भुवनेश्वर, 1 जुलाई 2025: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर जनसुनवाई के दौरान हुए बर्बर हमले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है।
सोमवार, 30 जून 2025 को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें 6-8 लोग रत्नाकर साहू को उनके कार्यालय से घसीटकर बाहर निकालते, गालियां देते और लात-घूंसे मारते दिख रहे हैं। इस हमले ने प्रशासनिक सुरक्षा और ओडिशा में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, और जांच जारी है।

घटना का पूरा विवरण: रत्नाकर साहू पर हमला
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे BMC कार्यालय में हुई, जब रत्नाकर साहू, जो एक वरिष्ठ ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) अधिकारी और अतिरिक्त सचिव रैंक के अधिकारी हैं, जनसुनवाई के दौरान लोगों की शिकायतें सुन रहे थे। अचानक 6-7 लोग उनके चैंबर में घुस आए।
हमलावरों ने साहू से पूछा कि क्या उन्होंने बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान से फोन पर बात की थी। साहू के जवाब देने से पहले ही हमलावरों ने उनका कॉलर पकड़ा, उन्हें घसीटकर बाहर निकाला और बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी।
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि हमलावर रत्नाकर साहू को गालियां दे रहे हैं, उनके चेहरे पर लात मार रहे हैं, और शर्ट का कॉलर पकड़कर उन्हें जमीन पर घसीट रहे हैं। एक हमलावर ने साहू का मोबाइल फोन छीन लिया और उनके व्हाट्सएप स्टेटस पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने की कोशिश की।
साहू ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं हमलावरों को नहीं जानता। उन्होंने मेरे साथ मारपीट की और मुझे जबरन गाड़ी में ले जाने की कोशिश की। मैं इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करूंगा और FIR दर्ज कराऊंगा।”
पुलिस की कार्रवाई: 03 को लिया हिरासत में, जांच जारी
घटना की सूचना मिलते ही खारवेलनगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। भुवनेश्वर कमिश्नरेट पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
ट्विन सिटीज पुलिस कमिश्नर एस. देव दत्ता सिंह ने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है, और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
पुलिस ने बताया कि कुछ हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन CCTV फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर जांच को तेज कर दिया गया है।
नवीन पटनायक की प्रतिक्रिया: बीजेपी पर निशाना
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (BJD) नेता नवीन पटनायक ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वायरल वीडियो शेयर किया।
उन्होंने लिखा, “मैं इस वीडियो को देखकर स्तब्ध हूं। श्री रत्नाकर साहू, OAS अतिरिक्त आयुक्त, BMC, जो अतिरिक्त सचिव रैंक के वरिष्ठ अधिकारी हैं, को उनके कार्यालय से घसीटकर बाहर निकाला गया और एक बीजेपी पार्षद की मौजूदगी में बेरहमी से पीटा गया। यह घटना दिनदहाड़े राजधानी भुवनेश्वर के बीचों-बीच हुई।”
पटनायक ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से अपील की कि इस “शर्मनाक हमले” के लिए जिम्मेदार लोगों और इसमें शामिल राजनीतिक नेताओं के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, “FIR में जिन लोगों के नाम हैं, उन्होंने आपराधिक तरीके से व्यवहार किया है। यदि एक वरिष्ठ अधिकारी अपने कार्यालय में सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों को कानून और व्यवस्था की क्या उम्मीद हो सकती है?”
प्रशासनिक प्रतिक्रिया: OAS अधिकारियों का सामूहिक अवकाश
इस हमले के विरोध में ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) संघ ने 1 जुलाई 2025 से सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया है। OAS संघ ने अपने सभी जिला इकाइयों को पत्र लिखकर इस फैसले की जानकारी दी।
संघ ने अपने बयान में कहा, “यह हमला न केवल रत्नाकर साहू पर, बल्कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पर हमला है। हम दोषियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।”
BMC कर्मचारियों ने भी घटना के विरोध में कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया और पूरे दिन कामकाज ठप रखा। BMC मेयर सुलोचना दास ने इस घटना को “बेहद शर्मनाक” बताते हुए कहा, “यदि रत्नाकर साहू जैसे वरिष्ठ अधिकारी अपने कार्यालय में सुरक्षित नहीं हैं, तो ओडिशा में कोई सुरक्षित नहीं है।”
बीजेपी पर आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना ने ओडिशा की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। नवीन पटनायक ने इस हमले में बीजेपी पार्षद जीबन राउत और उनके समर्थकों की संलिप्तता का आरोप लगाया है।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह हमला बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान के साथ साहू की कथित फोन पर बातचीत को लेकर हुआ। हालांकि, इस हमले का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस घटना को बीजेपी शासित ओडिशा में “गुंडाराज” का उदाहरण बताते हुए कड़ी निंदा की। कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का ने कहा, “यह घटना बीजेपी की नाकामी को दर्शाती है। सरकार कानून-व्यवस्था संभालने में पूरी तरह असमर्थ है।”
वहीं, बीजेपी की भुवनेश्वर सांसद अपराजिता सारंगी ने इस हमले की निंदा की और कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं। बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान ने कहा, “मैं इस हमले में शामिल दो लोगों को जानता हूं। सरकार सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”
सोशल मीडिया पर हंगामा
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस घटना को और अधिक चर्चा में ला दिया है। X पर कई यूजर्स ने इसे बीजेपी शासित ओडिशा में “जंगलराज” का प्रतीक बताया।
एक यूजर ने लिखा, “बीजेपी नेता अपरूपा राउत और उनके गुंडों ने रत्नाकर साहू को सरेआम पीटा। यह है बीजेपी का शासन!” वहीं, कुछ यूजर्स ने इस घटना को प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल उठाने का मौका बताया।
हमले का कारण: अभी तक रहस्य
प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह हमला रत्नाकर साहू और बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान के बीच कथित तौर पर हुई फोन पर बातचीत से जुड़ा हो सकता है। हमलावरों ने साहू से पूछा था कि क्या उन्होंने प्रधान के साथ दुर्व्यवहार किया था। हालांकि, साहू ने इस बात से इनकार किया है। कुछ सूत्रों का दावा है कि यह हमला स्थानीय स्तर पर BMC से संबंधित किसी विवाद का नतीजा हो सकता है, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।
प्रशासनिक सुरक्षा पर सवाल
रत्नाकर साहू पर हुआ यह हमला न केवल एक व्यक्तिगत घटना है, बल्कि यह ओडिशा में प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। नवीन पटनायक और विपक्षी दलों ने इसे बीजेपी सरकार की नाकामी का प्रतीक बताया है, जबकि बीजेपी ने कार्रवाई का आश्वासन देकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है। पुलिस की जांच और गिरफ्तारियों के बाद अब सभी की नजर इस बात पर है कि इस मामले में कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई होती है।