पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को घेरने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाया। पाकिस्तान सरकार ने वजीरिस्तान हमला के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की नापाक कोशिश की है। बता दे इस हमले में 13 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है।
नई दिल्ली, 29 जून 2025: पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में हुए भीषण सुसाइड बम विस्फोट के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है, जिसमें 13 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई। भारत ने इस बयान को तुरंत खारिज करते हुए पाकिस्तानी सेना के इस बयान को “अवमाननाजनक” करार दिया है। यह घटना देश के आंतरिक संकट और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की भारत-विरोधी रणनीति को उजागर करती है।
⚡ ताजा घटनाक्रम: वजीरिस्तान हमला का आरोप और भारत का जवाब
‘हमने पाकिस्तानी सेना का एक ऑफिशियल बयान देखा है, जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान पर हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है। हम इस बयान को पूरी अवमानना के साथ खारिज करते हैं, जो इसी के लायक है।’ – रणधीर जायसवाल (प्रवक्ता विदेश मंत्रालय)
- घातक हमला: 28 जून को उत्तरी वजीरिस्तान के खड्डी इलाके में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को पाकिस्तानी सेना के काफिले से टकरा दिया। विस्फोट में 13 सैनिक मारे गए और 24 अन्य घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित संगठन उसुद अल-हरब ने ली ।
- भारत पर आरोप: पाकिस्तानी सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर भारत पर इस हमले का आरोप लगाया, बिना कोई सबूत पेश किए।
- मजबूत खंडन: भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री रणधीर जायसवाल ने कहा – “हम पाकिस्तानी सेना के इस बयान को पूरी तरह से और अवमानना के साथ खारिज करते हैं” । उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आरोप निराधार और भ्रम फैलाने वाला है।
💥 विस्फोट की भयावहता और TTP का निशाना
- विस्फोटक शक्ति: हमलावर ने लगभग 800 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया, जिससे विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास के दो घरों की छतें ढह गईं और छह बच्चे सहित 14 नागरिक घायल हुए ।
- TTP का हाथ? स्थानीय सूत्रों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया (एएफपी) ने बताया कि यह हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सहयोगी गुट हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने किया है । TTP पाकिस्तान में सक्रिय एक कट्टर संगठन है जिसे पाकिस्तानी सेना और सरकारी संस्थानों को निशाना बनाने के लिए जाना जाता है।
- पिछला हमला: मात्र तीन दिन पहले (24 जून) को दक्षिणी वजीरिस्तान में TTP के हमले में दो पाकिस्तानी सेना अधिकारियों की मौत हुई थी, जिनमें कमांडर मोइज अब्बास भी शामिल था ।
🕵️♂️ वजीरिस्तान हमला का मकसद: मुनीर की रणनीति और पाकिस्तान का आंतरिक संकट
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का भारत को दोषी ठहराना कोई आकस्मिक कदम नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है:
- दोषारोपण की प्रवृत्ति: विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान अक्सर अपने आंतरिक सुरक्षा संकटों और आतंकी हमलों के लिए भारत को बलि का बकरा बनाता है। यह घटना इसी पैटर्न का हिस्सा है ।
- मुनीर का ट्रैक रिकॉर्ड: जनरल असीम मुनीर, जिन्हें कुछ विश्लेषक “जिहादी जनरल” कहते हैं, का भारत-विरोधी रुख स्पष्ट है। वह 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के समय पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख थे, जिसमें 40 भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे ।
- आंतरिक विद्रोह को छिपाना: पाकिस्तान बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (KPK) में बढ़ते अलगाववाद और TTP के हमलों से जूझ रहा है। भारत पर आरोप लगाकर वह अपनी सुरक्षा विफलताओं और जनअसंतोष से ध्यान भटकाना चाहता है ।
