कानपुर। शनिवार दोपहर 2:30 बजे सिविल जज अमर प्रताप चौधरी की अदालत में स्टेनोग्राफर नेहा (30) अचानक छठी मंजिल से लॉन में गिरीं। घाटमपुर की रहने वाली नेहा चार महीने पहले ही नौकरी जॉइन की थीं। घटना के बाद कचहरी में भगदड़ की स्थिति बन गई। पुलिस ने उर्सला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान मौत हो गई। फोरेंसिक टीम ने सीसीटीवी और सबूत जुटाए, शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
परिवार का गंभीर आरोप: हैरसमेंट से फेंकी गई?
नाना जय प्रकाश संखवार ने कोर्ट स्टाफ पर दलित होने के चलते तंग करने का इल्जाम लगाया। “नेहा टेंशन में मां को फोन कर रोई थी। यह कूदना नहीं, फेंकना लगता है,” उन्होंने कहा। मृतक के पिता कानूनगो, भाई इंस्पेक्टर है ख़बर मिलते ही परिवार सदमे में कानपुर पहुंचे।
पुलिस एक्शन: जांच में नया मोड़?
कमिश्नर रघुवीर लाल और डीसीपी सत्यजीत गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर जांच तेज की। “कारणों की पड़ताल जारी, परिवार के दावे जांचेंगे,” कमिश्नर बोले। कोर्ट ने आंतरिक प्रॉब तकनीकी जांच शुरू की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज—क्या कार्यस्थल का दबाव था पीछे?
इस सनसनीखेज केस पर नजर टिकाए रखें। नई अपडेट्स के लिए बने रहें—क्या निकलेगा पोस्टमॉर्टम से?