राहुल गांधी ने सरकार के फैसले का स्वागत किया, लेकिन मांग की डिटेल्ड एक्शन प्लान की
नई दिल्ली, [30 अप्रैल 2025]: कांग्रेस नेता और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने के फैसले का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही सरकार से इसकी स्पष्ट समयसीमा और डिजाइन मांगी है। संसद में दिए अपने बयान में गांधी ने कहा कि यह जनगणना देश में सामाजिक न्याय की नई इबारत लिखेगी, लेकिन इसके लिए बिहार और तेलंगाना के मॉडल्स से सबक लेते हुए एक पारदर्शी योजना बनानी होगी।
“50% आरक्षण सीमा तोड़ने और निजी संस्थानों में आरक्षण का वादा”
गांधी ने कहा, “हमने हमेशा कहा है कि जातिगत जनगणना के बिना सामाजिक न्याय अधूरा है। साथ ही, आरक्षण में 50% की सीमा को भी तोड़ना होगा। निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण (आर्टिकल 15(5) के तहत) लागू करने का हमारा वादा अब सरकार ने मान लिया है, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।”
“तेलंगाना मॉडल हो सकता है ब्लूप्रिंट”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जातिगत जनगणना का डिजाइन महत्वपूर्ण है और इसमें तेलंगाना का मॉडल एक उदाहरण हो सकता है। “बिहार ने जनगणना कराई, लेकिन तेलंगाना ने इसे और व्यवस्थित तरीके से किया। हम सरकार को इस काम में तकनीकी और सामाजिक सहयोग देने के लिए तैयार हैं।”
“पावर स्ट्रक्चर में हिस्सेदारी का पता लगेगा”
राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना से सिर्फ जनसंख्या ही नहीं, बल्कि OBC, दलित और आदिवासियों की शिक्षा, नौकरियों और सत्ता में भागीदारी का भी पता चलेगा। “हमें पता होना चाहिए कि देश की संस्थाओं में इन समुदायों का प्रतिनिधित्व कितना है। यह डेटा विकास नीतियों का आधार बनेगा।”
सरकार से मांग: “टाइमलाइन और डेवलपमेंटल विजन साझा करें”
कांग्रेस नेता ने सरकार से जातिगत जनगणना की समयसीमा और उसके बाद के विकासात्मक लक्ष्य स्पष्ट करने को कहा। “यह सिर्फ गिनती नहीं, बल्कि न्याय का सवाल है। सरकार को बताना चाहिए कि यह काम कब तक पूरा होगा और इसके नतीजों को कैसे लागू किया जाएगा।”
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सिर्फ चार जातियां” (गरीब, युवा, महिला, किसान) का नारा दिया था, लेकिन अब जातिगत जनगणना की घोषणा को कांग्रेस ने अपने दबाव का परिणाम बताया है। पार्टी का कहना है कि यह सामाजिक न्याय के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, लेकिन इसे ठोस रूप देने की जरूरत है।
आगे की कार्रवाई:
कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे को और जोरदार तरीके से उठाने का संकेत दिया है। साथ ही, आरक्षण सीमा हटाने और निजी संस्थानों में आरक्षण को लेकर दबाव बनाए रखने की योजना है।
संवाददाता: अवधेश यादव, स्मार्ट खबरी न्यूज़ डेस्क