सोशल मिडिया पर इन्फ़्लुएंसर द्वारा शेयर बाजार (Stock Market) की चौका-चौध आजकल खूब दिखाई जा रही है। डिजिटल हो चुकी दुनिया में आज हर युवा वर्ग के हाथो में अत्याधुनिक मोबाइल है। ऐसे में जब वह इन इन्फ़्लुएंसर की लाइफ स्टाइल देखता है तो उसके मन में एक सवाल पनपने लगता है कि, ‘आखिर शेयर बाजार क्या है (share bazar kya hai)।’ तो चलिए आज हम पूरी ईमानदारी से बताते है जिससे इस प्रश्न को लेकर आपका संचय हमेशा-हमेशा के लिए ख़त्म हो जायेगा तो चलिए शुरू करते है..
जानिए, शेयर बाजार क्या है?
शेयर बाजार एक ऐसा मंच है या एक ऐसा स्थान है जहां कंपनियों के शेयरों का क्रय-विक्रय (Buy-Sell) होता है। यह निवेशकों और कंपनियों को एक साथ लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम यानी जरिया है।
यहां कंपनियों का मतलब है, ‘ऐसी कंपनी जो शेयर मार्केट में लिस्टेड है’ और निवेशकों से मतलब है ऐसी लोग जो शेयर बाज़ार में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदते या बेचते है।
शेयर बाजार की विशेषताएं:
- कंपनियां अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए पूंजी जुटाती हैं
- निवेशक कंपनी के मालिकाना हक में हिस्सेदारी खरीदते हैं
- शेयरों की कीमतें मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती हैं
भारत में दो प्रमुख शेयर एक्सचेंज हैं – BSE और NSE। इन एक्सचेंजों पर हजारों कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध (listed) हैं।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको एक डिमैट खाता खोलना होगा। नई कंपनियां IPO के माध्यम से बाजार में प्रवेश करती हैं।
SEBI शेयर बाजार का नियामक संस्थान है जो निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए सेंसेक्स और निफ्टी जैसे संकेतक उपयोग होते हैं।
1. शेयर बाजार की परिभाषा क्या है?
शेयर बाजार एक वित्तीय बाजार (Financial Market) है जहाँ कंपनियों के स्वामित्व (Ownership) के हिस्से का व्यापार होता है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो कंपनियों और निवेशकों को एक साथ लाता है।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको यानी निवेशकों को एक डिमैट खाता (Demat Account) खोलना होगा। नई कंपनियां IPO के माध्यम से बाजार में प्रवेश करती हैं। SEBI शेयर बाजार का नियामक संस्थान (Regulatory Body) है जो निवेशकों के हितों की रक्षा करता है। बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स का उपयोग होता हैं।
- कंपनियां अपने मालिकाना हक को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटती हैं
- प्रत्येक हिस्से को ‘शेयर’ कहा जाता है
- निवेशक इन शेयरों को खरीद-बेच सकते हैं
शेयर बाजार कंपनियों को पूंजी जुटाने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है, जबकि निवेशकों को कंपनी के विकास में भागीदार बनने का मौका मिलता है। यह एक नियंत्रित और पारदर्शी व्यवस्था है जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
2. शेयर बाजार कितने प्रकार के होते है?
