पहाड़ी राज्यों में मानसूनी तबाही से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तबाही का आलम यह है कि मंडी में 11 जगह बादल फट गए है जबकि पौड़ी में पहाड़ धंस गया है। 150 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई है। अकेले हिमाचल प्रदेश में ₹500 करोड़ के नुकसान की पुष्टि खुद मुख्यमंत्री ने की है।
पहाड़ी राज्यों में मानसूनी तबाही: 13 साल में सबसे भीषण बारिश।
नई दिल्ली (शिमला/देहरादून) 01 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार तीसरे दिन जारी भीषण बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हिमाचल के मंडी जिले में 11 स्थानों पर बादल फटने से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लापता हैं। उत्तराखंड में पौड़ी-कोटद्वार हाईवे पर पहाड़ धंसने से यातायात ठप हो गया है और प्रदेशभर में 150 से अधिक सड़कें बंद हैं ।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 20 जून से 1 जुलाई के बीच मानसूनी तबाही का आंकड़ा चौंकाने वाला है :
- मानवीय क्षति: 44 मौतें (24 घंटे में 5 नई), 82 घायल।
- बुनियादी ढांचा: 390 सड़कें बंद, 612 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त, जिससे बिजली और पानी की आपूर्ति ठप ।
- जून में 135 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (101 मिमी) से 34% अधिक है।
- मंडी जिला सबसे प्रभावित: 306.2 मिमी बारिश (सामान्य से 79% अधिक) ।
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🔴 हिमाचल प्रदेश: बादल फटने से मची तबाही!
- जान-माल की क्षति:
- मंडी के करसोग, धर्मपुर और गोहर में बादल फटने से 4 मौतें, 4 घायल और 16 लापता ।
- 10 घर और 12 गौशालाएं पूरी तरह ध्वस्त, 15+ वाहन बाढ़ में बह गए।
- बिजनी में निर्माणाधीन टनल का मुहाना गिरा; मजदूरों ने भागकर जान बचाई ।
- संकटग्रस्त क्षेत्र:
- कुकलाह: पुल और माता कश्मीरी मंदिर बह गया, कई घरों को नुकसान ।
- गोहर: स्यांज में 9 लोग बह गए, धर्मपुर के स्याठी गांव पर पूरा पहाड़ आ गया।
- यातायात व्यवधान: शिमला-करसोग हाईवे और मनाली-मंडी फोरलेन लैंडस्लाइड से बंद; टनल में फंसे यात्री रात भर अटके रहे ।
- प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
- स्कूल बंद: मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर में शैक्षणिक संस्थान बंद ।
- आर्थिक नुकसान: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के अनुसार, ₹500 करोड़ से अधिक की क्षति ।
🏔️ उत्तराखंड: भूस्खलन से यात्रा मार्ग ठप, 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट
- बुनियादी ढांचे का संकट:
- पौड़ी-कोटद्वार NH पर गुमखाल के पास पहाड़ धंसा; बड़े पत्थरों ने राजमार्ग अवरुद्ध किया ।
- रुद्रप्रयाग: अलकनंदा नदी में बस बही, 1 मृत और 11 लापता ।
- केदारनाथ-बद्रीनाथ मार्ग: सोनप्रयाग और सिरोबगड़ के पास भूस्खलन; श्रद्धालु रोके गए ।
- जिलेवार हालात:
- बागेश्वर: 26 सड़कें बंद, सरयू नदी उफान पर ।
- नैनीताल: कुमाऊं मंडल की 54 सड़कें अवरुद्ध; पिथौरागढ़ में 13 मार्ग बंद ।
- उत्तरकाशी: सिलाई बैंड में होटल ढहने से 7 मजदूर लापता, रेस्क्यू जारी ।
- मौसम चेतावनी:
- देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग समेत 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट; 6 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान ।
⚡ अन्य राज्यों में मानसूनी प्रभाव
- उत्तर प्रदेश:
- वाराणसी: गंगा उफान पर; मणिकर्णिका घाट पानी में डूबा।
- बरेली: मिट्टी की दीवार गिरने से 1 मौत, 1 घायल ।
- राजस्थान:
- अलवर: सड़कों पर 2 फीट पानी; गायत्री मंदिर रोड और बस स्टैंड जलमग्न ।
- धौलपुर: NH-123 की सड़क धंसी, दो हिस्सों में कटी ।
- ओडिशा: बालासोर में स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ा; 100 गांव जलमग्न ।
🔭 IMD का पूर्वानुमान और अलर्ट
- रेड अलर्ट: हिमाचल और उत्तराखंड के 10+ जिलों में 2 जुलाई तक ।
- ऑरेंज अलर्ट: पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी UP ।
- यलो अलर्ट: दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार; अगले 7 दिन भारी बारिश का अनुमान ।
🚑 सरकारी प्रतिक्रिया और सावधानियां
- हिमाचल: मुख्यमंत्री सुखू ने पर्यटकों से नदियों और संवेदनशील ढलानों से दूर रहने की अपील की ।
- उत्तराखंड: आपदा प्रबंधन टीमों ने जेसीबी और रेस्क्यू उपकरण संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किए ।
- स्कूल बंद: हिमाचल के 4 जिलों और उत्तराखंड के 13 जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद ।
💧 अगले 72 घंटे निर्णायक
पहाड़ी राज्यों में मानसूनी तबाही थमने का नाम नहीं ले रही। हिमाचल में बादल फटने और उत्तराखंड में भूस्खलन से हुई क्षति की भरपाई में हफ्तों लग सकते हैं। IMD के अनुसार, 3-5 जुलाई के बीच और भारी बारिश से स्थिति बिगड़ने की आशंका है । प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा टालने और नदी किनारों से दूर रहने की अपील की है। इस आपदा ने पहाड़ी इलाकों में जलवायु-अनुकूल बुनियादी ढांचे की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है।