Iran Israel Latest Update: ईरान के सरकारी न्यूज़ चैनल का हवाला देते हुए रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि, ‘ईरान में अराक हेवी-वाटर रिएक्टर पर इजरायल ने बड़ा हमला किया। इजराइली सेना ने रिएक्टर के आस-पास रहने वाले लोगों को धमकी देते हुए कहा कि, ‘तुरंत वहाँ से निकल जाएं।’
Iran Israel Latest Update | 19 जून 2025: तेल अवीव की रात आसमान में अचानक जगमगा उठी। लाल और नारंगी की चमकती लकीरें, धमाकों की गूँज, और सायरन की कर्कश आवाज़ – ये नज़ारे बयान कर रहे थे कि मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की ज्वाला में झुलसने के कगार पर है।
पिछले 48 घंटों में, ईरान ने इजराइल पर ड्रोनों और क्रूज मिसाइलों की एक नई लहर दागी है, जिसे इजराइली वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांशतः नष्ट कर दिया।
इस हमले के जवाब में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है: “ईरान का हर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारा जवाब सीधा और सख्त होगा।” यह घोषणा दोनों देशों के बीच तनाव के नए और खतरनाक दौर की शुरुआत का संकेत देती है।
IranIsrael Latest Update: जाने, आग क्यों भड़की?
इस नवीनतम झड़प की जड़ें अप्रैल 2024 में हुए ईरान के पहले सीधे हमले में हैं। तब, इजराइल द्वारा दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर पर हमले के जवाब में तेहरान ने सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं। हालांकि, हाल के हफ्तों में सीरिया और लेबनान में ईरान समर्थित गुटों (जैसे हिजबुल्लाह) और इजराइल के बीच झड़पें लगातार बढ़ रही थीं।
अल जज़ीरा की एक ताज़ा रिपोर्ट (18 जून, 2025) के अनुसार, इजराइली सेना ने सीरिया के हलाब क्षेत्र में ईरानी गतिविधियों से जुड़े एक शस्त्र डिपो पर हवाई हमला किया था, जिसमें कई कमांडर मारे गए। इसी घटना को ईरान ने “शर्मनाक आक्रामकता” बताया और इसके जवाब में उसने नए हमले किए।
हमले का नक्शा: क्या-क्या हुआ?
राउटर्स के अनुसार, ईरानी हमला दो चरणों में हुआ। पहले चरण में, “शाहेद” कम लागत वाले ड्रोनों की एक बड़ी संख्या ईरानी क्षेत्र से रवाना हुई। ये ड्रोन धीमी गति से उड़ते हुए इजराइल की सीमा की ओर बढ़े। दूसरे चरण में, ईरान ने सूर्योदय के ठीक पहले अधिक उन्नत क्रूज मिसाइलें दागीं।
इजराइल की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली – जिसमें आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो जैसी तकनीकें शामिल हैं – ने लगभग सभी घुसपैठिए हथियारों को नष्ट करने का दावा किया है। हालांकि, एक मिसाइल का मलबा दक्षिणी इजराइल के नेगेव रेगिस्तान में गिरा, जिससे हल्की संपत्ति क्षति हुई। इजराइली सेना प्रवक्ता ने कहा, “हमारी तैयारी और तकनीकी बढ़त ने एक बड़ी तबाही को टाल दिया है।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: दुनिया की चिंता बढ़ी
इस नए संकट ने विश्व नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने तुरंत नेतन्याहू से फोन पर बात की और “इजराइल की सुरक्षा पर अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता” दोहराई। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “अमेरिका इस संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल नहीं होगा।”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तुरंत सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा, “मध्य पूर्व पहले से ही एक ज्वालामुखी के मुहाने पर खड़ा है। एक छोटी सी चिंगारी पूरे क्षेत्र को भयावह युद्ध की आग में झोंक सकती है।” यूरोपीय संघ ने ईरान से “अति आक्रामकता से बचने” का आग्रह किया है।