शेयर बाजार के दो प्रमुख प्रकार हैं – प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।
- प्राथमिक बाजार: इसमें कंपनियों का IPO (Initial Public Offering) होता है, जिसमें कंपनी नए हिस्सेदारों को अपने मालिकाना हक में हिस्सेदारी खरीदने का मौका देती है।
- द्वितीयक बाजार: इसमें पहले से सूचीबद्ध कंपनियों के हिस्सेदारी के खरीद-बेच का व्यापार होता है।
1. प्राथमिक बाजार (Primary Market)
- कंपनियां पहली बार अपने शेयर जारी करती हैं
- IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के माध्यम से शेयर बेचे जाते हैं
- निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदते हैं
- कंपनियों को पूंजी जुटाने में मदद मिलती है
2. द्वितीयक बाजार (Secondary Market)
- पहले से जारी शेयरों का खरीद-बिक्री होता है
- BSE और NSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग होती है
- निवेशक एक-दूसरे से शेयर खरीदते-बेचते हैं
- शेयरों की कीमत मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है
दोनों बाजार एक-दूसरे के पूरक हैं और निवेशकों को विभिन्न अवसर प्रदान करते हैं।
3. भारत में प्रमुख एक्सचेंज
भारत में प्रमुख शेयर एक्सचेंज वित्तीय बाजार के संचालन और नियंत्रण के लिए हैं। कुछ प्रमुख शेयर एक्सचेंजों में से हैं:
1. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह संगठन 1875 में स्थापित किया गया है और भारत की सबसे पुरानी और सर्वप्रमुख शेयर एक्सचेंजों में से है।
2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): NSE 1992 में स्थापित किया गया है और BSE के पीछे से महत्वपूर्णतम शेयरों की मारक है।
3. मल्टी-कमोडिटी-स्टॉक-संक्रम-संस्था (MCX-SX): यह भारत का प्रमुख मल्टी-कमोडिटी और स्टॉक एक्सचेंज है और 2012 में शुरू किया गया है।
4. नेशनल कॉमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX): NCDEX 2003 में स्थापित किया गया है और कृषि, मसाला, औद्योगिक मसाले, प्राकृतिक गैस, प्रोपेन, पेट्रोलियम, सोने, सिल्वर, काच, कपास, जीरे, धनिया, मसाले, सोयाबीन, मैक्सी सीड”.
भारत के दो सबसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
- एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज
- 1875 में स्थापित
- सेंसेक्स इंडेक्स का संचालन करता है
- 5000+ कंपनियां सूचीबद्ध
- 1992 में स्थापित
- निफ्टी 50 इंडेक्स का संचालन
- आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम
- 2000+ कंपनियां सूचीबद्ध
दोनों एक्सचेंज ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। निवेशक अपने डीमैट खाते के माध्यम से इन प्लेटफॉर्म पर शेयर खरीद-बिक्री कर सकते हैं। BSE और NSE दोनों SEBI के नियमों के तहत काम करते हैं और बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं।
4. शेयर की कीमतों के निर्धारण के कारक
शेयर की कीमतों के निर्धारण के कारक मुख्य रूप से विपणन मांग (Marketing Demand) और आपूर्ति (supply), कंपनी के प्रदर्शन, प्रतिस्पर्धात्मकता (Competitiveness), बाजार की स्थिति, राजनीतिक और मानसिक प्रभावों (Mental Effects), मौद्रिक नीति (Monetary Policy), ब्याज दरें, मौसमी प्रभावों, बैंक दरें, महंगाई और समस्या-प्रमुखता के प्रभाव से प्रभावित होते हैं।
शेयरों का मूल्य समय-समय पर सुनिश्चितता (Certainty) से परिवर्तित होता है, इसलिए निवेशकों को अपनी मुद्रा की सुरक्षा को महत्वपूर्ण रखते हुए सही समय पर निवेश करना आवश्यक होता है।शेयर मूल्य निर्धारण कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करता है:
- कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन: मुनाफा, बिक्री, राजस्व और कर्ज की स्थिति
- उद्योग की स्थिति: प्रतिस्पर्धा, बाजार में मांग, कच्चे माल की कीमतें
- आर्थिक कारक: मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, जीडीपी विकास दर
- राजनीतिक घटनाक्रम: सरकारी नीतियां, कर संरचना, अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- तकनीकी विश्लेषण: शेयर का पिछला प्रदर्शन, ट्रेडिंग वॉल्यूम
बाजार में निवेशकों की भावनाएं भी शेयर की कीमतों को प्रभावित करती हैं। कंपनी के भविष्य के विकास की संभावनाएं, नए उत्पाद लॉन्च, प्रबंधन में बदलाव जैसे कारक भी मूल्य निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
