रिलायंस की मजबूत कमाई और FII खरीदारी ने बाजार में भरी रौनक: तनाव के बीच सेंसेक्स 1,000 अंक ऊपर

28 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने भू-राजनीतिक तनावों के बीच एक मजबूत उछाल दर्ज किया। पहलगाम आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों, जैसे अटारी सीमा से 237 पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र, के बावजूद बाजार ने सकारात्मक रुख दिखाया। सेंसेक्स 1,005.84 अंक (1.27%) की बढ़त के साथ 80,218.37 पर और निफ्टी 289.15 अंक (1.20%) की उछाल के साथ 24,328.50 पर बंद हुआ। यह प्रदर्शन निवेशकों के लिए एक आश्चर्यजनक लेकिन स्वागतयोग्य संकेत रहा। आइए, इस तेजी के प्रमुख कारणों और भविष्य की रणनीतियों का विश्लेषण करें।

बाजार की तेजी के 5 प्रमुख कारण

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज की शानदार कमाई: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौथी तिमाही में उम्मीद से बेहतर नतीजे पेश किए, जिसके बाद इसके शेयरों में 4-5% की उछाल देखी गई। कंपनी की मजबूत आय और 5.5 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड की घोषणा ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।
  • विदेशी निवेशकों (FII) की वापसी: पिछले आठ सत्रों में FII ने भारतीय बाजार में 32,466 करोड़ रुपये की खरीदारी की। भारत-पाक तनाव के बावजूद, बाजार की लचीलापन और सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया।
  • कमजोर डॉलर और सस्ता कच्चा तेल: भारतीय रुपये ने 41 पैसे की मजबूती के साथ 85.03 प्रति डॉलर पर कारोबार किया। साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने तेल और गैस क्षेत्र को बढ़ावा दिया, जिसका असर रिलायंस और अन्य PSU शेयरों पर दिखा।
  • वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत: वैश्विक बाजार, विशेष रूप से एशियाई और यूरोपीय बाजार, स्थिर रहे। अमेरिकी व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता कम होने और वैश्विक इक्विटी बाजारों के तीन सप्ताह के उच्च स्तर पर रहने ने भारतीय बाजार को समर्थन दिया।
  • मजबूत क्षेत्रीय प्रदर्शन: तेल और गैस, फार्मा, और PSU बैंक जैसे क्षेत्रों ने बाजार को मजबूती दी। SBI लाइफ, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, और सन फार्मा जैसे शेयरों में 5-7% की तेजी ने बाजार को ऊपर खींचा, जबकि HCL टेक और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे शेयरों में गिरावट रही।

तकनीकी विश्लेषण: निफ्टी और सेंसेक्स का भविष्य

तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी ने 24,200-24,300 के प्रतिरोध स्तर को पार कर लिया है, जो एक मजबूत तेजी का संकेत है। यदि निफ्टी 24,400 के ऊपर टिकता है, तो यह 24,450-24,500 की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, भारत-पाक तनाव और भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण बाजार में अस्थिरता की संभावना बनी हुई है। समर्थन स्तर 23,800-23,900 पर है, और इसके नीचे गिरावट होने पर 23,500 तक सुधार देखा जा सकता है।

डॉ. वीके विजयकुमार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, ने कहा, “भारत-पाक तनाव के बावजूद बाजार की लचीलापन उल्लेखनीय है। मजबूत घरेलू संकेत और FII की खरीदारी ने बाजार को समर्थन दिया है।”

निवेशकों के लिए रणनीति

  • क्षेत्र-विशिष्ट निवेश: तेल और गैस (रिलायंस, ONGC), फार्मा (सन फार्मा), और PSU बैंक (SBI) जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर हैं। इन क्षेत्रों ने हाल के दिनों में मजबूत प्रदर्शन किया है।
  • सतर्क दृष्टिकोण: भारत-पाक तनाव और वैश्विक व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। स्टॉप-लॉस के साथ निवेश और डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  • लार्ज-कैप पर फोकस: रिलायंस, ICICI बैंक, और L&T जैसे लार्ज-कैप शेयर वैश्विक अनिश्चितताओं से कम प्रभावित होते हैं और सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकते हैं।
  • वॉल्यूम आधारित शेयर: वोडाफोन आइडिया, यस बैंक, और सुजलॉन एनर्जी जैसे उच्च वॉल्यूम वाले शेयरों पर नजर रखें, जो अल्पकालिक ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।

निष्कर्ष

पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाक तनाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने अपनी मजबूती साबित की है। अटारी सीमा से 237 पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र जैसे कदमों ने भले ही भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाया, लेकिन रिलायंस की मजबूत कमाई, FII की खरीदारी, और वैश्विक संकेतों ने बाजार को उछाल दिया। निवेशकों को अब सतर्कता के साथ-साथ मजबूत क्षेत्रों और लार्ज-कैप शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। बाजार की अगली चाल भारत-पाक स्थिति और Q4 नतीजों पर निर्भर करेगी।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सूचना और विश्लेषण के उद्देश्य से प्रदान किया गया है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है, और निवेशकों को अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने के बाद ही कोई निवेश निर्णय लेना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी तथ्यात्मक और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, लेकिन हम किसी भी वित्तीय नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेते। कृपया निवेश से पहले सभी जोखिमों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें।

लेखक; अवधेश यादव | प्रकाशन तिथि 28 अप्रैल 2025

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