UN expert air india crash: भारत ने जांच में ICAO विशेषज्ञ की भूमिका से किया इनकार, अहमदाबाद हादसे की जांच पर सवाल

अहमदाबाद विमान हादसे की जांच के दौरान भारतीय अधिकारियों द्वारा UN विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ को बाहर रखने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पर बहस छेड़ दी है, जबकि ब्लैक बॉक्स डेटा विश्लेषण में दो सप्ताह की देरी ने पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

नई दिल्ली, 29 जून 2025 — भारत ने अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया बोइंग 787 विमान हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ को शामिल करने से इनकार कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) ने स्वेच्छा से अपना विशेषज्ञ उपलब्ध कराने की पेशकश की थी, जिसे भारतीय अधिकारियों ने ठुकरा दिया। इस घटना ने UN expert air india crash जांच प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं ।

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ICAO की असामान्य पहल और भारत का इनकार

  • बिना आमंत्रण के पहली पेशकश: ICAO ने विशेष रूप से अहमदाबाद क्रैश के लिए एक विशेषज्ञ को “पर्यवेक्षक का दर्जा” देने का अनुरोध किया था। यह एक असामान्य कदम था, क्योंकि ICAO आमतौर पर केवल संघर्ष क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं (जैसे 2014 में मलेशियाई एमएच17 और 2020 में यूक्रेनियन विमान की शूटिंग) में ही सक्रिय होता है, और तब भी उसे आधिकारिक निमंत्रण की आवश्यकता होती है ।
  • भारत का रुख: भारतीय अधिकारियों ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि देश की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) आईसीएओ प्रोटोकॉल का पालन कर रही है। सरकार ने जोर देकर कहा कि वह अनुलग्नक 13 के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन कर रही है ।
  • ICAO प्रमुख का पक्ष: ICAO महासचिव जुआन कार्लोस सलाजार गोमेज ने भारत के नागरिक उड्डयन सचिव को लिखे पत्र में कहा कि इस हादसे के अंतरराष्ट्रीय पैमाने और विदेशी नागरिकों की भागीदारी को देखते हुए एक बाहरी पर्यवेक्षक जांच की विश्वसनीयता बढ़ाएगा ।

जांच प्रक्रिया पर उठते सवाल

UN expert air india crash जांच के दौरान कई मोर्चों पर चिंताएँ सामने आई हैं:

  • ब्लैक बॉक्स विश्लेषण में देरी: हादसे के बाद 13 और 16 जून को ब्लैक बॉक्स बरामद होने के बावजूद, उनका डेटा डाउनलोड करने में दो सप्ताह लग गए। विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ एंथोनी ब्रिकहाउस ने कहा कि इस तरह की उच्च-प्रोफ़ाइल घटनाओं में आमतौर पर डेटा विश्लेषण तुरंत शुरू हो जाता है ।
  • पारदर्शिता का अभाव: भारत सरकार ने अब तक केवल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की है, जिसमें किसी प्रश्न को स्वीकार नहीं किया गया। इससे जांच के बारे में जानकारी के अभाव को लेकर आलोचना हुई है ।
  • अनुलग्नक 13 प्रोटोकॉल से विचलन: अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत, भविष्य की त्रासदियों को रोकने के लिए फ्लाइट रिकॉर्डर डेटा पढ़ने का निर्णय तुरंत किया जाना चाहिए था। यह भी स्पष्ट नहीं था कि डेटा का विश्लेषण भारत में होगा या अमेरिका में ।

विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • ICAO की भूमिका पर बहस: विमानन विश्लेषक अमित शाह ने टाइम्स नाउ को बताया कि “यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं है, बल्कि एक प्रमुख दुर्घटना है। ऐसी घटनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ICAO की भागीदारी आवश्यक है” ।
  • अमेरिकी NTSB की भूमिका: अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने कहा कि उनकी टीम भारतीय अधिकारियों के साथ “उत्कृष्ट सहयोग” कर रही है। उन्होंने सार्वजनिक सुरक्षा हित में जांच निष्कर्षों को शीघ्रता से सार्वजनिक करने की आवश्यकता पर जोर दिया ।
  • तकनीकी सहायता: विमान के इंजन निर्माता जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) ने विशेषज्ञ भेजे हैं, क्योंकि उन्होंने ब्लैक बॉक्स और इंजन दोनों का निर्माण किया था। बोइंग 787 में स्थापित जीई रिकॉर्डर एक “एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर” है, जो आपातकालीन बिजली जनरेटर के साथ लगभग 10 मिनट का बैकअप पावर प्रदान करता है ।

हादसे और जांच की वर्तमान स्थिति

  • घटना का विवरण: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गंतव्य वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद ऊंचाई खो दी। विमान अहमदाबाद सिविल अस्पताल परिसर के पास एक आवासीय इलाके में गिर गया, जिसमें विमान में सवार 242 लोगों में से 241 और जमीन पर 19 लोगों की मौत हो गई। यह दुनिया का सबसे घातक विमान हादसा था जिसमें बोइंग 787 शामिल थी और पिछले दशक में सबसे भीषण विमान दुर्घटना थी ।
  • जांच की प्रगति: 24 जून को, AAIB के महानिदेशक की अगुवाई में एक टीम ने NTSB के विशेषज्ञों के साथ ब्लैक बॉक्स डेटा निकालना शुरू किया। 25 जून तक, मेमोरी मॉड्यूल तक पहुंच प्राप्त कर ली गई और AAIB प्रयोगशाला में इसका डेटा सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया। इस कदम का उद्देश्य “दुर्घटना के कारण घटनाओं के क्रम को फिर से बनाना और भविष्य की घटनाओं को रोकने के लिए योगदान देने वाले कारकों की पहचान करना” है ।
  • प्रारंभिक रिपोर्ट का इंतजार: अधिकांश विमान दुर्घटनाएं कई कारकों के कारण होती हैं, और दुर्घटना के लगभग 30 दिनों बाद एक प्रारंभिक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट हादसे के संभावित कारणों पर प्रकाश डाल सकती है, जिसमें इंजन थ्रस्ट से संबंधित मुद्दे शामिल हैं, जिन पर जांचकर्ता ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ।

क्यों महत्वपूर्ण है UN expert air india crash मुद्दा?

इस मामले ने राष्ट्रीय संप्रभुता बनाम वैश्विक सुरक्षा मानकों पर एक सैद्धांतिक बहस छेड़ दी है। जहां भारत ने अपनी जांच क्षमताओं और संप्रभु अधिकारों पर जोर दिया है, वहीं ICAO और अंतरराष्ट्रीय विमानन समुदाय ने जोर देकर कहा है कि 260 लोगों की जान गंवाने वाली एक घटना में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण विश्वास बहाल करने में मदद करता है। यह विवाद इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे वैश्विक विमानन सुरक्षा को राष्ट्रीय जांच प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सहयोग के माध्यम से बनाए रखा जाता है।

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, UN expert air india crash प्रकरण नागरिक उड्डयन दुर्घटनाओं की जांच में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सीमाओं के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। इस हादसे के परिणाम न केवल भारत बल्कि वैश्विक विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल मिलता है कि ऐसी त्रासदियों से सबक सीखा जाए और उन्हें भविष्य में दोहराने से रोका जाए।

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