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रुद्रपुर-पिडरा मार्ग पर कूड़ा डंपिंग का कहर: दुर्गंध, खतरा और 2021 के हादसे की पुनरावृत्ति

देवरिया, 19 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील क्षेत्र में रुद्रपुर-पिडरा मुख्य मार्ग पर मझने पुल के समीप रुद्रपुर नगर पंचायत की लापरवाही फिर से सुर्खियों में है। सड़क पर डंप किया जा रहा कूड़ा स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है और जानलेवा खतरे को न्योता दे रहा है। कूड़े के ढेर से उठने वाली भयंकर दुर्गंध, जंगली जानवरों का विचरण और दुर्घटना का डर इस मार्ग को रोज़मर्रा की ज़िंदगी के लिए अभिशाप बना रहा है।

रुद्रपुर-पिडरा मार्ग पर कूड़ा डंपिंग का कहर: दुर्गंध, खतरा और 2021 के हादसे की पुनरावृत्ति

सड़क पर कूड़े का ढेर, दुर्घटना का खतरा

रुद्रपुर-पिडरा मार्ग पर मझने पुल के पास पीडब्ल्यूडी की सड़क पर नगर पंचायत द्वारा कूड़ा डंप किया जा रहा है, जो उसकी सीमा से बाहर है। इस व्यस्त मार्ग पर रोज़ाना हजारों बड़ी गाड़ियां, ट्रक और अन्य वाहन गुजरते हैं। सड़क पर बिखरा कूड़ा न केवल वाहनों के लिए खतरा पैदा कर रहा है, बल्कि दुर्घटना की आशंका को भी बढ़ा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कूड़े में विचरण करने वाले जंगली सियार और कुत्ते अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे वाहन चालकों को मुश्किल होती है।

2021 का हादसा फिर ताज़ा

वर्ष 2021 में इसी स्थान पर डंप किए गए कूड़े में लगी आग ने चार लोगों की जिंदगी छीन ली थी। उस भयावह हादसे में कूड़े के ढेर में लगी आग की चपेट में आए लोगों की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था।

इस दौरान जब स्मार्टखबरी के मुख्य संपादक अवधेश यादव ने इस मुद्दे को उठाया तो नगर पंचायत रुद्रपुर ने इसे अपना कूड़ा मानने से इंकार कर दिया।

2021 का हादसा फिर ताज़ा

इसके बाद अवधेश यादव ने रुद्रपुर नगर पंचायत की गाड़ी का कूड़ा डंप करते हुए वीडियो बनाकर जिला प्रशासन को भेजा। उनके प्रयासों के बाद 28 अगस्त 2021 से कूड़ा एमआरएफ सेंटर में डंप होने लगा था। लेकिन अब, जुलाई 2025 में, नगर पंचायत ने फिर से उसी सड़क पर कूड़ा डंप करना शुरू कर दिया है, जिससे लोगों में गुस्सा और डर दोनों व्याप्त है।

पेट्रोल पंप के पास खतरा, बच्चों की सुरक्षा दांव पर

मझने पुल के समीप जहां कूड़ा डंप किया जा रहा है, वहां से चंद कदम की दूरी पर एक पेट्रोल पंप है। कूड़े के ढेर में आग लगने का खतरा इस पेट्रोल पंप के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है। इसके अलावा, दोआबा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे इसी मार्ग से स्कूल जाते हैं। कूड़े से उठने वाली दुर्गंध और जंगली जानवरों की मौजूदगी बच्चों की सेहत और सुरक्षा के लिए खतरा बन रही है। स्थानीय निवासी पिंटू यादव ने स्मार्टख़बरी को बताया कि, “बच्चों को स्कूल भेजते समय डर लगता है। कूड़े की बदबू और जंगली जानवरों के कारण रास्ता चलना मुश्किल हो गया है।”

नगर पंचायत की लापरवाही पर सवाल

रुद्रपुर नगर पंचायत की लापरवाही पर सवाल

रुद्रपुर नगर पंचायत की इस लापरवाही ने स्वच्छ भारत मिशन की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कूड़ा निस्तारण के लिए निर्धारित एमआरएफ सेंटर का उपयोग न कर सड़क पर कूड़ा डंप करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत का कूड़ा निस्तारण यंत्र बेकार पड़ा है, और जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या की अनदेखी कर रहे हैं।

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जनता की पुकार: तत्काल कार्रवाई की मांग

स्थानीय निवासियों और राहगीरों ने जिला प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। लोगों ने मांग की है कि कूड़ा डंपिंग के लिए निर्धारित स्थान का उपयोग हो, सड़क को तत्काल साफ किया जाए और भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए नगर पंचायत पर सख्त कार्रवाई की जाए। एक स्थानीय दुकानदार महेश वर्मा ने स्मार्टख़बरी को बताया कि, “हम स्वच्छता चाहते हैं, लेकिन नगर पंचायत की लापरवाही हमें बीमारियों और खतरे की ओर धकेल रही है।”

आखिर कब रुकेगा यह सिलसिला?

रुद्रपुर-पिडरा मार्ग पर कूड़ा डंपिंग की यह समस्या न केवल स्थानीय लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित कर रही है, बल्कि एक बार फिर 2021 जैसे हादसे की आशंका को जन्म दे रही है। प्रशासन और नगर पंचायत की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बना रही है। सवाल यह है कि आखिर कब तक जनता इस लापरवाही की कीमत चुकाएगी?

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