देवरिया (उत्तर प्रदेश), 21 सितंबर: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि खेलते-खेलते गायब हुई मासूम का शव तीन दिन बाद पदुर्गंध फैलाने लगे? देवरिया के तरकुलवा इलाके में यही हुआ, जहां ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र में 19 सितंबर से लापता 6 वर्षीय बच्ची का शव रविवार सुबह गन्ने के खेत से बरामद हुआ। बच्ची शाम को गांव के शिव मंदिर पर दोस्तों के साथ लुका-छिपी खेल रही थी, जब अचानक वो गायब हो गई। परिवार और गांववालों ने रातभर खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
बच्ची का शव मिलने की घटना: दुर्गंध ने खोला राज
रविवार की सुबह गन्ने के खेत से आ रही तेज बदबू ने ग्रामीणों का ध्यान खींचा। जब उन्होंने जाकर देखा तो वहां बच्ची का क्षत-विक्षत शव पड़ा था। ये दृश्य देखकर पूरे गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई, और तरकुलवा थाने की टीम मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह साफ होगी, लेकिन प्रारंभिक जांच में हत्या की आशंका जताई जा रही है।
परिवार की शिकायत और पुलिस की कार्रवाई
बच्ची के गायब होने के बाद परिजनों ने तुरंत थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उनका कहना है कि अगर समय पर सर्च ऑपरेशन चलाया जाता तो शायद बच्ची बच जाती। क्षेत्राधिकारी सदर संजय रेड्डी ने मौके का मुआयना किया और दोषियों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिलाया। फिलहाल, जांच जारी है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ हो रही है।
ग्रामीणों का गुस्सा: लापरवाही पर सवाल
घटना के बाद पूरे तरकुलवा इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। गांववाले पुलिस की प्रारंभिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि ऐसे मामलों में तुरंत एक्शन लिया जाए और दोषियों को सख्त सजा मिले। बच्ची के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, और वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं। ये घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े करती है।
देवरिया में बढ़ते अपराध: क्या है वजह?
देवरिया जिले में हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जहां मासूम बच्चियां निशाना बन रही हैं। तरकुलवा जैसे ग्रामीण इलाकों में गन्ने के खेतों की वजह से अपराध छिपाने में आसानी होती है। पुलिस का दावा है कि वे सतर्क हैं, लेकिन ग्रामीणों की शिकायतें कुछ और ही कहानी बयां करती हैं। इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अहम होगी, जो तय करेगी कि ये हादसा था या सुनियोजित अपराध।
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