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NEET UG 2025 Result Released: राजस्थान के महेश केसवानी बने टॉपर, मुश्किल पेपर ने घटाया कट-ऑफ

नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने शनिवार, 14 जून को देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस साल 20 लाख से ज्यादा छात्रों में से 12.36 लाख ने परीक्षा में सफलता हासिल की है। राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले महेश केसवानी ने 720 में से 686 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल की है।

इस साल के नतीजे पिछले साल से काफी अलग हैं। 2024 में जहाँ 17 छात्रों ने 720/720 का परफेक्ट स्कोर किया था, वहीं इस बार परीक्षा के कठिन स्तर के चलते टॉपर का स्कोर और कट-ऑफ दोनों में गिरावट देखी गई है।

अभ्यर्थी अपना रिजल्ट NTA की आधिकारिक वेबसाइट exam.nta.ac.in/NEET और neet.ntaonline.in पर लॉग इन करके देख सकते हैं।

टॉपर्स लिस्ट और कट-ऑफ में गिरावट

इस साल टॉपर्स की सूची में मध्य प्रदेश के इंदौर के उत्कर्ष अवधिया ने दूसरी और महाराष्ट्र के कृषांग जोशी ने तीसरी रैंक हासिल की है। टॉप 10 में केवल एक लड़की, दिल्ली की अविका अग्रवाल, अपनी जगह बना पाई हैं। उन्हें फीमेल कैटेगरी में पहला स्थान मिला है।

इस बार पेपर के मुश्किल होने का सीधा असर कट-ऑफ पर दिखा है। अनारक्षित (General) कैटेगरी के लिए कट-ऑफ स्कोर 2024 के 162 से घटकर 144 हो गया है, जिससे छात्रों को थोड़ी राहत मिली है।

क्यों अटकी है फाइनल मेरिट लिस्ट?

हालांकि, NTA ने रिजल्ट जारी कर दिया है, लेकिन फाइनल मेरिट लिस्ट के लिए छात्रों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। इसका कारण मध्य प्रदेश के इंदौर के 75 छात्रों द्वारा दायर एक याचिका है। इन छात्रों ने शिकायत की थी कि 4 मई को परीक्षा के दौरान तूफान और बिजली कटौती के कारण उनका पेपर बाधित हुआ था।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने NTA को इन 75 छात्रों को छोड़कर बाकी सभी का रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया है। इन छात्रों के लिए NTA बाद में फैसला लेगा, जिसके बाद ही अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।

अब आगे क्या? समझिए काउंसलिंग की प्रक्रिया

NEET UG में क्वालिफाई होने वाले 12.36 लाख छात्रों के लिए अब अगला पड़ाव काउंसलिंग का है। देश भर में MBBS की लगभग 1.18 लाख सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।

  • ऑल इंडिया कोटा (AIQ): मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) 15% ऑल इंडिया कोटा सीटों के लिए काउंसलिंग आयोजित करेगी।
  • स्टेट कोटा: बची हुई 85% सीटों के लिए राज्यों की अपनी काउंसलिंग बॉडी प्रक्रिया का संचालन करेंगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, छात्रों को चॉइस फिलिंग के समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। पहले ऑल इंडिया कोटा का राउंड होगा, उसके बाद राज्यों के राउंड शुरू होंगे। यदि किसी छात्र को AIQ में सीट नहीं मिलती है, तो उसके पास स्टेट काउंसलिंग में मौका बना रहेगा। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे MCC और अपने राज्य की काउंसलिंग बॉडी की वेबसाइटों पर नियमित रूप से नजर बनाए रखें।

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