कथावाचक की पिटाई के बाद उसकी चोटी कांटी, बाल मुंडवाया, ब्राह्मण महिला के मूत्र के छीटे मारे तथा नाक रागड़वाई। रात भर चलता रहा खेल लेकिन पुलिस को भनक तक नही लगी।
इटावा, 26 जून 2025: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दादरपुर गांव में 22 जून को एक कथावाचक के साथ मारपीट और सिर मुंडवाने की घटना ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया। यादव समाज के लगभग 2,000 लोगों ने इस कथावाचक की पिटाई के विरोध में प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया, एक वाहन का शीशा तोड़ा और आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस ने हवाई फायरिंग का सहारा लिया और 19 लोगों को हिरासत में लिया।
कथावाचक की पिटाई: कैसे शुरू हुआ विवाद?
घटना की शुरुआत 22 जून को दादरपुर गांव में जय प्रकाश तिवारी के घर आयोजित भागवत कथा से हुई। कथावाचक मुकुट मणि सिंह (कानपुर) और उनके साथियों का आरोप है कि ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने उनकी यादव जाति को लेकर उनसे पूछताछ की। इसके बाद उन पर दलित होने का आरोप लगाकर मारपीट की गई, उनकी चोटी काटी गई, सिर मुंडवाया गया। ब्राह्मण महिला के मूत्र डाला और महिला के पैर पर नाक रगड़वाने को मजबूर किया गया। उनके हारमोनियम को भी तोड़ दिया गया। उनके पैसे व सोने की चैन भी लूट ली।
इस घटना ने यादव समाज में आक्रोश पैदा कर दिया। इंडियन रिफॉर्म्स ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन यादव ने विरोध की घोषणा की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया। इसके बाद कई जिलों से यादव समुदाय के लोग इटावा पहुंचे और गुरुवार को दादरपुर गांव के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने गगन यादव की रिहाई और कथावाचक पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बेकाबू हो गई जब प्रदर्शनकारी आने-जाने वालों से उनकी जाति पूछने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस से उनकी नोकझोंक हुई, जिसके बाद भीड़ ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। एक पुलिस वाहन का शीशा टूट गया और हाईवे जाम हो गया।
एसपी ग्रामीण और 12 थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। दो सर्किल ऑफिसर (सीओ) के नेतृत्व में पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर किया। एएसपी ग्रामीण श्रीशचंद्र ने स्पष्ट किया, “पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की। पथराव में एक गाड़ी का शीशा टूटा, लेकिन कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ।” पुलिस ने दादरपुर, पहाड़पुरा, उरेंग और नौधना गांवों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है, क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारी इन गांवों में छिपे हो सकते हैं।
ब्राह्मण संगठन के जवाबी आरोप
ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने कथावाचक पर जाति छिपाने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया। पीड़ित महिला रेनु तिवारी ने दावा किया कि कथावाचक ने उनकी कथा को जानबूझकर खंडित किया और उनके आधार कार्ड में अग्निहोत्री जाति दर्ज थी, जिससे संदेह पैदा हुआ। जय प्रकाश तिवारी ने भी कथावाचक के फर्जी आधार कार्ड की शिकायत की।
पुलिस ने जय प्रकाश तिवारी की शिकायत पर कथावाचक मुकुट मणि सिंह और उनके साथी संत कुमार यादव के खिलाफ छेड़खानी, धोखाधड़ी और धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज किया है। दूसरी ओर, कथावाचक की शिकायत पर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अखिलेश यादव का समर्थन
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को सामाजिक अन्याय का प्रतीक बताते हुए कथावाचक और उनके साथियों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया। उन्होंने प्रत्येक को 51,000 रुपये, ढोलक और हारमोनियम भेंट किया। अखिलेश ने कहा, “कुछ लोग कथावाचन को अपना एकाधिकार मानते हैं। यह सरकार असंवैधानिक कार्यों का समर्थन कर रही है। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है।”
मानवाधिकार आयोग की नजर
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इटावा के एसएसपी से इस मामले में 10 दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
सामाजिक तनाव और सपा का रुख
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने ब्राह्मण महासभा के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “यदि कथावाचकों के खिलाफ गलत कार्रवाई हुई, तो सपा भी आंदोलन करेगी।” दूसरी ओर, ब्राह्मण संगठन ने चेतावनी दी है कि उचित कार्रवाई न होने पर वे सड़कों पर उतरेंगे।