गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर क्रैश: पायलट समेत 7 की मौत!

रविवार, 15 जून 2025 को उत्तराखंड के केदारनाथ के पास गौरीकुंड के जंगलों में एक दुखद हेलीकॉप्टर हादसा हुआ। इस हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक मासूम बच्चा भी शामिल था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर देहरादून से केदारनाथ धाम की ओर जा रहा था, जब खराब मौसम के कारण यह गौरीकुंड-सोनप्रयाग के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन खराब मौसम ने राहत कार्यों में बाधा डाली।

8 दिन पहले सड़क पर हुई थी हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, अब गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर क्रैश

मात्र 8 दिन पहले, 7 जून 2025 को, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर एक हेलीकॉप्टर ने तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग के पास हाईवे पर आपातकालीन लैंडिंग की थी। उस घटना में क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर शामिल था, और सभी यात्री सुरक्षित रहे। हालांकि, उस हादसे ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। अब गौरीकुंड में हुआ यह ताजा हादसा क्षेत्र में हेलीकॉप्टर संचालन की चुनौतियों को और उजागर करता है।

हादसे का कारण: खराब मौसम और घना कोहरा

प्रारंभिक जांच के अनुसार, गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर क्रैश का मुख्य कारण खराब मौसम बताया जा रहा है। हादसे के समय क्षेत्र में घना कोहरा और तेज हवाएं थीं, जिसके कारण हेलीकॉप्टर की दृश्यता कम हो गई और यह नियंत्रण से बाहर होकर जंगलों में जा गिरा। हादसे के बाद हेलीकॉप्टर के मलबे में आग लगने की भी खबर है, जिसे राहत दलों ने समय रहते नियंत्रित कर लिया। यह हादसा केदारनाथ यात्रा के दौरान मौसम की अनिश्चितता और जोखिमों को दर्शाता है।

हेलीकॉप्टर और यात्रियों की जानकारी

हादसे का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का था, जो केदारनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने की सेवा प्रदान करता है। हेलीकॉप्टर में पायलट के अलावा 4 यात्री सवार थे, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था। दुर्भाग्यवश, इस हादसे में सभी की मौके पर ही मौत हो गई। प्रशासन ने मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और उनके परिजनों को सूचित किया जा रहा है।

बचाव कार्य और प्रशासन की प्रतिक्रिया

हादसे की सूचना सबसे पहले स्थानीय महिलाओं ने दी, जिन्होंने जंगल से धुआं उठता देखा। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत NDRF, SDRF, और स्थानीय पुलिस की टीमें मौके पर भेजीं। हालांकि, खराब मौसम और दुर्गम इलाके ने बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया। उत्तराखंड के ADG (कानून व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने पुष्टि की कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसों का इतिहास

केदारनाथ क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसे कोई नई बात नहीं हैं। पिछले 12 वर्षों में 14 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 33 लोगों की जान जा चुकी है। कुछ प्रमुख हादसों में शामिल हैं:

  • 18 अक्टूबर 2022: गरुड़चट्टी के पास आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 लोगों की मौत।
  • 25 जून 2013: केदारनाथ आपदा के दौरान MI-17 हेलीकॉप्टर क्रैश, 20 जवानों की शहादत।
  • 8 मई 2025: गंगनानी में हेलीकॉप्टर क्रैश, 6 तीर्थयात्रियों की मौत।

इन हादसों ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और संचालन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

DGCA की कार्रवाई और सुरक्षा उपाय

हाल के हादसों के बाद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवाओं की जांच तेज कर दी है। 7 जून के हादसे के बाद क्रिस्टल एविएशन की सेवाएं निलंबित की गई थीं, और अब इस ताजा हादसे के बाद आर्यन एविएशन की भी जांच शुरू हो गई है। DGCA ने हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों के लिए सख्त SOP (Standard Operating Procedures) लागू किए हैं, जिसमें उड़ान की ऊंचाई, पायलट लाइसेंस, और लॉग बुक की नियमित जांच शामिल है।

यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल

केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की मांग बहुत अधिक है, लेकिन बार-बार होने वाले हादसों ने यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर, जो दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान भरते हैं, मौसम की अनिश्चितता और तकनीकी खराबी के कारण जोखिम भरे हो सकते हैं। प्रशासन ने मौसम की स्थिति के आधार पर हेलीकॉप्टर उड़ानों पर अस्थायी रोक लगाने की संभावना जताई है।

गौरीकुंड में हुआ यह हेलीकॉप्टर हादसा न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाता है। प्रशासन और DGCA को मिलकर ऐसे उपाय करने होंगे, जो भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोक सकें। हम मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस हादसे की गहन जांच से सच्चाई सामने आएगी।

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