5. निवेश के लाभ और जोखिम
शेयर बाजार में निवेश से जुड़े दो पहलू हैं – लाभ और जोखिम। यह जानना आवश्यक है कि कैसे इन दोनों का संतुलन बनाया जाए। शेयर बाजार में निवेश करने के लाभों में सबसे प्रमुख है मुनाफा की संभावना। अगर आपकी निवेश सही कंपनी में हुई है, तो आपको शेयर मूल्य के बढ़ने से लाभ हो सकता है। इसके साथ ही, कुछ कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली डिविडेंड्स के माध्यम से आपको सतत मासिक आय प्राप्त होती है।
लेकिन, इसके साथ-साथ, शेयर में निवेश करना एकमात्र प्रतिष्ठित मुनाफा का मतलब नहीं होता है। प्रतिस्पर्धा, मूल्यों में परिवर्तन, मार्केट संकट, सरकारी नीतियां और अन्य घटनाओं के कारण शेयर मूल्यों में गिरावट के संभावना भी होती है। इसलिए, शेयरों में निवेश करने से पहले इन जोखिमों का ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
निवेश के प्रमुख लाभ:
- धन का दीर्घकालिक विकास
- मुद्रास्फीति से बचाव
- नियमित लाभांश आय
- कंपनी की वृद्धि में भागीदारी
निवेश के जोखिम:
- बाजार में उतार-चढ़ाव
- कंपनी का खराब प्रदर्शन
- तरलता का जोखिम
- गलत निवेश निर्णय
शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश से 12-15% वार्षिक रिटर्न की संभावना रहती है। यह दर फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य पारंपरिक निवेश विकल्पों से अधिक है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक अपनी जोखिम सहन क्षमता के अनुसार ही निवेश करें।
6. SEBI की भूमिका
SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) शेयर बाजार का मुख्य नियामक है। यह निवेशकों के हितों की रक्षा करता है और बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।SEBI ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए कई नियम और गाइडलाइन जारी की हैं। यह उचित बाजार प्रथाओं, फर्जी कंपनियों से सुरक्षा, और ट्रांसपेरेंसी को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है। SEBI की मौजूदा पहचान प्रमाणपत्र (KYC) प्रक्रिया, IPO पंजीकरण, मुहरत ट्रेडिंग के नियम, और मूल्य-निर्धारक के प्रकारों पर महत्वपूर्ण प्रतिबंध हैं। SEBI की सक्रिय भूमिका के कारण, भारतीय शेयर बाजार में सुधार हुआ है, जो निवेशकों के सुरक्षा में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है।
SEBI की प्रमुख जिम्मेदारियां:
- निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- बाजार में धोखाधड़ी को रोकना
- शेयर बाजार में पारदर्शिता बनाए रखना
- कंपनियों द्वारा नियमों का पालन सुनिश्चित करना
- ब्रोकर्स और अन्य मध्यस्थों को लाइसेंस जारी करना
SEBI नियमित रूप से नए दिशा-निर्देश जारी करता है और बाजार की गतिविधियों पर नज़र रखता है। यह शेयर बाजार में होने वाले अवैध कार्यों पर कड़ी कार्रवाई करता है और दोषी व्यक्तियों या संस्थाओं पर जुर्माना लगाता है।SEBI के नियमों और गाइडलाइन्स के प्रभाव से भारतीय शेयर बाजार में सुधार हुआ है, जो निवेशकों के सुरक्षा में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। SEBI की प्रमुख जिम्मेदारियां हैं: निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, बाजार में धोखाधड़ी को रोकना, पारदर्शिता बनाए रखना, कंपनियों के नियमों का पालन सुनिश्चित करना, और मध्यस्थों को लाइसेंस जारी करना। SEBI, सतत प्रक्रिया में है, नए दिशा-निर्देशों की घोषणा करता है, ीसे ोहत्रतिितििििति िधियों की नज़र रखता है, और अवैध कार्यों पर कार्रवाई करता है।
7. महत्वपूर्ण तत्व
IPO प्रक्रिया
IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) एक कंपनी का पहला सार्वजनिक शेयर निर्गम होता है। यह प्रक्रिया कंपनी को जनता से पूंजी जुटाने में मदद करती है। IPO के माध्यम से:
- कंपनी अपने शेयर पहली बार जनता को बेचती है
- निवेशक कंपनी के मालिक का हिस्सा बन सकते हैं
- शेयर की कीमत कंपनी द्वारा तय की जाती है
डिमैट खाता
डिमैट खाता शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने का माध्यम है। इसमें शेयरों की खरीदारी, बिक्री, और स्थानांतरण की सुविधा होती है। यह एक ऑनलाइन होता है और सुरक्षितता के साथ शेयरों के लेन-देन को सुनिश्चित करता है।
मूडीज प्रमाणन
