गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 23 जुलाई: गोरखपुर के पीएसी ट्रेनिंग सेंटर में 600 महिला सिपाहियों का गुस्सा फूट पड़ा। रोते-चिल्लाते हुए सड़क पर उतरीं इन सिपाहियों ने खोली व्यवस्थाओं की पोल।
महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर में अव्यवस्था का आलम
गोरखपुर के बिछिया स्थित 26वीं वाहिनी पीएसी कैंपस में 21 जुलाई से शुरू हुई महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर की बदहाली ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया। करीब 600 महिला रिक्रूट्स, जो 2023 बैच की हैं और यूपी पुलिस की भर्ती प्रक्रिया के बाद प्रशिक्षण के लिए यहां पहुंची थीं, ने बुधवार सुबह सड़क पर उतरकर जोरदार हंगामा किया।
इन सिपाहियों का कहना है कि ट्रेनिंग सेंटर में न तो पीने का पानी है, न बिजली, न पंखे, और न ही नहाने की बुनियादी सुविधाएं। इतना ही नहीं, शिकायत करने पर उन्हें भद्दी गालियां और धमकियां मिल रही हैं। कुछ सिपाहियों ने तो यह तक आरोप लगाया कि बाथरूम की गैलरी में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे उनकी निजता खतरे में है।
क्या है पूरा मामला?
सोमवार को शुरू हुई इस ट्रेनिंग में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आईं 598 महिला सिपाहियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेकिन दो दिन के भीतर ही सेंटर की बदहाल व्यवस्था ने इन सिपाहियों का सब्र तोड़ दिया।
सुबह 8 बजे करीब 600 सिपाही रोती-चिल्लाती हुई सेंटर के गेट से बाहर निकलीं और सड़क जाम कर धरने पर बैठ गईं। कई सिपाहियों ने अपने परिजनों को फोन कर रो-रोकर हालात बताए। एक सिपाही ने कहा, “जब यहां बुनियादी सुविधाएं ही नहीं थीं, तो हमें ट्रेनिंग के लिए क्यों बुलाया गया?”
सुविधाओं की कमी ने बढ़ाई परेशानी
महिला सिपाहियों का कहना है कि सेंटर की क्षमता केवल 360 लोगों की है, लेकिन यहां 600 सिपाहियों को ठूंसा गया है। इससे रहने, सोने और बुनियादी सुविधाओं में भारी दिक्कत हो रही है।
- पानी की किल्लत: सिपाहियों का आरोप है कि पूरे दिन में उन्हें केवल 500 मिलीलीटर पीने का पानी मिलता है। एकमात्र आरओ मशीन 600 लोगों की जरूरत पूरी करने में नाकाम है।
- बिजली और पंखे की कमी: रातभर बिजली गुल रहती है, जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं। 30 सिपाहियों के कमरे में सिर्फ 4 पंखे हैं, जिनमें से ज्यादातर खराब हैं।
- नहाने की बदइंतजामी: बाथरूम की संख्या कम होने से सुबह लंबी लाइनें लगती हैं। कई सिपाहियों को खुले में टेंट के नीचे नहाना पड़ रहा है, जहां पुरुष कर्मचारियों की आवाजाही उनकी निजता को भंग कर रही है।
- खाने की गुणवत्ता: सिपाहियों ने बताया कि खाना समय पर नहीं मिलता और उसकी गुणवत्ता बेहद खराब है।
निजता पर सवाल: बाथरूम में कैमरे का आरोप
सबसे गंभीर आरोप बाथरूम की गैलरी में सीसीटीवी कैमरे लगे होने का है। सिपाहियों का कहना है कि इससे उनकी निजता खतरे में है। हालांकि, आईजी पीएसी मध्य जोन प्रीतिंदर सिंह ने जांच के बाद दावा किया कि बाथरूम में कैमरे की बात गलत है। फिर भी, सिपाहियों का कहना है कि कैमरे रास्ते की निगरानी के लिए लगाए गए हैं, लेकिन उनकी दिशा संदिग्ध है।
अधिकारियों का रवैया और कार्रवाई
हंगामे की खबर मिलते ही पीएसी कमांडेंट आनंद कुमार, सीओ दीपांशी राठौर और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश मौके पर पहुंचे। सिपाहियों को समझाने की कोशिश की गई और उन्हें सेंटर के अंदर ले जाया गया। एक फिजिकल ट्रेनर (पीटीआई) को अभद्र भाषा के इस्तेमाल के आरोप में निलंबित कर दिया गया। एडीजी ने कहा कि बिजली और पानी की समस्या को तुरंत ठीक किया गया है और बाथरूम सुविधाओं का निर्माण कार्य चल रहा है।
सिपाहियों की सेहत पर असर
प्रदर्शन के दौरान गर्मी, तनाव और पानी की कमी से कई सिपाही बेहोश हो गईं। पांच सिपाहियों को डिहाइड्रेशन और मानसिक तनाव की शिकायत के साथ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना सेंटर की अव्यवस्था की गंभीरता को दर्शाती है।
सियासी तूल और अखिलेश का बयान
