वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी और राहुल गांधी के हालिया बयानों की तुलना की है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी हिंदू धर्म और आस्था पर खतरे की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ राहुल गांधी युवाओं को अंग्रेजी सीखने की सलाह दे रहे हैं। इस आर्टिकल में हम अभिसार शर्मा के वीडियो के आधार पर इन दोनों नेताओं की विचारधारा का विश्लेषण करेंगे।
राहुल गांधी का संदेश: अंग्रेजी शिक्षा से तरक्की
1. रायबरेली में युवाओं को दिया संदेश:
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली में युवाओं से संवाद किया और उनसे कहा कि “अंग्रेजी सीखो, तरक्की करोगे।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंग्रेजी शिक्षा से वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
2. बीजेपी और संघ की दोहरी नीति पर सवाल:
राहुल गांधी ने इस बात को उजागर किया कि संघ (RSS) और बीजेपी के नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के महंगे स्कूलों और विदेशों में पढ़ाते हैं, लेकिन आम जनता को अंग्रेजी से दूर रहने की सलाह देते हैं।
3. भारतीय समाज में अंग्रेजी का महत्व:
राहुल गांधी ने यह भी बताया कि भारत के आईटी, मेडिकल, और इंजीनियरिंग क्षेत्र में सफलता की बड़ी वजह अंग्रेजी शिक्षा है। उन्होंने कहा कि भारत चीन से आगे इसलिए रहा क्योंकि यहां अच्छी अंग्रेजी शिक्षा दी जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश: हिंदू धर्म पर खतरा?
1. 11 साल बाद भी ‘हिंदू खतरे में’ का नैरेटिव:
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों में बार-बार यह दोहराया कि हिंदू धर्म और आस्था पर खतरा है। उनका कहना था कि “जंगल राज वाले” (यानी विपक्षी दल) महाकुंभ का अपमान कर रहे हैं।
2. क्या वाकई हिंदू धर्म पर खतरा है?
अभिसार शर्मा इस पर सवाल उठाते हैं कि अगर प्रधानमंत्री 11 साल सत्ता में रहने के बाद भी यह कह रहे हैं कि हिंदू धर्म खतरे में है, तो यह सरकार की असफलता को दिखाता है। अगर हिंदू धर्म को खतरा था, तो बीते 11 सालों में इसे सुरक्षित क्यों नहीं किया गया?
3. महाकुंभ और हिंदू धर्म के नाम पर राजनीति:
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि महाकुंभ पर विपक्षी दल गाली दे रहे हैं। लेकिन अभिसार शर्मा के अनुसार, राहुल गांधी या विपक्ष ने महाकुंभ को गाली नहीं दी, बल्कि महाकुंभ में हुई भगदड़ और कुप्रबंधन पर सवाल उठाए।
पीएम मोदी और राहुल गांधी के बयान पर राजनीति: हिंदू धर्म बनाम रोज़गार और शिक्षा?
1. मोदी सरकार का प्रचार तंत्र और हिंदू धर्म:
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी अक्सर चुनावी मौसम में धार्मिक मुद्दों को उठाते हैं। इस बार भी हिंदू धर्म को खतरे में बताने का नैरेटिव सामने लाया गया है।
2. राहुल गांधी का चुनावी नैरेटिव:
इसके विपरीत, राहुल गांधी रोजगार, शिक्षा और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। “अंग्रेजी सीखो, तरक्की करो” का संदेश युवाओं को उनकी क्षमता पहचानने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष: जनता को क्या चाहिए?
अभिसार शर्मा के वीडियो में दो अलग-अलग दृष्टिकोण सामने आते हैं:
- नरेंद्र मोदी: हिंदू धर्म खतरे में है, आस्था का अपमान हो रहा है।
- राहुल गांधी: अंग्रेजी सीखो, आगे बढ़ो, वैश्विक स्तर पर भारत को मजबूत बनाओ।
अब सवाल यह है कि जनता को क्या चाहिए?
- क्या जनता धार्मिक नैरेटिव में उलझी रहेगी?
- या फिर वह शिक्षा, रोजगार और आर्थिक सुधार जैसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देगी?
यह तय करना कि, “पीएम मोदी और राहुल गांधी के बयान के बाद: कौन सा विजन जनता के हित में?” यह देश की जनता के हाथ में है।