Big Breaking: ईरान ने इज़राइल पर नए सिरे से 20वीं श्रृंखला में ताबड़तोड़ हवाई हमले शुरू किए।

ईरान ने इजरायल पर शुरू किए ताबड़तोड़ हवाई हमले! अमेरिकी कार्रवाई ने बढ़ाई आशंका

(स्मार्टखबरी.कॉम विशेष रिपोर्ट)
नई दिल्ली, 22 जून 2025
इजरायल के हाइफ़ा शहर में आज सुबह (भारतीय समयानुसार सुबह 8:30 बजे) धमाकों की गड़गड़ाहट ने मध्य पूर्व को युद्ध के कगार पर पहुँचा दिया। ईरान की विशेष सैन्य इकाई इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) ने इजरायल पर 20वीं बार ताबड़तोड़ हवाई हमले का अभियान चलाया। यह धमाके अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो परमाणु स्थल पर किए गए रात के हमले के महज 6 घंटे बाद हुए हैं। स्मार्टखबरी.कॉम लेकर आया है इस ईरान इजराइल युद्ध ताजा अपडेट का विस्तृत ब्योरा।

🔥 हाइफ़ा में तबाही: सायरन बजने से पहले ही गिरे वार

इजरायली मीडिया के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे (भारतीय समय: सुबह 8:30 बजे) हाइफ़ा बंदरगाह के निकट 3 भीषण विस्फोट हुए। ईरानी शाहीन-2 ड्रोन्स ने इजरायली रक्षा उद्योग से जुड़े राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स के संयंत्र को निशाना बनाया। स्थानीय निवासी डेविड बेन के शब्दों में: “खिड़कियाँ चकनाचूर हो गईं… पूरा इलाका धुएँ के गुबार से घिर गया।”

ईरानी विदेश मंत्रालय का बयान:
“यह कार्रवाई अमेरिकी आक्रामकता का प्रत्युत्तर है। हमने केवल ‘सियोनी शासन’ के सैन्य-औद्योगिक लक्ष्यों को चुना है।”

☢️ अमेरिका ने ईरानी परमाणु स्थल पर मारी चोट: “शांति” या युद्ध का बहाना?

इस संकट की जड़ में है अमेरिका की शनिवार रात (भारतीय समय: 22 जून तड़के 2 बजे) की कार्रवाई। अमेरिकी B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के फोर्डो अंडरग्राउंड न्यूक्लियर साइट पर 6 निर्देशित बम गिराए। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने एक वीडियो संदेश में दावा किया:

“यह प्रीएम्प्टिव स्ट्राइक विश्व शांति के लिए थी… ईरान परमाणु हथियार विकसित नहीं कर सकता।”

लेकिन तेहरान में इस हमले को “युद्ध की घोषणा” माना गया। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने चेतावनी जारी की: “फोर्डो में विकिरण रिसाव का खतरा बढ़ गया है।”

📞 फ्रांस-ईरान वार्ता: मैक्रॉन बीच-बचाव में

इस विस्फोटक माहौल के बीच, ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से जरूरी फोन वार्ता की। स्मार्टखबरी.कॉम को विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार (विस्तृत रिपोर्ट), पेजेशकियन ने स्पष्ट किया:

“पश्चिम को ईरान की सुरक्षा चिंताओं को समझना होगा। हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अमेरिकी हमले का जवाब देंगे।”

इस वार्ता के बाद फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की माँग की है।

💣 गहराता संकट: क्यों खतरनाक है यह “आँख के बदले आँख” की रणनीति?

स्मार्टखबरी.कॉम के रक्षा विश्लेषक अनिल कुमार का मूल्यांकन:

“अमेरिका द्वारा परमाणु सुविधा पर प्रहार एक भयावह स्थापना है। ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं, लेकिन वह 3000+ क्रूज मिसाइलों से इजरायल और अमेरिकी ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचा सकता है। अगर इजरायल ने ईरानी धरती पर जवाबी हवाई हमला किया, तो यह खुला युद्ध होगा।”

⚡ ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा:

  • फोर्डो स्थल पर 40 मीटर गहरा गड्ढा, संरचनाएँ ध्वस्त
  • हाइफ़ा में राफेल संयंत्र का 70% हिस्सा नष्ट

📜 घटनाक्रम: 24 घंटों में कैसे बिगड़ी स्थिति?

तारीख/समय (भारतीय समय)घटना
21 जून, रात 10 बजेअमेरिकी खुफिया चेतावनी: “ईरान फोर्डो में यूरेनियम संवर्धन तेज”
22 जून, तड़के 2 बजेअमेरिका ने फोर्डो पर हवाई हमला किया
22 जून, सुबह 4 बजेईरान ने हमले की निंदा करते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी की
22 जून, सुबह 8:30 बजेIRGC ने हाइफ़ा पर हवाई हमला किया
22 जून, दोपहर 12 बजेपेजेशकियन-मैक्रॉन फोन वार्ता

🌍 वैश्विक प्रतिक्रियाएँ: किसने क्या कहा?

  • रूस: “अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया।”
  • सऊदी अरब: “हम सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं।”
  • भारत: “हिंद महासागर क्षेत्र में शांति बनाए रखने का आग्रह।”

🔮 आगे क्या? तीन संभावित परिदृश्य

  1. ईरानी प्रतिशोध: खाड़ी में अमेरिकी नौसैनिक अड्डों पर मिसाइल हमले की आशंका
  2. इजरायली जवाबी कार्रवाई: सीरिया में ईरान समर्थित हिजबुल्ला ठिकानों पर हवाई हमले
  3. आर्थिक प्रभाव: होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने पर तेल $150/बैरल पार कर सकता है

“यह 1973 के युद्ध जैसा दौर है, पर आधुनिक हथियारों के साथ।”
– डॉ. रंजीत शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ

क्या शांति का कोई रास्ता बचा है?

इस ईरान इजरायल युद्ध ताजा अपडेट का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि दोनों पक्ष “प्रतिशोध की भूलभुलैया” में फँसे प्रतीत होते हैं। मैक्रॉन और संयुक्त राष्ट्र की पहल कारगर होगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका बंदूकों की जगह कूटनीति को प्राथमिकता देता है या नहीं। हमारे पाठकों से निवेदन: इस रिपोर्ट को साझा करें ताकि ज्यादा लोग इस संकट की गंभीरता समझ सकें।

(स्रोत: IAEA, रॉयटर्स, अल-अरबिया, टाइम्स ऑफ़ इजरायल, स्मार्टखबरी.कॉम विशेष सूत्र)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *