पहलगाम आतंकी हमला: विदेशी मीडिया और भारतीय लोगो की प्रतिक्रियाएं

पहलगाम आतंकी हमला: विदेशी मीडिया और भारतीय लोगो की प्रतिक्रियाएंf






जानिए, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर विदेशी मीडिया की क्या प्रतिक्रियाएं


पहलगाम आतंकी हमला: विदेशी मीडिया की प्रतिक्रियाएं

अमेरिका: न्यूयॉर्क टाइम्स

  • हमले को “कश्मीर में वर्षों का सबसे भयावह हमला” बताया
  • मोदी सरकार की कश्मीर नीतियों पर सवाल
  • ट्रंप के समर्थन वाले बयान को हाइलाइट किया

पाकिस्तान: डॉन अखबार

  • हमले की निंदा के साथ भारत की नीतियों पर सवाल
  • “कश्मीर में सैन्य दमन हिंसा को जन्म दे रहा”

ब्रिटेन: द गार्डियन

  • “हमला कश्मीर में ‘सामान्य स्थिति’ के दावे को झुठलाता”
  • पर्यटन उद्योग पर प्रभाव का विश्लेषण

चीन: ग्लोबल टाइम्स

  • “आतंकवाद की निंदा, लेकिन समाधान वार्ता से हो”
  • CPEC पर चिंता जताई

रूस: रिया नोवोस्ती

  • “भारत को रूस का पूरा समर्थन”
  • आतंकवादी संगठनों के अंतर्राष्ट्रीय लिंक पर चर्चा

सोशल मिडिया:Ajit Doval का क्या कहना है?

इस आतंकी हमले पर “X” के एक यूजर Ajit Doval लिखते है कि, “पहलगाम में भारतीय सेना का ऑपरेशन शुरू हो गया है एक-एक आतंकी को खोदकर जहन्नुम भेजा जाएगा!” बता दे, उन्होंने अपनी इस पोस्ट में एक वीडियों भी शेयर किया हुआ है।

सोशल मिडिया पर रिएक्शन:Harmeet Kaur का क्या कहना है?

सोशल मीडिया के “X” प्लेटफॉर्म पर पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर देश की आवाम गुस्से में है। Harmeet Kaur एक वीडियों शेयर करते हुए लिखते है कि, “एक ही जगह पर 2,000 पर्यटक और वहां कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। यह कोई मज़ाक नहीं है। यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। आजतक के रिपोर्टर ने जैसे ही यह कहा, आजतक ने अपना लाइव फीड काट दिया।” दरअसल यह वीडियों आजतक टीवी चैनल का है। लेकिन इस वीडियों की क्या सच्चाई है? यह हमें नही पता लेकिन इस वीडियो को शेयर करने वालो की तादाद बहुत ज्यादा है।

राकेश टिकैत का पहलगाम हमलें पर क्या कहना है: आइये जानते है..

किसान नेता राकेश टिकैत लिखत है कि, “जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा किए गए हमले ने संपूर्ण भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है संकट की इस घड़ी में पूरा देश सरकार से आशा लग रहा है कि आतंकवाद के विरुद्ध एक ऐसी ठोस कार्रवाई की जाए जिससे कोई देश की ओर आंख उठाकर ना देख सके।”

Rajendra Raj:कह दी बड़ी बात

वही एक्स के प्लेटफॉर्म पर एक यूजर जिसका एकाउंट Rajendra Raj के नाम से है वह एक बेहद गंभीर आरोप लगाती हुई एक बात शुभांकर मिश्रा का वीडियों शेयर करते हुए लिखता है कि, “पिछली बार जब डोनॉल्ड ट्रंप आए तो दिल्ली जली और अबकी बार जब अमेरिका का उपराष्ट्रपति आया तो पहलगाम आतंकी हमला हुआ. क्या यह सब संयोग है? लगता तो नहीं: शुभंकर मिश्रा”

यह एक गंभीर आरोप है। सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकों के उठाए गए सवालों का जबाब हमारे पास तो नही है लेकिन इन सवालों का जबाब सत्ता में बैठी सरकारों को देना चाहिए क्योंकि यह वो सवाल है जो देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। धर्म के नाम पर हत्या करना, कौन से मजहब में लिखा हुआ है। मालूम हो कि, अब तक जो भी आतंकवादी हमले हुए है यह हमला उन सब हमलों से अलग है। यहां आतंकवादी गोली मारने के पहले जबरजस्ती पैट उतरवाकर पहले उसका मजहब देखता है,और फिर गोली मारता है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुआ यह हमला एक नई बहस को जन्म देता है। जो भारत जैसे देश के लिए बेहद खरनाक है क्योंकि भारत ऐसा देश है, “जहां गंगा-जमुनी तहज़ीब की बात होती है।”

यहां सवाल सरकार से भी है कि, “एक ऐसी जगह जहां देश-विदेश से हज़ारों की संख्या में सैलानी आते है, एक ऐसी जगह जिसे भारत का मिनी स्वीजरलैंड कहा जाता है” वहां सुरक्षा के नाम पर क्या व्यस्था थी?

इस सवाल का जबाब सरकार को देना चाहिए। सरकार को चाहिए, “टीवी चैनलों पर हिन्दू-मुसलमान के नाम पर हो रही डिबेट को तत्काल बंद कराए तथा इस घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ तुरंत एक्शन ले ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटना कारित न हो।”

विश्लेषण

  • पश्चिमी मीडिया: भारत की सुरक्षा नीतियों पर सवाल
  • पाक मीडिया: भारत को दोषी ठहराने का प्रयास
  • रूस-चीन: भू-राजनीतिक संतुलन बनाए रखना


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