कानपुर जलभराव की मार: बर्रा 8 की सड़कें बनीं मुसीबत, पिता का अनोखा प्रदर्शन
कीचड़, गड्ढे और जलमग्न सड़कों ने छीना चैन, शीलू दुबे ने जगाई उम्मीद
कानपुर शहर, जो अपनी औद्योगिक विरासत के लिए जाना जाता है, इन दिनों बारिश के बाद कानपुर जलभराव की वजह से चर्चा में है। खासकर बर्रा 8 से आनंद साउथ सिटी तक का रास्ता स्थानीय लोगों के लिए अभिशाप बन गया है। गहरे गड्ढे, कीचड़ और जलभराव ने न सिर्फ रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल कर दिया, बल्कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है।
बारिश ने बिगाड़ी सड़कों की सूरत
कानपुर में हर मानसून के साथ सड़कें तालाब में बदल जाती हैं, और बर्रा 8 का रास्ता इसकी सबसे बड़ी मिसाल है। गड्ढों में जमा पानी और कीचड़ की वजह से वाहन फिसल रहे हैं, राहगीर चोटिल हो रहे हैं, और माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। स्थानीय निवासी और कपूर के व्यापारी शीलू दुबे ने बताया, “मेरी बेटी अनन्या, जो कक्षा 4 में पढ़ती है, इसी रास्ते से स्कूल जाती है। कुछ दिन पहले वह कीचड़ में फिसलकर गिर गई। यह देखकर मेरा दिल दहल गया।”
शीलू दुबे का अनोखा प्रदर्शन: चटाई और तकिया
शीलू दुबे ने अपनी बेटी के हादसे के बाद प्रशासन की उदासीनता पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कई बार सोशल मीडिया पर नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को टैग कर शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, उन्होंने अनोखा रास्ता चुना। शीलू ने जलमग्न सड़क पर चटाई और तकिया डालकर लेट गए और “भारत माता की जय” के नारे लगाए। उनका यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग वीडियो शेयर करते हुए नगर निगम की लापरवाही पर सवाल उठाने लगे।
शीलू ने कहा, “मैं चाहता था कि प्रशासन की नींद टूटे। जब शिकायतों से बात नहीं बनी, तो मुझे यह कदम उठाना पड़ा।” उनके इस कदम ने न सिर्फ स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी प्रेरित किया।
सपाइयों की सक्रियता: धान बोकर जताया विरोध
शीलू के प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने उसी गड्ढे में धान की बेल बोकर प्रशासन की नाकामी को उजागर किया। यह अनोखा विरोध देखकर लोग हैरान रह गए। दबाव बढ़ने पर जेसीबी मंगवाकर सड़क को बराबर करने की कोशिश की गई, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अस्थायी समाधान है। बारिश होते ही सड़क फिर से कीचड़ और गड्ढों से भर जाएगी।
जलभराव की जड़: टूटी सड़कें और बंद नाले
बर्रा 8 से आनंद साउथ सिटी जाने वाला रास्ता राम गोपाल चौराहे से होकर गुजरता है। यह सड़क पूरी तरह जर्जर है, और गड्ढों में बारिश का पानी जमा होकर कीचड़ बन जाता है। स्थानीय निवासी रमेश यादव ने बताया, “नाले की सफाई सालों से नहीं हुई। सड़कें खोदकर छोड़ दी गई हैं। बारिश में तो पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।”
नगर निगम के दावों के बावजूद, नालों की सफाई और सड़कों की मरम्मत का काम कागजों तक सीमित है। एक अन्य निवासी, पूजा मिश्रा, ने कहा, “हर बारिश से पहले बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं होता। हम बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं।”
सोशल मीडिया पर उबाल: लोगों का गुस्सा
शीलू के प्रदर्शन का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। एक यूजर ने लिखा, “कानपुर को स्मार्ट सिटी कहते हैं, लेकिन सड़कें गांव से भी बदतर हैं।” एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “नगर निगम और जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने आते हैं, बाकी समय सोते रहते हैं।” यह गुस्सा दर्शाता है कि लोग अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।
नगर निगम का जवाब: “काम चल रहा है”
नगर निगम के अधिकारियों से बात करने पर वही घिसा-पिटा जवाब मिला। एक अधिकारी ने कहा, “हमारी टीमें जलभराव की समस्या को दूर करने में जुटी हैं। सड़कों की मरम्मत का काम जल्द शुरू होगा।” लेकिन स्थानीय लोग इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि हर साल यही वादे किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिखता।
बच्चों की सुरक्षा दांव पर
कानपुर जलभराव की समस्या सिर्फ असुविधा की बात नहीं, बल्कि एक गंभीर सुरक्षा मुद्दा है। बर्रा 8 और आसपास के इलाकों में स्कूली बच्चे रोजाना इन खतरनाक रास्तों से गुजरते हैं। अनन्या जैसे कई बच्चे कीचड़ में फिसलकर चोटिल हो चुके हैं। माता-पिता अब डरे हुए हैं।
स्थानीय स्कूल की शिक्षिका राधा तिवारी ने बताया, “कई बच्चे स्कूल देर से पहुंचते हैं, क्योंकि रास्ता पार करना मुश्किल है। बारिश के दिन तो कई बच्चे स्कूल आ ही नहीं पाते।”
बारिश का कहर: हालात और बिगड़ने की आशंका
कानपुर में इस साल मानसून ने जमकर कहर बरपाया है। जुलाई और अगस्त में भारी बारिश ने शहर की सड़कों को तालाब में बदल दिया। बर्रा, गोविंद नगर, किदवई नगर जैसे इलाकों में जलभराव आम है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं।
प्रशासन से अपील: तुरंत कार्रवाई जरूरी
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत सड़कों की मरम्मत और नालों की सफाई शुरू करे। शीलू दुबे ने कहा, “हम टैक्स देते हैं, लेकिन बदले में हमें कीचड़ और गड्ढे मिलते हैं। स्मार्ट सिटी के नाम पर होने वाले खर्च का हिसाब देना चाहिए।”
एक नई शुरुआत की ओर
शीलू दुबे का अनोखा प्रदर्शन और सपाइयों की सक्रियता ने साबित कर दिया कि जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। यह घटना न सिर्फ बर्रा 8 के लिए, बल्कि पूरे कानपुर के लिए प्रेरणा है। लोग अब अपनी बात सोशल मीडिया और सड़कों पर रखने को तैयार हैं।
अब आप क्या करेंगे?
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