युद्ध के आर्थिक झटके: तेल की कीमतों में उछाल
इस तनाव का सीधा असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के भाव में 48 घंटों के भीतर 8% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विश्लेषकों का मानना है कि होर्मुज की खाड़ी – जहाँ से दुनिया का 20% तेल गुजरता है – में किसी भी व्यवधान से वैश्विक मंदी का खतरा पैदा हो सकता है। भारत जैसे तेल आयातक देशों पर महँगाई का दबाव बढ़ने की आशंका है।
गाजा और लेबनान: संघर्ष का दूसरा मोर्चा
इस बढ़ते तनाव ने गाजा पट्टी और इजराइल-लेबनान सीमा पर मौजूदा संघर्षों को और भड़का दिया है। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह ने इजराइल के उत्तरी इलाकों पर दर्जनों रॉकेट दागे हैं, जबकि इजराइली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं।
गाजा में, हमास के साथ लड़ाई जारी है, और अब ईरानी हस्तक्षेप से इस जटिल समीकरण में नया मोड़ आ गया है। एक वरिष्ठ पश्चिमी राजनयिक ने गुमनामी की शर्त पर कहा, “तेहरान गाजा और लेबनान को इजराइल के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध के मैदान के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। इससे शांति की कोई भी संभावना धुंधली हो रही है।”
भविष्य का अनुमान: क्या होगा अगला कदम?
सैन्य विशेषज्ञ दो संभावित परिदृश्य गिना रहे हैं। पहला, इजराइल “सीमित लेकिन सटीक प्रतिशोधी हमला” कर सकता है, जिसका लक्ष्य ईरानी क्षेत्र में सैन्य ठिकाने होंगे।
दूसरा, और अधिक खतरनाक परिदृश्य, एक पूर्ण पैमाने का युद्ध है जिसमें अमेरिका और अन्य देश शामिल हो सकते हैं। इजराइल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने चेतावनी दी है: “ईरान परमाणु हथियार बनाने की कगार पर है। अगर उन्हें रोकने के लिए अब कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में कीमत अरबों जानों की हो सकती है।”
आम लोगों की पीड़ा: युद्ध की सच्ची तस्वीर
इस सबके बीच, दोनों तरफ के आम नागरिक भय और अनिश्चितता में जी रहे हैं। तेल अवीव की निवासी सारा कोहेन बताती हैं, “बमशेल्टर में रात गुज़ारना अब हमारी दिनचर्या बन गई है। बच्चे धमाकों की आवाज़ से डरकर रोने लगते हैं। ये जिंदगी नहीं, सिर्फ जिंदा रहने की जंग है।”
ईरान की राजधानी तेहरान में भी माहौल तनावपूर्ण है। आर्थिक प्रतिबंधों से जूझ रहे ईरानियों को अब युद्ध का अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ रहा है। एक युवा ईरानी छात्र का कथन दिल दहला देता है: “हम सरकारों के टकराव में फंसे प्यादे हैं। सच्ची जीत तो तब होगी जब इस क्षेत्र में हर बच्चा बिना डर के सो सकेगा।”
एक तरफ शांति की गुहार दूसरी तरफ युद्ध की गर्जना?
ईरान और इजराइल के बीच यह नवीनतम टकराव न सिर्फ दोनों देशों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अप्रैल 2024 के बाद से यह पहली बार है जब ईरान ने सीधे इजराइल पर हमला किया है, जो दर्शाता है कि तनाव कम होने के बजाय और बढ़ रहा है। जबकि इजराइल की सैन्य तकनीक ने अभी तक बड़े नुकसान को रोका है, अगला हमला या प्रतिशोध कहीं अधिक विनाशकारी हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह तुरंत मध्यस्थता करे और दोनों पक्षों को पूर्ण युद्ध की राह पर चलने से रोके। जैसा कि एक अरब कवि ने कहा था: “युद्ध में विजय नहीं होती, सिर्फ सभी की हार होती है।” आज, पूरा मध्य पूर्व इसी हार के कगार पर खड़ा है, और दुनिया एक बार फिर सामूहिक सांस रोके इंतजार कर रही है कि अगला विस्फोट कहाँ होगा।