उत्तराखंड न्यूज़ टुडे: बद्रीनाथ में हिमस्खलन, 57 मज़दूर फंसे, राहत कार्य जारी

शुक्रवार, 28 फरवरी 2025 – उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में हिमस्खलन के कारण 57 मज़दूर बर्फ में फंस गए, जिनमें से अब तक 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बाकी 25 मज़दूरों की तलाश जारी है।
भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ की टीमों को राहत और बचाव कार्य के लिए लगाया गया है। खराब मौसम के कारण ऑपरेशन में कठिनाइयां आ रही हैं।

बद्रीनाथ धाम न्यूज़: हादसा कैसे हुआ?

बद्रीनाथ धाम न्यूज़: हादसा कैसे हुआ?

यह हादसा चमोली जिले के माणा गांव और माणा पास के बीच हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए सड़क निर्माण कार्य चल रहा था।

  • हिमस्खलन की वजह से बीआरओ का लेबर कैंप प्रभावित हुआ, जहां 8 कंटेनर और एक शेड मौजूद थे।
  • 22 मज़दूर खुद बचकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में सफल हुए, जबकि बाकी मज़दूर बर्फ में दब गए।
  • उत्तराखंड न्यूज़ टुडे के अनुसार, जोशीमठ और बद्रीनाथ मार्ग पर भी भारी बर्फबारी हो रही है, जिससे बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है।

badrinath news in hindi: राहत और बचाव कार्य की स्थिति

अब तक क्या हुआ?

  • भारतीय सेना ने 100 से अधिक जवानों, डॉक्टरों और एंबुलेंस के साथ राहत कार्य शुरू किया।
  • अब तक 32 मज़दूरों को सुरक्षित निकाला गया है, बाकी 25 की तलाश जारी है।
  • भारी बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बचाव अभियान में मुश्किलें आ रही हैं।

बचाव कार्य में आ रही दिक्कतें

  • बर्फबारी और बारिश के कारण हेलीकॉप्टर ऑपरेशन संभव नहीं हो पा रहा है।
  • बद्रीनाथ मार्ग बर्फ से ढका हुआ है, जिससे राहत टीमों को मौके पर पहुंचने में दिक्कतें हो रही हैं।
  • मौसम विभाग के अनुसार, badrinath temperature बहुत कम है, जिससे मज़दूरों के जीवित रहने की संभावना कम हो सकती है।

बद्रीनाथ मार्ग से जुड़ी खबरें: सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

बद्रीनाथ मार्ग से जुड़ी खबरें: सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। उन्होंने एक्स पर लिखा:

“हिमस्खलन की वजह से कई मज़दूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य राहत दल बचाव कार्य में जुटे हैं। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।”

वही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि, प्रदेश में जारी भारी वर्षा एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात को देखते हुए आपदा परिचालन केंद्र को सभी जिलाधिकारियों से लगातार समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए। ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। राहत एवं बचाव कार्यों में कोई भी कमी नहीं आने दी जाएगी। हम सभी से अपील करते हैं कि सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें, आप सभी सुरक्षित रहें, यही हमारी प्राथमिकता है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हालात पर नजर बनाए रखी है और प्रशासन को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

badrinath dham news: आगे की रणनीति

badrinath dham news: आगे की रणनीति | हादसे की तश्वीरें।

  • यदि मौसम सुधरता है, तो हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान तेज किया जाएगा।
  • एमआई-17 हेलीकॉप्टर और अन्य चॉपर की मदद से फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा।
  • सड़कों को साफ करने के लिए सेना और बीआरओ की मशीनरी लगातार काम कर रही है।

न्यूज़ अपडेट: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभी-अभी एक्स पर लिखा कि, देर रात राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की और माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, अधिकारियों को रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने और अब तक निकाले गए श्रमिकों की समुचित देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अभी तक 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

आगे उन्होंने कहा कि, इसके साथ ही जोशीमठ में अस्थाई आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना का निर्णय लिया गया है ताकि राहत कार्यों का प्रभावी संचालन हो सके। माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता से खोलने के निर्देश दिए गए हैं जिससे बचाव कार्यों में और तेजी लाई जा सके। जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल, जिला अस्पताल, एम्स ऋषिकेश में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं इसके अतिरिक्त एम-आई 17 हेलीकॉप्टर की सहायता से घायलों को त्वरित लिफ्ट करने की पूरी तैयारी करने के लिए भी निर्देशित किया है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड न्यूज़ टुडे के अनुसार, बद्रीनाथ में हुए इस हिमस्खलन से अब तक 33 मज़दूरों को बचाया जा चुका है, लेकिन 25 अभी भी लापता हैं।

भारतीय सेना, एनडीआरएफ़ और आईटीबीपी के जवान कठिन परिस्थितियों में राहत कार्य कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार के मुताबिक, बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में देरी हो रही है।

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