Dr. Anushka Tiwari
कानपुर, 16 मई 2025 – केशवनगर स्थित इंपायर क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद दो युवा इंजीनियरों की मौत से उस समय हंगामा मच गया, ‘जब लोगो को पता चला कि हेयर ट्रांसप्लांट जैसी जटिल सर्जरी करने वाली डॉ. अनुष्का तिवारी दांतों की डॉक्टर है।’ पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि डॉ. अनुष्का के पास केवल BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की डिग्री है, इस डिग्री के बलपर हेयर ट्रांसप्लांट जैसी सर्जरी करना पूरी तरह गैरकानूनी है।
🔍 जानिए, कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट कांड के बारे में।
कानपुर के पनकी पावर हाउस के सहायक अभियंता विनीत दुबे और फरुखाबाद के इंजीनियरिंग मयंक कटियार के बाल झड़ गए थे। उन्होंने अखबार में विज्ञापन देखा जिसमे हेयर ट्रांसप्लांट के जरिये सर्जरी करके दुबारा बाल उगाना का दावा किया गया था। दोनो इंजीनियर अपने झड़े हुए बाल को फिर से उगाने की चाह में रावतपुर गांव थाना अंतर्गत केशवनगर के इंपायर क्लीनिक पहुंचे। जहां उन्होंने डॉ. अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराया। आरोप है कि दोनों की सर्जरी के कुछ घंटों बाद तेज दर्द, संक्रमण और हृदयगति रुकने से मौत हो गई।
मृतक मयंक के परिजनों ने बताया कि सर्जरी के बाद उसे बिना उचित देखभाल के घर भेज दिया गया। जहां रातभर दर्द से कराहने के बाद अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई।
डॉ. अनुष्का तिवारी आरोपित
- डॉ. अनुष्का ने मरीजों से 40,000–50,000 रुपये लेकर सर्जरी की, जबकि अन्य क्लीनिक्स में यह प्रक्रिया लाखों रुपये में होती है।
- आरोप है कि क्लीनिक में कोई प्रशिक्षित सर्जिकल स्टाफ नहीं था, और संक्रमण रोकने के मानक उपाय भी नहीं अपनाए गए।
डॉ. अनुष्का तिवारी पर मर्डर, धोखाधड़ी और गैरकानूनी मेडिकल प्रैक्टिस का मुकदमा दर्ज
- डीसीपी दिनेश त्रिपाठी ने पुष्टि की कि डॉ. अनुष्का और उनके पति (जो खुद को डेंटिस्ट बताते थे) फरार हैं। क्लीनिक को सील कर दिया गया है।
- विनीत की पत्नी जया और मयंक के परिवार ने मर्डर, धोखाधड़ी और गैरकानूनी मेडिकल प्रैक्टिस का केस दर्ज कराया है।
⚠️ डॉ. अनुष्का तिवारी के चंगुल में फंस चुके है कई लोग
- जीत कुमार (कन्नौज) और राजेंद्र पाठक (उन्नाव) ने बताया कि उन्हें भी इस क्लीनिक में संक्रमण और गंभीर चेहरे की सूजन का सामना करना पड़ा। डॉ. अनुष्का ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।
- विक्रम (राजेंद्र का दोस्त) अभी भी बिस्तर पर है और उसके चेहरे पर संक्रमण फैल चुका है।
📌 जानिए, क्यों गंभीर है कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट कांड
- BDS डिग्रीधारक को हेयर ट्रांसप्लांट करने का कोई अधिकार नहीं। यह केवल MBBS और MCh (प्लास्टिक सर्जरी) योग्य डॉक्टर ही कर सकते हैं।
- क्लीनिक का कोई वैध लाइसेंस नहीं था, और डॉ. अनुष्का ने झूठे विज्ञापनों से मरीजों को आकर्षित किया।
कानपुर के चर्चित हेयर ट्रांसप्लांट कांड ने खोल दी स्वास्थ विभाग की पोल।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में चर्चित हेयर ट्रांसप्लांट कांड ने स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी। यूपी के महानगर व पूर्व में एशिया के मैनचेस्टर के खिताब से नवाजा जा चुके इस जिलें में स्वास्थ्य विभाग की क्या हालत है यह बताने के लिए कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट कांड ही काफी है।
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स्वास्थ विभाग के अफसर अगर ऑफिस में कुर्सी तोड़ने के बजाय महानगर में संचालित क्लिनिक के कागजात, डॉक्टरो की डिग्री व रजिस्ट्रेशन की जांच किये होते तो आज दो नौजवानों की जान बच गई होती है। इस घटना के लिए केवल डॉ. अनुष्का तिवारी व उसके पति ही नही जिम्मेदार है बल्कि वह भी जिम्मेदार है जो जनता के टैक्स के पैसों से मोटी तनख्वाह तो ले लेते है लेकिन काम करने के बजाय दफ्तर में आराम फरमाते है।
फिलहाल रावतपुर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और क्लिनिक को सील कर दिया है आरोपी दोनो डॉक्टर फरार बताए जा रहे है। लेकिन यह भी बता दे, कि डॉ. अनुष्का तिवारी व उसके पति दोनो रसूखदार है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, इसके पहले भी दोनो पर कई बार आरोप लगा चुका है लेकिन उनके रसूख के आगे पुलिस बेबस नजर आई और कार्यवाही से हाथ खींच लिया।
मृतकों के परिजनों के कहना है कि स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज करने में देरी करने लगे बाद में पुलिस के उच्चाधिकारियों की पहल पर दोनो आरोपित डॉक्टरो के ऊपर एफआईआर दर्ज हो सकी। अब आगे देखने वाली बात होगी कि पुलिस कब तक इन दोनों फर्जी डॉक्टरों को पकड़ कर मृतक के परिजनों को इंसाफ दिला पाती है।
आपको क्या लगता है डॉ. अनुष्का तिवारी व उसके पति को गिरफ्तार कर पुलिस इस केस की ईमानदारी से विवेचना कर मृतक के परिजनों को इंसाफ दिला पाएगी? कमेंट सेक्शन में हमे जरूर बताएं।