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शराब उत्पादन में यूपी बनेगा नंबर 1: योगी सरकार की नई आबकारी नीति कैसे लाएगी बड़ा बदलाव?

लखनऊ, उत्तर प्रदेश 12 जुलाई 2025: महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा को पछाड़ शराब उत्पादन में यूपी अग्रणी राज्य बनने से बस चंद कदम पीछे है दरअसल इसके लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है। महाराष्ट्र की एक बड़ी शराब कंपनी कानपुर देहात के रानियां में अपना एक मेगा प्लांट स्थापित करने जा रही है।

जानिए, “कैसे शराब उत्पादन में यूपी बनेगा नंबर 1?”

योगी सरकार की आबकारी विभाग की नई पहल और निवेशक-केंद्रित नीतियों ने उत्तर प्रदेश को शराब व अल्कोहल आधारित उद्योगों का हब बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है। इसी कड़ी में 9 जुलाई को लखनऊ में पहली बार आयोजित इन्वेस्टर्स समिट ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया।

हालांकि, उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश अभी महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा से पीछे है, क्योंकि यहां अंगूर की फसल का अभाव रहा। लेकिन, अब आम, अमरूद, जामुन और शहतूत जैसे फलों से वाइन बनाने के सफल प्रयोगों ने कंपनियों का रुझान बढ़ाया है। नतीजतन, निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में रुचि दिखानी शुरू कर दी है। आने वाले समय में यूपी शराब उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनने की राह पर है।

“शराब उत्पादन करने वाली कंपनियों को आउटलेट खोलने की अनुमति दी गई है। साथ ही 05 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट प्रदान की जा रही है।” – आबकारी आयुक्त डा. आदर्श सिंह

उत्तर प्रदेश में पहले से ही कई कंपनियों ने शराब उत्पादन के लिए अपने प्लांट स्थापित किए हैं, जो इस क्षेत्र में बढ़ते अवसरों का प्रमाण है और अब कानपुर देहात के रनियां में शराब का मेगा प्लांट बनने जा रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि शराब उत्पादन में यूपी अब दूसरे राज्यों को पिछाड़ कर नंबर 1 बनने की राह पर निकल चुका है।

यूपी में पहले से ही यह कंपनिया कर रही शराब उत्पादन

नोएडा में सुरभि वाइन, मुजफ्फरनगर में केडी ग्रीन, सहारनपुर में वार्नी, और लखनऊ के पास मलिहाबाद में एम्ब्रोसिया नेचर लिविंग ने वाइन उत्पादन इकाइयां स्थापित की हैं। ये कंपनियां स्थानीय फलों का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाली वाइन का उत्पादन कर रही हैं, जो न केवल स्थानीय बाजार में लोकप्रिय हो रही हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इन इकाइयों ने न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, बल्कि स्थानीय किसानों को भी फल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया है। इसके अतिरिक्त, सरकार की सहयोगी नीतियों और बुनियादी ढांचे के विकास ने इन कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।

कानपुर देहात में महाराष्ट्र की कंपनियों का बड़ा निवेश

उत्तर प्रदेश में वाइन उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ा कदम कानपुर देहात के रनिया में देखने को मिल रहा है, जहां महाराष्ट्र की प्रसिद्ध शराब निर्माता कंपनी गुड ड्राप वाइन सेलर्स प्राइवेट लिमिटेड एक अत्याधुनिक वाइन उत्पादन प्लांट स्थापित कर रही है। यह प्लांट उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्र में निवेश और तकनीकी उन्नति को भी प्रोत्साहन देगा।

इसके अलावा, महाराष्ट्र की अग्रणी कंपनी सुला वाइनयार्ड सहित कई अन्य प्रमुख वाइन निर्माता कंपनियां उत्तर प्रदेश में संभावनाएं तलाश रही हैं। सुला वाइनयार्ड, जो भारत में वाइन उत्पादन के क्षेत्र में एक जाना-माना नाम है, अब यूपी के अनुकूल माहौल और नवीन उत्पादन तकनीकों से आकर्षित हो रही है। स्थानीय फलों से वाइन उत्पादन की सफलता ने इन कंपनियों को यूपी में निवेश के लिए प्रेरित किया है। यह निवेश न केवल औद्योगिक विकास को गति देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को शराब और वाइन उत्पादन के राष्ट्रीय नक्शे पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा।

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पिछले कुछ समय में, आबकारी नीतियों में किए गए व्यापक सुधारों ने निवेशकों का ध्यान यूपी की तरफ आकर्षित हुआ है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने स्मार्टख़बरी से हुई बातचीत में कहा कि, आबकारी विभाग ने 15% की औसत वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की राजस्व आय में भारी उछाल आया है। आबकारी विभाग की यह नीतियां न केवल निवेशकों के लिए अनुकूल हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत गति दे रही हैं। इसे देखकर लगता है कि आने वाले समय में शराब उत्पादन में यूपी नंबर 1बन सकता है।

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