देवरिया। एक तरफ जहां देवरिया के कोठिलवा गांव के 19 साल के मन्नू यादव के परिवार ने उसके शव के सामने दुनिया तलेखाश कर दी, वहीं पुलिस ने अपनी टीम भेजकर मामले की तहकीकात शुरू कर दी। मंगलवार, 14 अक्टूबर की सुबह बरईपुर गांव के एक पोखरे के किनारे पड़ा मन्नू का शव जब पुलिस के सामने था, तो जिले के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के निर्देश पर एक ऐसी जांच शुरू हुई, जिसने महज 72 घंटे के भीतर ही न सिर्फ हत्या का खूनी राज खोल दिया, बल्कि दो आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। देवरिया हत्या मामला अब प्रेम प्रसंच और खुन्नस की एक सनसनीखेज कहानी बन गया है।
पोखरे के किनारे मिला शव, गांव में मचा हड़कंप
14 अक्टूबर की सुबह भाटपार रानी थाना क्षेत्र के बरईपुर गांव के पोखरे के पास जब एक युवक का शव मिला, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान कोठिलवा गांव के 19 वर्षीय मन्नू यादव के रूप में की। मन्नू के परिजनों ने सीधे थाना भाटपार रानी में सूचना दी। मन्नू की बहन ने एक लिखित तहरीर दायर कर साफ-साफ हत्या की आशंका जताई। इसी तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच का बिगुल बजा दिया।
घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण करती पुलिस को वहां से कुछ अहम सुराग हाथ लगे। इनमें तीन जोड़ी चप्पलें, शराब की खाली बोतल और बिरयानी का एक पैकेट शामिल था। ये सबूत इस ओर इशारा कर रहे थे कि हत्या के वक्त मन्नू अकेला नहीं था, बल्कि कम से कम दो और लोग उसके साथ मौजूद रहे होंगे।
मोबाइल रिकॉर्ड और तकनीकी जांच ने बताया रास्ता
पुलिस ने इस देवरिया हत्या मामला की विवेचना में आधुनिक तकनीक का पूरा इस्तेमाल किया। मृतक मन्नू के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), उसकी अंतिम लोकेशन और उसके संपर्कों का गहन विश्लेषण किया गया। इस डिजिटल जांच में दो नाम खास तौर पर उभर कर सामने आए – अश्वनी गुप्ता और पंकज जायसवाल। दोनों ही मन्नू के परिचित बताए गए और महत्वपूर्ण बात यह थी कि घटना वाले दिन मन्नू को आखिरी बार अश्वनी के साथ ही देखा गया था।
जांच तेज हुई तो पता चला कि 13 अक्टूबर की शाम को अश्वनी गुप्ता मन्नू के घर गया था और उसे अपने ननिहाल बरईपार में जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के बहाने बाइक से ले गया। मन्नू के पास पेट्रोल न होने की स्थिति में अश्वनी खुद बोतल में पेट्रोल लेकर आया था। यही वह शाम थी, जब मन्नू घर लौटकर नहीं आया और अगली सुबह उसका शव एक पोखरे के किनारे पड़ा मिला।
प्रेम प्रसंग की खुन्नस बनी हत्या की वजह
जैसे-जैसे पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की, हत्या का असली मकसद सामने आया। यह देवरिया हत्या मामला एक प्रेम प्रसंग और उससे पैदा हुई गहरी खुन्नस का नतीजा था। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिले ब्योरे के मुताबिक, आरोपी अश्वनी गुप्ता का गांव की एक युवती से प्रेम प्रसंग चलता था। कुछ दिन पहले अश्वनी उस युवती को लेकर भाग गया था। इस दौरान मन्नू यादव ने दोनों को भागते हुए देख लिया और उसने यह बात युवती के भाई को बता दी।
इसकी वजह से युवती के भाई ने अश्वनी और लड़की की घेराबंदी कर ली और दोनों को घर लौटना पड़ा। घर लौटने के बाद युवती के भाई ने अश्वनी के सामने ही अपनी बहन की बेरहमी से पिटाई की। यह घटना अश्वनी को बहुत चुभ गई और उसने इसकी जिम्मेदारी मन्नू को ठहराया। अश्वनी को लगा कि मन्नू की वजह से ही उसकी प्रेमिका की पिटाई हुई और उसका भागने का प्लान फेल हो गया। इसी गुस्से और बदले की भावना ने अश्वनी को मन्नू की हत्या की योजना बनाने पर मजबूर कर दिया।
72 घंटे की कार्रवाई में दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस की जांच जब अश्वनी और पंकज की तरफ बढ़ी, तो एक मुखबिर से सूचना मिली कि दोनों आरोपी किसी दूसरे इलाके में भागने की फिराक में हैं। इस सूचना के आधार पर भाटपार रानी पुलिस ने बहियारी बघेल इलाके के कुईचवर पुलिया के पास घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अश्वनी गुप्ता कोठिलवा, थाना बनकटा का रहने वाला है, जबकि दूसरा आरोपी पंकज जायसवाल बहियारी बघेल, थाना भाटपार रानी का निवासी है।
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से घटनास्थल पर ले जाकर तलाशी कार्रवाई कराई। इस दौरान हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू और आरोपियों के खून से सने कपड़े बरामद किए गए। ये सबूत हत्या के आरोप को और पुख्ता करते हैं। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
परिवार और राजनीति का मामले में दखल
इस देवरिया हत्या मामला ने स्थानीय स्तर पर एक राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का एक प्रतिनिधिमंडल मन्नू के परिवार से मिलने कोठिलवा गांव पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए आरोप लगाया कि देवरिया जनपद जघन्य अपराधों का केंद्र बन गया है और अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं रह गया है।
वहीं, दुबई में काम करने वाले मन्नू के पिता उमेश यादव के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देकर स्थिति शांत कराई।
देवरिया हत्या मामला: एक नजर में पूरी कहानी
भाटपार रानी पुलिस की इस सफल कार्रवाई ने एक ओर जहां जिले में कानून व्यवस्था की एक नई बहस छेड़ दी है, वहीं यह भी साबित किया है कि तकनीकी साक्ष्यों और पारंपरिक जांच के मेल से जटिल से जटिल मामलों को रफ्ता दी जा सकती है।
एक प्रेम प्रसंच की वजह से दोस्ती में आई दरार ने न सिर्फ एक 19 साल के युवा की जान ले ली, बल्कि दो अन्य युवाओं का भविष्य भी अंधकारमय कर दिया। पुलिस ने 72 घंटे के भीतर ही इस हत्या का पर्दाफाश करके न सिर्फ पीड़ित परिवार को न्याय की एक किरण दिखाई है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि अपराध चाहे कितना भी पेंचीदा क्यों न हो, कानून के सामने उसका हल निकल ही आता है।