले कई भारतीय इसका पालन नहीं कर रहे हैं।
- P2P ट्रेडिंग का दुरुपयोग: बाइनेंस पर ज्यादातर लेन-देन P2P (Peer-to-Peer) मोड में होता है, जहां खरीदार और विक्रेता सीधे रुपये का आदान-प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया में TDS कटौती अक्सर नहीं होती।
- विदेशी एक्सचेंजों पर नजर: IT विभाग ने ऐसे ट्रेडर्स से उनके ट्रांजेक्शन डिटेल्स, पुराने IT रिटर्न और फंड सोर्स के बारे में जानकारी मांगी है।
क्या हो सकता है ट्रेडर्स पर असर?
- नोटिस और जुर्माना: अगर TDS नहीं काटा गया है, तो ट्रेडर्स पर पेनल्टी लग सकती है।
- 30% टैक्स का डर: कुछ मामलों में, टैक्स विभाग पूरे टर्नओवर पर 30% टैक्स लगा रहा है, जबकि यह सिर्फ प्रॉफिट पर लगना चाहिए।
- क्रिप्टो ट्रांसफर पर सवाल: जिन लोगों ने अपनी होल्डिंग्स को लोकल एक्सचेंज से विदेशी प्लेटफॉर्म या प्राइवेट वॉलेट में ट्रांसफर किया है, उन पर भी नजर है।
क्यों बाइनेंस पर है IT विभाग का फोकस?
- भारतीय कानूनों का पालन नहीं: बाइनेंस जैसे विदेशी एक्सचेंज भारत के TDS नियमों का पालन नहीं करते, जिससे ट्रेडर्स को कानूनी मुश्किलें हो सकती हैं।
- मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा: क्रिप्टो को विदेशी प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफर करने से FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) और AML (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
जियोटस क्रिप्टो एक्सचेंज के CEO विक्रम सुब्बुराज के अनुसार,
“विदेशी एक्सचेंज भारतीय ट्रेडर्स को मुश्किल में डाल रहे हैं। अगर आप भारत में निवेशकों को सेवा देना चाहते हैं, तो देश के कानूनों का पालन करना होगा।”
क्या करें क्रिप्टो ट्रेडर्स?
- TDS का ध्यान रखें: हर ट्रांजेक्शन पर 1% TDS काटें और सरकार को जमा करें।
- रिकॉर्ड मेंटेन करें: सभी ट्रांजेक्शन्स, टैक्स पेमेंट और बैंक स्टेटमेंट्स को सुरक्षित रखें।
- भारतीय एक्सचेंजों का उपयोग करें: WazirX, CoinDCX जैसे प्लेटफॉर्म TDS का पालन करते हैं, जिससे कानूनी दिक्कतें कम होंगी।
क्या है, ‘वर्चुअल डिजिटल एसेट ट्रांसफर’?
मिली जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग ने कई लोगो को नोटिस भेजा है जिसमे इन्फॉर्मेशन कैटगरी में वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) ट्रांसफर रसीद (Receipts on transfer of virtual digital asset) लिखा हुआ है। जिसे लेकर लोगो के मन मे सवाल उठ रहा है। तो आइए इसे सरल भाषा मे समझते है।
1. क्या टैक्स लगेगा?
- VDA (क्रिप्टो, NFT) बेचने या एक्सचेंज करने पर लाभ पर 30% टैक्स लगेगा।
- इसमे खर्च/लॉस की कटौती नहीं मिलेगी।
2. TDS (1%)
अगर लेन-देन ₹50,000 (या ₹10,000 कुछ केसेस में) से ज्यादा का हो, तो 1% TDS काटा जाएगा।
3. रसीद (Receipt) क्यों जरूरी?
- टैक्स भरते समय बिक्री/खरीद का प्रूफ देना होगा।
- एक्सचेंज या P2P ट्रांजैक्शन की डिटेल्स सेव करें।
4. गिफ्ट मिला VDA?
- ₹50,000 से ज्यादा का हो तो टैक्सेबल (रिसीवर पर)।
- 30% टैक्स (लाभ पर), 1% TDS (बड़े ट्रांजैक्शन पर), रसीद सेव रखें।
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (Cryptocurrency Regulations in India) को लेकर सख्त हो रही है। अगर आप क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं, तो टैक्स नियमों का पालन करना जरूरी है, नहीं तो IT नोटिस और भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है। ताजा अपडेट के लिए वेबसाइट से जुड़े रहे।
डिस्क्लेमर: टैक्स से जुड़े सवालों के जबाब के लिए व्यक्तिगत रूप से पेशेवर की मदद ले। उपरोक्त लेख केवल इंफॉर्मेशन व एजुकेशन के उद्देश्य के लिए है। क्रिप्टो करेंसी, स्टॉक मार्केट, फॉरेक्स में निवेश करने के पहले रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार की राय जरूर ले।