नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा और उसे ‘सिंदूर का सौदागर’ करार दिया। खेड़ा ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे का हवाला दिया जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि उन्होंने भारत को व्यापार बंद करने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया था। खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा, “यानी सिंदूर का सौदा होता रहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप रहे।” उन्होंने इस मुद्दे पर पीएम मोदी की चुप्पी को देश के लिए शर्मनाक बताया।
सिंदूर का सौदागर: कांग्रेस का तीखा राजनैतिक हमला।
कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ‘सिंदूर का सौदागर’ की संज्ञा दी और यह सवाल उठाया कि भारत ने कितने विमान गंवाए हैं। यह बयान न केवल एक तीखा राजनीतिक हमला है, बल्कि इसके पीछे गहरे संदर्भ और सवाल भी छिपे हैं।
सिंदूर का सौदागर, बयान का क्या है मतलब?
राहुल गांधी का ‘सिंदूर का सौदागर’ कहना एक रूपक है, जो संभवतः सरकार की नीतियों या फैसलों को लेकर आलोचना करता है। ‘सिंदूर’ भारतीय संस्कृति में सम्मान और संप्रभुता का प्रतीक माना जाता है, और इसे ‘सौदागर’ से जोड़कर राहुल ने संकेत दिया कि सरकार ने कथित तौर पर देश के हितों से समझौता किया है। इस बयान का आधार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक दावा हो सकता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत को व्यापार बंद करने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया था। राहुल ने इस दावे का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ऐसी कूटनीति या सौदेबाजी से भारत को नुकसान हुआ है।
विमानों के नुकसान का सवाल
राहुल गांधी ने अपने बयान में यह भी पूछा कि भारत ने कितने विमान गंवाए हैं। यह सवाल अस्पष्ट लग सकता है, क्योंकि इसका कोई स्पष्ट संदर्भ तुरंत सामने नहीं आता। हालांकि, इसे सैन्य या रक्षा से जोड़ा जा सकता है। संभव है कि राहुल किसी विशेष घटना, जैसे हवाई संघर्ष, या किसी रक्षा सौदे की ओर इशारा कर रहे हों, जिसके कारण भारत को नुकसान उठाना पड़ा। उदाहरण के लिए, यह 2019 के बालाकोट हवाई हमले और उसके बाद पाकिस्तान के साथ हुई झड़प से जुड़ा हो सकता है, जिसमें भारत ने एक मिग-21 विमान खोया था। फिर भी, इस सवाल का सटीक जवाब देने के लिए और जानकारी की जरूरत है, जो सरकार की ओर से अभी तक नहीं दी गई है।
राजनैतिक बयानबाजी हुई तेज
इस बयान के बाद राजनीतिक दलों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कांग्रेस ने इसे सरकार की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाने का एक मजबूत कदम बताया है। दूसरी ओर, BJP ने इसे आधारहीन और महज एक राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मुद्दा संसद या सार्वजनिक मंचों पर चर्चा का विषय बन सकता है।
क्या कहते हैं तथ्य?
यदि हम उपलब्ध जानकारी के आधार पर अनुमान लगाएं, तो भारत ने हाल के वर्षों में कुछ सैन्य विमानों को खोया है, जैसे कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद की घटनाओं में। हालांकि, राहुल गांधी का सवाल कितने विमानों के नुकसान से जुड़ा है, यह स्पष्ट नहीं है। क्या यह केवल एक प्रतीकात्मक प्रश्न है या किसी ठोस आंकड़े की ओर इशारा करता है, इसका जवाब अभी प्रतीक्षा में है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले कुछ दशकों में दुर्घटनाओं और युद्ध में कई विमान खोए हैं, लेकिन इसे किसी खास नीति या ‘सौदे’ से जोड़ना एक अलग विश्लेषण की मांग करता है।
पवन खेड़ा का ऐतिहासिक संदर्भ और ‘मुखबिरी’ का आरोप
पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में BJP की तुलना जनता पार्टी और जनसंघ से करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई (1977-79) के कार्यकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “यह रिकॉर्डेड हिस्ट्री है, हवाबाजी या वॉट्सएप यूनिवर्सिटी की बात नहीं। मोरारजी देसाई ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जिया-उल-हक को फोन पर बताया कि हमें RAW से जानकारी मिली है कि आपकी कहूटा में न्यूक्लियर तैयारी चल रही है। उन्होंने पाकिस्तान में भारत के खुफिया नेटवर्क और कैंप्स की सारी जानकारी जिया को दे दी।”
खेड़ा ने दावा किया कि इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान में RAW के कई एजेंट्स खो दिए। “उन्हें या तो पाकिस्तान ने गायब कर दिया या मार दिया, हमें नहीं पता। दशकों की मेहनत एक फोन कॉल ने खत्म कर दी। इसलिए मैं कहता हूं कि इनका (BJP का) मुखबिरी का इतिहास है। विदेश मंत्री जयशंकर आज के मोरारजी देसाई हैं।”
पवन खेड़ा ने आगे कहा, “हमारे सैनिक पराक्रम दिखाकर पाकिस्तान को घुटने पर लाते हैं, लेकिन अचानक डोनाल्ड ट्रम्प आते हैं और कहते हैं- सीजफायर। टीवी चैनल जोश भरते हैं कि इस्लामाबाद कब्जे में है, कराची पर हमला हो गया, लेकिन बीच में ट्रम्प आ जाते हैं और मोदी चुप रहते हैं। सिंदूर से सौदा मंजूर नहीं, देश से गद्दारी मंजूर नहीं।”
राहुल गांधी के सवाल और X पर हमला
19 मई को राहुल गांधी ने X पर केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए। उन्होंने लिखा, “विदेश मंत्री की चुप्पी निंदनीय है और इससे सब साफ हो रहा है। मैं फिर पूछता हूं कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार किसने दिया? उनके इस कदम से हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?” इससे पहले, 17 मई को राहुल ने एक निजी न्यूज चैनल का वीडियो शेयर करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि सरकार ने पाकिस्तान को एयर स्ट्राइक से पहले जानकारी दे दी थी। राहुल ने सवाल उठाया, “उन्हें यह अधिकार किसने दिया? इसके चलते वायुसेना को कितने विमान गंवाने पड़े?”
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सिंदूर का सौदागर: क्या महज बयानबाजी है?
राहुल गांधी का यह बयान भारत की विदेश नीति, रक्षा रणनीति और राष्ट्रीय हितों पर एक बड़ी बहस को जन्म दे सकता है। ‘सिंदूर का सौदागर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नाटकीयता तो लाता है, लेकिन इसके पीछे ठोस तथ्यों की जरूरत भी होती है। जनता अब सरकार के जवाब का इंतजार कर रही है कि वह इस सवाल का क्या स्पष्टीकरण देती है। क्या यह महज एक राजनीतिक बयानबाजी है, या इसके पीछे कोई गंभीर मुद्दा छिपा है? यह समय और तथ्य ही बताएंगे।