EVM Kya Hai? जाने, क्यों इस पर उठते है सवाल!

भारत में EVM Kya Hai, EVM Hack, EVM Controversy से जुड़े सवालों पर आए दिन बहस होती नजर आती है। 2014 के पहले बीजेपी जब सत्ता से बाहर थी तब वह भी EVM पर सवाल उठाती थी, लेकिन सत्ता में काबिज होने के बाद वह इसके पक्ष में है।

इधर एक बार फिर ईवीएम को लेकर बहस तेज हो गई है। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जब से EVM पर अपना स्टेटमेंट दिया है जिसमे वह इसका विरोध कर रहे है। मालूम हो ऐलन मास्क भी EVM को लेकर सवाल उठा चुके है।

EVM Kya Hai? क्या यह सुरक्षित है?

EVM Kya Hai? (Electronic Voting Machine) और यह कैसे काम करती है?

 

Electronic Voting Machine (EVM) एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका इस्तेमाल चुनावों में मतदान के लिए किया जाता है। भारत में EVM को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा विकसित किया गया है और इसका उपयोग 2000 के दशक से हो रहा है।

EVM की संरचना:

EVM मुख्य रूप से दो यूनिट्स से बनी होती है:

  1. Control Unit – यह मतदान अधिकारी के पास रहती है और वोटिंग प्रोसेस को नियंत्रित करती है।
  2. Ballot Unit – इसे वोटिंग बूथ में रखा जाता है, जहां मतदाता अपना वोट डाल सकते हैं।

कैसे काम करती है?

  • मतदान अधिकारी Control Unit पर बैलेट बटन दबाता है, जिससे Ballot Unit एक्टिव हो जाती है।
  • मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी के सामने मौजूद नीले बटन को दबाकर वोट डालता है।
  • वोट EVM के मेमोरी चिप में सुरक्षित हो जाता है, जिसे चुनाव के बाद गिना जाता है।

EVM Controversy – भारत और दुनिया में इस पर सवाल क्यों उठते हैं?

EVM को लेकर दुनियाभर में कई विवाद हुए हैं। कुछ राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों का कहना है कि EVM Hack की संभावना होती है, जबकि चुनाव आयोग इसे नकारता रहा है।

भारत में EVM को लेकर विवाद:

1️⃣ राजनीतिक दलों का अविश्वास:

  • जब कोई दल चुनाव हारता है, तो EVM में गड़बड़ी का आरोप लगता है।
  • 2014 से पहले BJP ने भी EVM पर सवाल उठाए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद इसे सुरक्षित बताया।

2️⃣ Supreme Court में याचिकाएँ:

  • सुप्रीम कोर्ट में कई बार याचिका दायर की गई कि EVM के साथ VVPAT (Voter Verified Paper Audit Trail) मिलान 100% होना चाहिए।
  • 2019 में कोर्ट ने कहा कि 5% VVPAT मिलान पर्याप्त है।

3️⃣ क्या EVM को Hack किया जा सकता है?

  • चुनाव आयोग का दावा है कि भारतीय EVM Standalone Device है, यानी यह किसी नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होती, इसलिए इसे Remotely Hack करना संभव नहीं है।
  • लेकिन कुछ टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फिजिकल एक्सेस मिले तो छेड़छाड़ संभव हो सकती है।

दुनिया में EVM को लेकर विवाद और बैन

भारत के अलावा कई देशों में EVM का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन कुछ देशों ने इसे अविश्वसनीय मानकर बैन कर दिया।

देशस्थितिकारण
नीदरलैंडबैनसुरक्षा चिंताएँ
जर्मनीबैनसंवैधानिक मुद्दे
आयरलैंडबैनपारदर्शिता की कमी
अमेरिकाकुछ राज्यों मेंपेपर बैलट प्राथमिकता

🔹 डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि पेपर बैलट ही सुरक्षित हैं।
🔹 एलन मस्क का भी मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम में छेड़छाड़ संभव है।

क्या EVM पूरी तरह सुरक्षित है? चुनाव आयोग का क्या कहना है?

✅ भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के अनुसार:

  • EVM Completely Standalone System है, इसे इंटरनेट से कनेक्ट नहीं किया जा सकता।
  • अब VVPAT के जरिए पारदर्शिता बढ़ाई गई है।
  • आज तक कोई भी यह साबित नहीं कर पाया कि भारतीय EVM में छेड़छाड़ संभव है।

📌 लेकिन सवाल अब भी बने हुए हैं – क्या सिर्फ चुनाव आयोग की गारंटी पर्याप्त है?

निष्कर्ष – क्या भारत को फिर से बैलेट पेपर पर लौटना चाहिए?

  • कुछ विशेषज्ञों और विपक्षी दलों की राय है कि बैलेट पेपर ज्यादा सुरक्षित है।
  • लेकिन चुनाव आयोग और सरकार का मानना है कि EVM अधिक भरोसेमंद और समय बचाने वाला तरीका है।

👉आपका क्या मानना है? क्या भारत को EVM जारी रखनी चाहिए या बैलेट पेपर पर लौटना चाहिए? हमें कमेंट में बताएं!

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