यूपी के देवरिया में ससुराल वालों की क्रूरता का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि पुलिस ने अब तक महिला की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही किया है। जिस कारण पीड़िता हाथों में साक्ष्य व तहरीर लेकर दर-दर भटक रही है।
यूपी के देवरिया में ससुराल वालों की क्रूरता का सच
देवरिया (उत्तर प्रदेश), 27 जून 2025: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र में एक पीड़िता ने अपने ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट, और संपत्ति हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने रुद्रपुर पुलिस को दिए प्रार्थना-पत्र में बताया कि उनके ससुर ने दहेज में दिए गए जेवर, कपड़े, और अन्य सामान हड़प लिए और उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया। पीड़िता का सारा सामान ससुराल में ताला बंद करके रखा गया है।
पीड़िता ने बताया कि उनकी शादी 23 नवंबर 2017 को रुद्रपुर थाना क्षेत्र के एक गांव हुई थी। शादी के बाद ससुर ने उन पर अवैध संबंध बनाने का दबाव डाला, जिसके विरोध पर मारपीट की। 21 जून 2025 को पीड़िता अपने बच्चों के साथ ससुराल सामान लेने गईं, जहाँ ससुर, भसुर, देवर, और ननद ने मिलकर मारपीट की। ससुर ने पीड़िता की साड़ी खींचकर उनकी लज्जा भंग की। पीड़िता ने उसी दिन शाम 5:10 बजे 112 पर कॉल किया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और मेडिकल जाँच भी नहीं कराई।
पीड़िता ने अपने प्रार्थना-पत्र में ससुर के संदिग्ध व्यवहार का भी उल्लेख किया। उनके अनुसार, उसके ससुर की पहली पत्नी की मृत्यु 1998 में जलगाँव (महाराष्ट्र) में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। उनकी दूसरी पत्नी ने डर और शक के कारण जलगाँव जाने से मना किया, जिसके बाद छोटेलाल ने उसे छोड़ दिया। पीड़िता की सास की मृत्यु भी 4 जनवरी 2022 को जलगाँव में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। मृतक की माँ ने दामाद और आनंद पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन रुद्रपुर पुलिस ने जाँच नहीं की, यह कहकर कि मामला जलगाँव का है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पीड़ित पक्ष जलगांव नही जा सका।
पीड़िता ने संपत्ति विवाद का भी आरोप लगाया। उनके अनुसार, उसकी मृतक सास के नाम जलगाँव में एक मकान है, जिसे ससुर अपने नाम कराने की कोशिश कर रहे हैं। मकान के दस्तावेज पीड़िता के पास उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि जलगाँव की दूरी (लगभग 1,400 किमी) और उनकी आर्थिक तंगी के कारण वह वहाँ नहीं जा सकतीं। इसके अलावा, ससुर पैतृक संपत्ति में पीड़िता के पति को हिस्सा देने से मना कर रहे हैं, जबकि 30 जून 2001 के लिखित अनुबंध दोनो भाइयों को बराबर हिस्सा देने का उल्लेख है।
पीड़िता ने रुद्रपुर पुलिस से न्याय की गुहार लगाते हुए मांग किया है कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, उसकी मेडिकल जाँच कराई जाए, उनके और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, और ससुराल में ताला बंद दहेज के सामान की वसूली कराई जाए। साथ ही, उन्होंने जलगाँव में सास की मृत्यु और मकान की जाँच के लिए रुद्रपुर पुलिस से जलगाँव पुलिस के साथ समन्वय करने और पैतृक संपत्ति के अनुबंध की जाँच करने का अनुरोध किया है।
पीड़िता ने बताया कि वह आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जलगाँव की दूरी के कारण वहाँ जाकर जाँच में सहयोग नहीं कर सकतीं। उन्होंने पुलिस से तत्काल कार्रवाई की माँग की है, ताकि उन्हें और उनके बच्चों को न्याय मिल सके।
रुद्रपुर पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। स्थानीय लोग इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं और पुलिस से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। अब देखना है कि पीड़िता की तहरीर पर रुद्रपुर पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच करती है या मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है।