नई दिल्ली 24 जून 2025: स्ट्रेट ऑफ होर्मुज अरब सागर को फारस की खाड़ी से जोड़ता है। मालूम हो यह ओमान की खाड़ी, ओमान, ईरान, पाकिस्तान और UAE के मध्य है। इसी रास्ते से होकर सऊदी अरब, इराक, कुवैत, कतर जैसे देशों से तेल के टैंकर दुनियाभर में जाते हैं। ईरान-इजराइल युद्ध के बाद से यह रास्ता प्रभावित हो गया है। इसके साथ ही ईरान की संसद में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज रास्ते को बंद करने का प्रस्ताव ईरानी संसद में पेश हुआ है।
अगर परेशान किया तो स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बन्द कर वैश्विक तेल सप्लाई को करेंगे बाधित – ईरान
स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार ईरान की संसद में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। ऐसे में अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो भारत के साथ-साथ दुनियाभर में इसका व्यापक असर पड़ना तय है। मालूम हो स्ट्रेट ऑफ होर्मुज ही वह रास्ता है जहां से 20-25% कच्चा तेल और लगभग 25% नेचुरल गैस दुनिया भर में जाता है।
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बन्द होने की खबर से कच्चे तेल के दामों में आग लग गई है दरअसल क्रूड ऑयल के दाम बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। अगर ऐसे ही रहा तो पेट्रोल की कीमत ₹120 के पार जा सकती है।
अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किया था। जिसके बाद बौखलाए ईरान का कहना है कि अगर उसे और परेशान किया गया, तो वो स्ट्रेट ऑफ होर्मुज रास्ते को बंद करके वैश्विक तेल सप्लाई को प्रभावित कर सकता है।
उधर इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के सैकड़ो सैनिकों को मार गिराया है हालांकि ईरान ने इसकी पुष्टि नही की है। लेकिन अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद माहौल गर्म हो गया है। जबाबी हमलें में ईरानी ने अमेरिका के कतर स्थित अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर मिसाइलों से हमला किया है।
ऐसे में तेल की कीमतों में इजाफा को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहल होनी चाहिए तथा ईरान-इजराइल युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका, रूस, चीन जैसे देशों को जरूरी कदम उठाना चाहिए ताकि यह शांति बहाल हो सकें।