इस घटना ने सियासी रंग भी ले लिया। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “गोरखपुर से महिला पुलिस रिक्रूट्स के ट्रेनिंग सेंटर की बदइंतजामी के दुर्भाग्यपूर्ण समाचार आ रहे हैं। न बिजली, न पानी, न गरिमापूर्ण स्नानालय।” उन्होंने इसे सरकार की नाकामी करार दिया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
एडीजी पीएसी ने दावा किया कि सेंटर में आधुनिक सुविधाएं जैसे लिफ्ट, टॉयलेट, डायनिंग हॉल और रिक्रिएशन हॉल मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से बिजली और पानी की समस्या हुई थी, जिसे ठीक कर लिया गया है। साथ ही, अनुशासनहीनता और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
महिलाओं की गरिमा और निजता का सवाल
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि महिला सिपाहियों की गरिमा और निजता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी सवाल उठाती है। जब देश में महिलाओं को सशक्त बनाने की बात हो रही है, ऐसे में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में इस तरह की बदहाली चिंता का विषय है।
आगे क्या होगा?
सिपाहियों ने साफ कहा है कि जब तक सुविधाएं नहीं सुधरेंगी, वे ट्रेनिंग जारी रखने को तैयार नहीं हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि समस्याओं का जल्द समाधान होगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या ये आश्वासन जमीन पर उतर पाएंगे?
FAQs: महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर की बदहाली से जुड़े सवाल
गोरखपुर के महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर में क्या समस्याएं सामने आई हैं?
महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर में पीने के पानी की कमी, बिजली न होना, पंखों की कमी, खराब खाने की गुणवत्ता और नहाने की अपर्याप्त सुविधाएं प्रमुख समस्याएं हैं। सिपाहियों ने बाथरूम में कैमरे होने का भी आरोप लगाया है।
महिला सिपाहियों ने हंगामे के दौरान क्या किया?
करीब 600 महिला सिपाहियों ने सेंटर से बाहर निकलकर सड़क जाम की और धरने पर बैठ गईं। कई सिपाहियां रोते हुए अपनी समस्याएं बताती रहीं और कुछ बेहोश हो गईं।
प्रशासन ने इस मामले में क्या कार्रवाई की?
प्रशासन ने एक फिजिकल ट्रेनर को अभद्र भाषा के लिए निलंबित किया। बिजली और पानी की समस्या को ठीक करने का दावा किया गया और बाथरूम सुविधाओं के लिए निर्माण कार्य शुरू होने की बात कही गई।
बाथरूम में कैमरे के आरोपों का क्या सच है?
आईजी पीएसी ने जांच के बाद बाथरूम में कैमरे की बात को गलत बताया। उनका कहना है कि कैमरे रास्ते की निगरानी के लिए लगे हैं, लेकिन सिपाहियों का संदेह बरकरार है।
इस घटना का सियासी असर क्या हुआ?
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे सरकार की नाकामी बताया और सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की।
महिलाओं की आवाज को सुनने का वक्त
गोरखपुर के इस महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर की घटना ने न केवल प्रशासनिक खामियों को उजागर किया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या हमारी व्यवस्था वाकई में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तैयार है? इन सिपाहियों की आवाज को अनसुना नहीं किया जा सकता। यह समय है कि प्रशासन तुरंत कदम उठाए, सुविधाएं सुधारे और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोके।
मालूम हो, यूपी के ही कानपुर में महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर पर महिला प्रशिक्षु सिपाही नाली के किनारे भोजन करते हुए नजर आई थी, कानपुर के महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर की वायरल वीडियों से योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। कानपुर महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर की ख़बर विस्तार से पढ़ने के लिए क्लिक करे।
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स्मार्टखबरी डॉट कॉम की रिपोर्ट
(यह खबर विभिन्न स्रोतों और जानकारियों के आधार पर तैयार की गई है।)