नवरात्रि की रात में मां की ज्योति लेकर जा रही यात्रा पर अचानक हमला, गाने को लेकर भिड़े युवक। अफरातफरी में भागते लोग, घायलों की चीखें और पुलिस का दौड़ना – ये दृश्य लखनऊ के सदरौना इलाके में देखने को मिला।
लखनऊ में आयोजित ज्योति यात्रा में हुए बवाल ने शहर की शांति को झकझोर दिया है। बुधवार देर रात पारा इलाके की काशीराम कॉलोनी में नवरात्रि जागरण के लिए निकली मां की ज्योति यात्रा पर कुछ युवकों ने हमला बोल दिया। डीजे पर बज रहे ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे’ गीत को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते पथराव में बदल गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यात्रा में शामिल भक्त डांस कर रहे थे, तभी 10-12 युवकों ने विरोध जताया और बात बिगड़ गई।
घटना स्थल पर क्या हुआ? पूरी आपबीती
काशीराम कॉलोनी के निवासी अंशु गौतम ने हमें ग्राउंड से बताया कि वे फीनिक्स मॉल के पीछे ज्वाला माता मंदिर से ज्योति लेकर जागरण स्थल की ओर जा रहे थे। डीजे की धुन पर सभी झूम रहे थे, लेकिन सदरौना के पास आर्य मैरिज लॉन के करीब बैठे युवकों ने अचानक गाने पर आपत्ति जताई। अंशु ने कहा, “हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ये धार्मिक कार्यक्रम है, लेकिन वे नहीं माने। गाली-गलौज के बाद ईंट-पत्थर चलाने लगे।” इस हमले में अंशु खुद, अक्षय पाल और सत्यम पाल को चोटें आईं। अफरातफरी मच गई, लोग इधर-उधर भागे और यात्रा रुक गई।
एक अन्य पीड़ित अभिषेक ने अपनी मां और पिता की मारपीट का जिक्र करते हुए कहा, “हमने कहा कि माता रानी का गाना बज रहा है, लेकिन वे बोले फिल्मी सॉन्ग चलेगा। मना करने पर हाथापाई शुरू हो गई।” यह विवाद नवरात्रि उत्सव के दौरान हुआ, जब इलाके में जागरण और यात्राएं आम हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों में संगीत बजना सामान्य है, लेकिन इस बार धार्मिक गीत पर ही बवाल हो गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच
सूचना मिलते ही पारा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक हमलावर फरार हो चुके थे। इंस्पेक्टर पारासुरेश सिंह ने हमें बताया, “हमने यात्रा को सुरक्षित जागरण स्थल तक पहुंचाया और लोगों को शांत किया। मामले में तहरीर मिलने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।” गुरुवार सुबह तक पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। यात्रा के बाद जागरण हुआ और विसर्जन निकाला गया, जिसमें सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात रहा।
इलाके के निवासियों ने चिंता जताई कि ऐसे छोटे-मोटे विवाद शहर की सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन पुलिस का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि हमलावरों का मकसद क्या था और क्या कोई पुरानी रंजिश शामिल है।
घायलों की स्थिति और स्थानीय प्रतिक्रियाएं
घायल अंशु गौतम, अक्षय पाल और सत्यम पाल को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। अभिषेक ने बताया कि उनकी मां और पिता को भी चोटें आईं, लेकिन गंभीर नहीं। कॉलोनी में रहने वाले अन्य लोगों ने कहा कि नवरात्रि जैसे पर्व में ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। कई ने डीजे संचालकों से अपील की कि धार्मिक गीतों का चयन सावधानी से करें, ताकि कोई विवाद न हो।
यह घटना लखनऊ में धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा की जरूरत को फिर से उजागर करती है। पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और आगे के उत्सवों के लिए अलर्ट जारी किया है।
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