- जनता का सेना से मोहभंग: हाल के महीनों में पाकिस्तान की आम जनता और यहां तक कि मस्जिदों के इमामों तक ने सेना के खिलाफ खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। KPK की एक मस्जिद में एक प्रभावशाली मौलवी ने कुरान हाथ में लेकर घोषणा की कि अगर भारत हमला करेगा तो वे पाकिस्तानी सेना के बजाय भारतीय सेना का साथ देंगे ।
- सैन्य मनोबल गिरना: पाकिस्तानी सेना में इस्तीफों और भागने की अफवाहें प्रचलित हैं। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारी इन्हें “भारतीय प्रचार” बताते हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि सैनिकों का मनोबल निचले स्तर पर है ।
🧩 TTP: पाकिस्तान की पैदा की हुई दानव
वजीरिस्तान हमले के पीछे TTP का हाथ होने की आशंका पाकिस्तान के लिए विडंबनापूर्ण है:
- उत्पत्ति: TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) की स्थापना दिसंबर 2007 में बेयतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को एकजुट करके की थी।
- पाकिस्तानी प्रायोजन का फल: TTP के अग्रदूत गुटों को मूल रूप से पाकिस्तानी आईएसआई ने अफगानिस्तान और भारत विरोधी एजेंडे के लिए पाला-पोसा था। बाद में ये गुट अपने पालनहार के खिलाफ मुड़ गए।
- लक्ष्य: TTP का प्राथमिक लक्ष्य पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमला करना है। इसे पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आंतरिक आतंकी खतरा माना जाता है ।
🧭 जनरल मुनीर: भारत के लिए खतरा और पाकिस्तान के लिए संकट
जनरल असीम मुनीर की भूमिका इस पूरे प्रकरण में अहम है:
- वैचारिक जहर: मुनीर हाल ही में हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे भाषण दे चुके हैं, जहां उन्होंने कहा था – “हम धर्म हो या मकसद, हर मायने में हिंदुओं से अलग हैं” । उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया।
- परमाणु जोखिम: विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान भारत के साथ टकराव को बढ़ावा दे सकता है। यह चिंताजनक है क्योंकि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं ।
- आंतरिक कमजोरी: मुनीर का भारत-विरोध जोश पाकिस्तान की आर्थिक तबाही (कर्ज संकट), राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य मनोबल की कमी को ढकने की कोशिश लगता है । उनके “मौलाना जैसे” भाषणों को सेना की वैचारिक बैसाखी की जरूरत के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
🌍 क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर निहितार्थ
यह घटना और उसके बाद का आरोप-प्रत्यारोप क्षेत्र के लिए खतरनाक संकेत है:
- आतंकवाद को बढ़ावा: भारत पर झूठे आरोप पाकिस्तान में भारत-विरोधी आतंकी गुटों का मनोबल बढ़ा सकते हैं।
- वैश्विक प्रतिष्ठा: पाकिस्तान का यह कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्थाओं के समक्ष उसकी विश्वसनीयता को और कम करेगा।
- शांति प्रक्रिया बाधित: इस तरह के बेबुनियाद आरोप द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और किसी भी संभावित वार्ता की संभावना को कई वर्षों पीछे धकेल सकते हैं ।
“मुनीर के बयान और कार्यवाहियाँ भारत के साथ सार्थक शांति वार्ता की संभावनाओं को कई वर्षों तक पीछे धकेल सकती हैं।” – विष्णु सोम, वरिष्ठ पत्रकार
💎 सच बनाम प्रोपेगेंडा
वजीरिस्तान का दुखद हमला पाकिस्तान में बढ़ते आंतरिक आतंकवाद और सुरक्षा ढांचे की विफलता की कहानी कहता है। जनरल मुनीर द्वारा भारत पर बिना किसी सबूत के आरोप लगाना उनकी विफलताओं को छिपाने और एक बाहरी दुश्मन पेश करने की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है। यह कदम न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, बल्कि पाकिस्तान के सैन्य-प्रायोजित आतंकवाद के खेल को भी उजागर करता है। भारत का दृढ़ और त्वरित खंडन इस बात का प्रमाण है कि वह ऐसे प्रोपेगेंडा का मुकाबला करने के लिए तैयार है।