नई दिल्ली, 21 जून 2025: भारतीय विमानन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), ने आज एयर इंडिया पर बड़ा प्रहार किया है। नियामक ने एयरलाइन को पायलटों के उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) के गंभीर उल्लंघनों के लिए एक कड़ी औपचारिक चेतावनी जारी की है।
यह कार्रवाई DGCA की हालिया ‘स्पेशल सर्विलांस ड्राइव’ के निष्कर्षों के बाद आई है, जिसमें खुलासा हुआ कि एयर इंडिया कई मामलों में अपने पायलटों को अनुमत घंटों से अधिक काम पर लगा रही थी। इस खबर के आते ही हड़कंप मच गया है। बता दे, पिछले दिनों अमदाबाद में विमान हादसे के बाद आई इस खबर ने विमानन कंपनियों और पायलटों के बीच चर्चा को गर्म कर दिया है।
क्रू थकान को लेकर नियामक ने बुलंद आवाज़, एयरलाइन ने तुरंत सुधार का दावा; जानिए क्यों है यह आपकी उड़ान की सुरक्षा के लिए अहम?
क्यों है यह चिंता का विषय?
FDTL नियम पायलटों की थकान (फैटिग) को रोकने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की बुनियाद हैं। थका हुआ पायलट प्रतिक्रिया समय धीमा होना, निर्णय लेने में गलती जैसे गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। DGCA ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का पालन “हवाई सुरक्षा का मौलिक स्तंभ” है और ऐसे उल्लंघन “गंभीर सुरक्षा चिंताओं” को जन्म देते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पायलट थकान को एविएशन सुरक्षा के प्रमुख खतरों में गिना जाता है।
DGCA की सख्त चेतावनी में क्या है?
- एयर इंडिया को तत्काल और प्रभावी सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश।
- भविष्य में FDTL नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का आदेश।
- नियामक एयरलाइन की प्रगति पर लगातार नजर रखेगा।
एयर इंडिया का पक्ष
सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया ने DGCA की जांच में पूरा सहयोग दिया है और चेतावनी का तुरंत जवाब दिया है। एयरलाइन ने प्रतिक्रिया में दावा किया है कि वह “क्रू रोस्टरिंग प्रक्रियाओं में सुधार” कर रही है और “चालक दल थकान प्रबंधन प्रणाली (FRMS)” को और मजबूत बना रही है। उनका कहना है कि यात्री सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
क्या है बैकग्राउंड?
- यह घटना ऐसे समय आई है जब भारतीय एविएशन मार्केट बेतहाशा विकास कर रहा है, एयरलाइंस पर फ्लीट का विस्तार और फ्लाइट्स की आवृत्ति बढ़ाने का दबाव है।
- पायलट एसोसिएशन्स अक्सर अनियमित ड्यूटी शेड्यूल और थकान के जोखिमों को लेकर चिंता जताते रहे हैं।
- DGCA की यह कार्रवाई उनकी “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत सुरक्षा मानकों पर समझौता न करने के संकेत को रेखांकित करती है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
एविएशन सेफ्टी विशेषज्ञ, कैप्टन के.आर. शर्मा ने हमारे साथ बातचीत में कहते हैं: “FDTL उल्लंघन कोई छोटी गलती नहीं है। यह सीधे तौर पर यात्री और क्रू की जान से खिलवाड़ है। DGCA की यह सख्ती सही दिशा में कदम है। एयरलाइंस को विकास और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना होगा। थकान एक ‘साइलेंट किलर’ है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
DGCA की चेतावनी के बाद, क्या होगा?
इस चेतावनी के बाद सभी प्रमुख भारतीय एयरलाइंस DGCA के निगरानी रडार पर होंगी। उम्मीद है कि एयर इंडिया द्वारा लिए गए सुधारात्मक कदम नियामक को संतुष्ट करेंगे। यह मामला एविएशन इंडस्ट्री में सुरक्षा संस्कृति को फिर से केंद्र में लाता है।
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