मूडीज प्रमाणन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें कंपनी की क्रेडिट गुणवत्ता को मापा जाता है। मूडीज कंपनि ों के प्रमुख प्रमाणनकर्ता हैं, और उनके प्रमाणपत्रों के माध्यम से कंपनियों की सुरक्षितता, संपत्ति, और मुनाफे पर प्रकाश डाला जाता है।
SEBI (सेबी) सुरक्षा और विनियामक बोर्ड ऑफ इंडिया की सुपरवाइजन में है, जो भारतीय पूंजी बाजारों के संचालन, संरक्षण, और प्रोत्साहन के लिए जिम्मेदार है। SEBI का मुख्य उद्देश्य प्रमुखतः निवेशकों की सुरक्षा है, ताकि उनके प्रतिष्ठान में संयमित प्रमुखता हो। इसकी विशेषताएं:
- शेयरों का सुरक्षित भंडारण
- तुरंत खरीद-बिक्री की सुविधा
- कागजी कार्रवाई से मुक्ति
- ऑनलाइन लेनदेन की सुविधा
8. सेंसेक्स और निफ्टी
सेंसेक्स और निफ्टी भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांक हैं:
- सेंसेक्स (BSE Sensex): BSE के 30 सबसे बड़े शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है, भारतीय अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर माना जाता है और 1979 में आधार वर्ष 100 अंकों से शुरू हुआ।
- निफ्टी 50 (Nifty): NSE के 50 प्रमुख शेयरों को दर्शाता है, विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों को शामिल करता है और बाजार की दैनिक गतिविधियों का सटीक विश्लेषण प्रदान करता है।
ये सूचकांक निवेशकों को बाजार की स्थिति का त्वरित अवलोकन प्रदान करते हैं और निवेश निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।ये सूचकांक निवेशकों को बाजार की स्थिति का त्वरित अवलोकन प्रदान करते हैं और निवेश निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सेंसेक्स और निफ्टी का प्रतिबिम्बीकरण शेयर बाजार के संचालन में महत्वपूर्ण होता है, कहीं न कहीं ये सुनिश्चित करता है कि प्रमुख शेयरों की मूल्यमापन प्रक्रिया सही और प्रत्यायोजनीय हो रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शेयर बाजार क्या है?
शेयर बाजार एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ कंपनियों के शेयरों का क्रय-विक्रय होता है। यह निवेशकों को कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने और बेचने की अनुमति देता है, जिससे वे लाभ कमा सकते हैं। शेयर बाजार एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ कंपनियों के शेयरों का क्रय-विक्रय होता है। यह निवेशकों को कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने और बेचने की अनुमति देता है, जिससे वे लाभ कमा सकते हैं। IPO के माध्यम से, कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयरों को बेचती है, जिससे निवेशक कंपनी के मालिक का हिस्सा बन सकते हैं।
डिमैट (Demat) खाता, सुरक्षितता, सुविधा, मुक्ति, NIfty50, BSE Sensex – सभी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हैं.
भारत में प्रमुख शेयर एक्सचेंज कौन से हैं?
भारत में प्रमुख शेयर एक्सचेंज BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) हैं। ये एक्सचेंज निवेशकों को शेयरों का व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते हैं। एक्सचेंजों के अलावा, भारत में छोटे शहरों में भी कई स्थानीय शेयर बाजार हैं जहाँ स्थानीय कंपनियों के हिस्सेदारी खरीद-बिक्री होती है। इनमें कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, इंदौर, लखनऊ, कोचीन, कोल्लकता, प्रियेद, सूरत, हैसरोल, पूना, महिला , महिला , महिला , महिला , महिला , महि…
शेयर की कीमतें कैसे निर्धारित होती हैं?
शेयर की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे कंपनी का प्रदर्शन, बाजार की मांग और आपूर्ति, आर्थिक स्थिति, और वैश्विक घटनाएँ। इन सभी कारकों का मिलाजुला असर शेयर की कीमतों पर पड़ता है।शेयर बाजार में निवेश करने से पहले क्या ध्यान देना चाहिए?
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना चाहिए। पहले, आपको अपनी आर्थिक स्थिति, लक्ष्य, और संगठन की क्षमता की समीक्षा करनी चाहिए।
दूसरे, मार्केट की पूरी समझ होनी चाहिए – उसकी प्रक्रिया, चुनौतियों, और संभावित प्रतिक्रियाएं।
तीसरे, पहले से ही सुसंगत पोर्टफोलियो का प्रकाशन करना महत्वपूर्ण है।
अंत में, मुख्यता के साथ, संतुलन और धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि बाजार में स्थिरता के परिवर्तन हो सकते हैं।
निवेश के लाभ और जोखिम क्या हैं?
