देवरिया PWD में फर्जी भुगतान का सनसनीखेज खुलासा: ऑडियो वायरल होने से मचा हड़कंप।
देवरिया (उत्तर प्रदेश), 09 सितम्बर: देवरिया जिले के लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार की नई कड़ी सामने आई है, जहां दो बाबुओं का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में फर्जी भुगतान और कमीशन के बंटवारे की बातें सुनकर हर कोई स्तब्ध है।
क्या है पूरा मामला?
देवरिया लोक निर्माण विभाग फर्जी भुगतान का यह मामला तब उजागर हुआ जब विभाग के दो क्लर्कों का एक ऑडियो क्लिप इंटरनेट पर तेजी से फैल गया। ऑडियो में एक बाबू दूसरे पर छह सड़कों के फर्जी भुगतान में हिस्सेदारी न देने का आरोप लगा रहा है। उसने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर हिस्सा नहीं मिला तो “नशा उतार देंगे” और “देख लेंगे”। यह सुनकर विभागीय अधिकारी सकते में आ गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि PWD में लंबे समय से चल रही कमीशनखोरी का एक छोटा सा नमूना है।
हमने कुछ स्थानीय निवासियों से बात की, जो नाम न छापने की शर्त पर बोले कि विभाग में इंजीनियर, सहायक इंजीनियर और क्लर्क मिलकर सड़कों की मरम्मत के नाम पर लाखों-करोड़ों का खेल कर रहे हैं। एक ही सड़क का दो बार भुगतान निकाल लेना या बिना किसी काम के पैसे हड़प लेना यहां आम हो गया है। इस ऑडियो के वायरल होने के बाद से विभाग में हलचल मच गई है, और अधिकारियों ने जांच कमेटी बनाने की बात कही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह जांच भी पहले की तरह सिर्फ कागजी होगी?
वायरल ऑडियो की डिटेल्स
ऑडियो क्लिप में साफ सुनाई दे रहा है कि दोनों बाबू छह सड़कों के फर्जी भुगतान की चर्चा कर रहे हैं। एक कहता है, “तुमने सारा कमीशन खुद रख लिया, मुझे कुछ नहीं दिया।” दूसरा जवाब देता है, लेकिन बात धमकी तक पहुंच जाती है। यह क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर तेजी से शेयर हो रही है। देवरिया के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि यह ऑडियो किसी अंदरूनी व्यक्ति ने ही रिकॉर्ड किया होगा, जो भ्रष्टाचार से तंग आ चुका था।
पिछले कुछ महीनों में देवरिया PWD में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। मसलन, एक सड़क की मरम्मत के नाम पर 6 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ था, जहां अधिकारियों ने नई बनी सड़क को खराब बताकर फंड मंजूर करा लिया। कमीशन के बंटवारे में विवाद होने से ही मामला खुला। इसी तरह, डिप्टी सीएम के दौरे के नाम पर फर्जी बिल लगाकर 76 लाख की जगह 4.27 करोड़ का भुगतान करने की कोशिश की गई थी। ये उदाहरण बताते हैं कि देवरिया लोक निर्माण विभाग में फर्जी भुगतान की जड़ें कितनी गहरी हैं।
स्थानीय लोगों की शिकायतें
देवरिया के ग्रामीण इलाकों में सड़कें टूटी-फूटी पड़ी हैं, लेकिन कागजों पर उनकी मरम्मत हो चुकी है। एक किसान ने मुझे बताया, “हमारी सड़क पर गड्ढे हैं, लेकिन PWD के रिकॉर्ड में लाखों का भुगतान हो चुका है। जब हम शिकायत करते हैं, तो कोई सुनता नहीं।” स्थानीय लोगों का आरोप है कि बाबू, अभियंता और सहायक अभियंता की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। कई बार एक ही काम का दोहरा भुगतान निकाल लिया जाता है, और बिना मरम्मत के पैसे ठेकेदारों को दे दिए जाते हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट्स ने जब भुगतान की डिटेल्स मांगी, तो विभाग ने इसे “व्यक्तिगत सूचना” बताकर देने से इनकार कर दिया। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा, “सरकारी पैसे का भुगतान व्यक्तिगत कैसे हो सकता है? यह पारदर्शिता की कमी दर्शाता है।” देवरिया में ऐसे कई मामले हैं जहां RTI के जरिए घोटाले उजागर हुए, लेकिन कार्रवाई शून्य।