अखिलेश यादव का BJP पर हमला: “8 लाख का चालान राजनीतिक बदला, टोंटी चोरी का झूठा आरोप नहीं भूल सकता!”
लखनऊ, 5 सितम्बर: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार (5 सितंबर, 2025) को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनके काफिले की गाड़ियों पर 8 लाख रुपये का चालान काटा गया है। अखिलेश ने इसे भाजपा सरकार की “राजनीतिक साजिश” बताते हुए कहा कि यह चालान उन्हें राजनीतिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश है। साथ ही, उन्होंने 2017 के ‘टोंटी चोरी’ मामले को फिर से उठाते हुए पूर्व आईएएस अवनीश अवस्थी और ओएसडी अभिषेक कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए ।
चालान मामला: क्या हुआ था?
अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्हें गुरुवार (4 सितंबर) को उनके काफिले की कई गाड़ियों के चालान मिले, जिनकी कुल रकम 8 लाख रुपये थी। उन्होंने कहा, “सरकार के कैमरों में हमारी गाड़ियाँ कैद हुई होंगी। मैंने कागज को पलटकर भी नहीं देखा… हमने कहा ठीक है, चालान मंजूर है।” उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा, “जो सिस्टम (कैमरा) चला रहा होगा, वह भाजपा का नेता होगा। मैं उसे ट्रेस करूंगा कि वह भाजपा का है या नहीं।”
इसी दौरान, गाजीपुर के एक युवक ने शिकायत की कि लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में उसकी गाड़ी का बिना कारण 20,000 रुपये का चालान काटा गया और गाड़ी सीज कर दी गई। गाड़ी छुड़ाने जाने पर उसके पार्ट्स गायब पाए गए। इस पर अखिलेश ने कहा, “जरूर मुख्यमंत्री के सजातीय लोग रहे होंगे।”
‘टोंटी चोरी’ मामला: अखिलेश का गुस्सा फूटा
अखिलेश यादव ने 2017 के ‘टोंटी चोरी’ मामले को फिर से गर्माया। उन्होंने भाजपा विधायक केतकी सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “अगर हमारे ऊपर इल्जाम लगे कि हम टोंटी ले गए, हमारे घर को गंगा जल से धुलवाओगे? आप भूल सकते हो, मैं नहीं भूल सकता!” उन्होंने दावा किया कि यह मामला पूर्व आईएएस अवनीश अवस्थी और ओएसडी अभिषेक कौशिक ने गढ़ा था। अखिलेश ने कहा, “एक अखबार ने स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें सामने आया कि अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक इसके पीछे थे। अभिषेक कौशिक की हाइट डस्टबिन जितनी है… यह बात हम लोग भूलने वाले नहीं हैं।”
अन्य मुद्दों पर अखिलेश की तीखी प्रतिक्रिया
- ABVP और छात्र आंदोलन: अखिलेश ने ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) को “अखिल भारतीय वीडियो ऑफ पिटाई” कहा और छात्रों पर लाठीचार्ज को “अपमानजनक” बताया। उन्होंने कहा कि ABVP का आंदोलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए क्योंकि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है ।
- GST दरों में बदलाव: उन्होंने जीएसटी दरों में हालिया बदलाव को “चुनावी stunt” बताया और कहा कि मुनाफाखोरी नहीं रुक रही। उन्होंने आरोप लगाया कि “मेक इन इंडिया” की बात करने वाले बाजारों को चीन के माल से भर रहे हैं, जिससे “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)” योजना खतरे में है ।
- शिक्षा और भ्रष्टाचार: अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा को दबाना चाहती है ताकि लोग सवाल न कर सकें। उन्होंने कहा, “नौकरी भाजपा के एजेंडे में नहीं है… 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं, 27 हजार स्कूल बंद कर दिए गए हैं।” उन्होंने सरकार पर “हर जगह भ्रष्टाचार और वसूली” का आरोप लगाया ।
- राजनीतिक भविष्यवाणी: अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा सरकार के पास अब सिर्फ 493 दिन बचे हैं और प्रधानी (पंचायत) चुनाव में वोट चोरी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, “भाजपा पहले इस्तेमाल करेगी, फिर बर्बाद करेगी।”
पृष्ठभूमि: ‘टोंटी चोरी’ विवाद क्या है?
यह मामला 2017 का है, जब सपा सत्ता से हटने के बाद अखिलेश यादव को लखनऊ स्थित अपना सरकारी आवास खाली करना पड़ा था। इसके बाद भाजपा नेता केतकी सिंह ने आरोप लगाया था कि अखिलेश ने आवास से शौचालय की टोंटी (नल) और अन्य सामान हटा लिया था। इस आरोप का सपा ने जमकर विरोध किया था और इसे राजनीतिक प्रताड़ना बताया था। अखिलेश आज भी इस मामले को नहीं भूल पाए हैं और इसे अपना “राजनीतिक अपमान” मानते हैं .
राजनीतिक युद्ध की एक और कड़ी
अखिलेश यादव का यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उत्तर प्रदेश की राजनीति में गर्मी लाने वाला साबित होगा। चालान का मामला और ‘टोंटी चोरी’ का पुराना विवाद एक बार फिर साबित करता है कि राज्य में राजनीतिक कटुता कम नहीं हुई है। अखिलेश ने सीधे तौर पर भाजपा सरकार और प्रशासन पर “राजनीतिक दबदबा” और “वसूली” का आरोप लगाकर मोर्चा खोल दिया है। आने वाले दिनों में इसकी प्रतिक्रिया में भाजपा की ओर से जवाबी हमला आना तय है। सपा प्रमुख ने जिस तरह से अपने भाषण में सरकार के “493 दिन” गिनाए हैं, उससे साफ है कि वे 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर पहले ही जंग का ऐलान कर चुके हैं।