नई दिल्ली 23 जून 2025: ईरान-इजराइल युद्ध (Iran-Israel War) अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। पिछले दो दिनों में इस युद्ध मे अमेरिका की एंट्री ने आग में घी का काम कर दिया। अमेरिकी हमलों से बौखलाया ईरान ने इजराइल के चार शहरों में भयंकर तबाही मचा दी है। इजरायल की प्रतिष्ठित वायु रक्षा प्रणाली “आयरन डोम” इस हमले को रोकने में पूरी तरह विफल रही है।
Iran-Israel war latest update: हमारे सूत्रों के अनुसार, “यह युद्ध अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। ईरान द्वारा दागे गए बैलिस्टिक मिसाइलों ने हाइफा शहर को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। इजरायल की प्रतिष्ठित वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन डोम’ इसे भेदने में नाकाम रही, जिसके बाद अमेरिका ने ईरानी सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं।”
तबाही का मंजर; हाइफा में ईरानी मिसाइलों ने मचाई तबाही।
इराइल के हाइफा, तेल अवीव, रिशोन लेजियन और बीर्शेबा शहरों में ईरानी मिसाइलों में हुई तबाही से लोग सिहर उठे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ‘ईरान ने इजरायल पर 150–200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से कई हाइफा और तेल अवीव जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में जा गिरीं। इन हमलों में आवासीय भवनों, बुनियादी ढाँचे और औद्योगिक इमारतों को भारी नुकसान पहुँचा।’
ईरानी हमले के बाद लोग बंकर पर घुसकर अपनी जान बचाएं। वावजूद इसके काफी लोग इसकी जद में आकर अपनी जान गवां बैठे। हाइफा और गैलिली क्षेत्र में तीन नागरिकों की मौत हुई और 34–70 लोग घायल हुए। आग लगने और मलबे के कारण बचाव कार्य मुश्किल हो गया है।
आयरन डोम हुआ फेल।
इजरायल की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने 80–90% मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन आयरन डोम—जो मुख्य रूप से छोटी दूरी के रॉकेटों के लिए डिज़ाइन किया गया है—केवल 20–30% बैलिस्टिक मिसाइलों को ही नष्ट कर पाया। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि भारी और तेज़ मिसाइलों के हमले में यह प्रणाली अप्रभावी है। आयरन डोम फेल होने के कारण सायरन नही बजा। जिसका नतीजा यह हुआ कि इन शहरों में भारी तबाही हुई।
जानिए, ‘आयरन डोम के फेल होने का कारण?’
आयरन डोम को 4–70 किमी की सीमा वाले रॉकेटों को रोकने के लिए बनाया गया है, जबकि ईरान की शहाब-3 जैसी मिसाइलें 2,000 किमी तक मार कर सकती हैं और 5 मैक की रफ्तार से हमला करती हैं। इन्हें रोकने के लिए इजरायल को एरो 3 और डेविड्स स्लिंग जैसी उन्नत प्रणालियों पर निर्भर रहना पड़ता है।
इसके अलावा एक साथ कई दिशाओं से किए गए हमले आयरन डोम को ओवरव्हेल्म कर गए। हिज़्बुल्लाह के पास ईरान द्वारा आपूर्ति किए गए 150,000 से अधिक रॉकेट हैं, जो भविष्य में बड़े पैमाने पर हमले की आशंका को जन्म देते है।
मिली जानकारी के अनुसार, इजराइल अब “आयरन बीम” लेजर सिस्टम विकसित कर रहा है, जो रॉकेटों को कम लागत में नष्ट कर सकेगा। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वायु रक्षा प्रणालियों के बीच समन्वय बढ़ा सकता है। फिलहाल अभी के लिए इजराइल के पास अमेरिका का सहारा है।
ईरान पर अमेरिका ने किया हमला, रूस ने दी बड़ी चेतावनी!
ईरान द्वारा मिसाइलों से किए गये हमले से बौखलाया अमेरिका ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला बोल दिया। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु सुविधा “फोर्डो” पर हमले की योजना को मंजूरी दी। अमेरिकी नौसेना के जहाजों ने एजिस मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए ईरानी लक्ष्यों पर हमला किया।
अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों क्रमशः फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर 13,608 किलो के दर्जनभर बंकर बस्टर बम गिराए नाम दिया ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर।’ इस हमलें में 7 स्टील्थ B-2 बॉम्बर्स, रिफ्यूलिंग और फाइटर जेट समेत 125 से अधिक विमान शामिल थे साथ ही इस्फहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी अमेरिका ने छोड़ी।
उधर ईरान-इजराइल युद्ध मे अमेरिका को उतरता देख रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि इजरायल को सैन्य सहायता देना “स्थिति को बेहद अस्थिर कर सकता है”। उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने कहा: “हम वाशिंगटन को ऐसी किसी भी संभावना पर विचार करने से रोकते हैं”।
हज़ारो की संख्या में लोग सड़कों पर उतरें।
यूक्रेन युद्ध और ईरान को समर्थन के खिलाफ रूस में हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे। पुलिस ने 4,300 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें साइबेरिया के शहरों के नागरिक भी शामिल थे।
ईरान की संसद में तेल-गैस का रास्ता रोकने के प्रस्ताव के बाद भारतीय शेयर बाजार हुआ धड़ाम!
ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसका असर आज भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक रहा। सेंसेक्स 900 पॉइंट जबकि निफ़्टी 300 पॉइंट गिरकर कारोबार कर रहे है। इंडिया विक्स में तेजी देखी जा रही है।