निवेश करने के कई लाभ हैं, जैसे लंबी अवधि में उच्च रिटर्न की संभावना और संपत्ति का निर्माण। हालांकि, इसके साथ ही जोखिम भी होते हैं, जैसे बाजार की अस्थिरता और संभावित नुकसान। भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, निवेशकों को बाजार के नियमों, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों, और महत्वपूर्ण शेयरों की समझ होनी चाहिए।
सेबी की भूमिका क्या है?
SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) भारत में शेयर बाजार की निगरानी करता है और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। यह निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियम और विनियम बनाता है।
इसके अलावा, सेबी की भूमिका कंपनीयों के लिए नियम और विनियम भी तय करने में होती है, जो सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को सही और सत्यापित जानकारी मिले।
SEBI की मुख्य भूमिका है कि वह प्रबंधन, प्रशासनिक, पेशेवरीकरण, और प्रशासनिक कार्यों में सुधार करता है, ताकि बाजार में सही-सत्यापित मामलों के सेट-अप हों।
IPO प्रक्रिया और डिमैट खाता क्या होते हैं?
IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफर) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कंपनियाँ पहली बार अपने शेयर सार्वजनिक रूप से पेश करती हैं। डिमैट खाता एक इलेक्ट्रॉनिक खाता है जिसमें निवेशक अपने शेयरों को सुरक्षित रख सकते हैं और उन्हें आसानी से खरीद या बेच सकते हैं।
आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर) एक विधि है जिससे कंपनियां पहली बार शेयरों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराती हैं। डीमैट खाता, एक इलेक्ट्रॉनिक खाता होता है, जहाँ निवेशक अपने शेयरों को सुरक्षित रख सकते हैं, साथ ही मुद्रा में खरीद-बेच सकते हैं।
यह तरीका निवेशकों को सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसके साथ ही, डीमैट खाता प्रबंधन को सुलभ बनाने के साथ-साथ, लोकप्रियता में भी इजाफा करता है, क्योंकि इसे संगठित, पेपरलेस, और सुरक्षित माना जाता है।
डीमैट खाता के माध्यम से, निवेशकों को बाजार की गतिविधि पर पूरी तरह से नजर रखने की सुविधा होती है, क्योंकि इसे संगठित और पेपरलेस तरीके से मैनेज किया जा सकता है। साथ ही, पहले के मुकाबले, डीमैट खाता में होने वाली सुविधाएं, मुद्रा में क्रेडिट कार्ड की तुलना में, सस्ती होती हैं, जो कि निवेशकों के लिए सहजता प्रदान करता है।
इसके साथ ही, डीमैट खाता प्रबंधन को सुलभ बनाने के साथ-साथ, लोकप्रियता में भी इजाफा करता है, क्योंकि इसे संगठित, पेपरलेस, और सुरक्षित माना जाता है।
डीमैट खाता के माध्यम से, निवेशकों को बाजार की गतिविधि पर पूरी तरह से नजर रखने की सुविधा होती है, क्योंकि इसे संगठित और पेपरलेस तरीके से मैनेज किया जा सकता है।
साथ ही, पहले के मुकाबले, डीमैट खाता में होने वाली सुविधाएं, मुद्रा में क्रेडिट कार्ड की तुलना में, सस्ती होती हैं, जो कि निवेशकों के लिए सहजता प्रदान करता है।
इसलिए, डीमैट खाता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो प्रशंसनीय सुविधाएं प्रदान करके, निवेशकों के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण साधन होता है।
इसके अलावा, डीमैट खाता निवेशकों को सुरक्षितता की भी गारंटी प्रदान करता है। पेपरलेस तरीके से होने के कारण, इसमें होने वाली चोरी, हानि या किसी प्रकार के नुकसान की संभावना कम होती है।
इसके साथ ही, खाता में होने वाले संपूर्ण सौंदर्यिक प्रतिलिपि (Demat statement) के माध्यम से, 24×7 में संपत्ति का प्रबंधन करने की सुविधा मिलती है।
इसलिए, पेपरलेस, संगठित, सुरक्षित और सहजता प्रदान करने वाले डीमैट खाता को करेंसी में निवेश करने का आसान बना देता है।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त आर्टीकल केवल एजुकेशन और इन्फॉर्मेशन के उद्देश्य के लिए है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमो के अधीन होता है इसलिए पेशेवर वित्तीय सलाहकार की राय के बाद निवेश करें। हम सेबी रजिस्ट्रर्ड सलाहकार नही है।