मॉस्को, 30 मार्च 2025– रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफिले की एक लग्जरी लिमोजिन कार में आज एक रहस्यमय धमाका हुआ, जिससे देशभर में सुरक्षा को लेकर हड़कंप मच गया। यह घटना रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी (FSB) के मुख्यालय के पास हुई, जहां कार के इंजन में आग लगने के बाद पूरी गाड़ी धधक उठी। हालांकि, इस वक्त पुतिन न तो कार के पास थे और न ही यह वाहन उनके काफिले का हिस्सा था, लेकिन इस घटना ने क्रेमलिन में चिंता बढ़ा दी है।
क्या यह पुतिन को निशाना बनाने की साजिश थी?
अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह धमाका एक साजिश का हिस्सा था या महज एक दुर्घटना। लेकिन इसके ठीक चार दिन पहले, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बयान में कहा था कि “पुतिन की मौत के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा।” उन्होंने यहां तक दावा किया था कि “यह एक फैक्ट है कि पुतिन जल्द ही मर जाएंगे।” क्या यह घटना उसी की ओर इशारा करती है?
पुतिन की ‘ऑरेंज’ लिमोजिन: एक स्टेटस सिंबल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस कार में धमाका हुआ, वह रूस की बेहद खास लिमोजिन है, जिसे “Aurus Senat” कहा जाता है। पुतिन अक्सर इसी कार में सफर करते हैं और पिछले साल उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी यही कार तोहफे में दी थी। यह वाहन रूसी तकनीक से बना है और इसे “पुतिन की बुलेटप्रूफ प्राइड” कहा जाता है।
पुतिन की सुरक्षा: 4 लेयर्स में बंद, स्नाइपर्स तैनात
पुतिन दुनिया के सबसे सुरक्षित नेताओं में से एक हैं। उनकी सुरक्षा में रूस की फेडरल प्रोटेक्शन सर्विस (FSO) के कमांडो तैनात रहते हैं, जिन्हें “मस्किटियर्स” कहा जाता है। उनके काफिले में एके-47, ग्रेनेड लॉन्चर और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें शामिल होती हैं। जब वह भीड़ में होते हैं, तो उनके चारों ओर चार सुरक्षा घेरे बनाए जाते हैं, जिनमें छिपे हुए गार्ड और छतों पर स्नाइपर्स शामिल होते हैं।
क्या पुतिन के खिलाफ कोई बड़ी साजिश चल रही है?
इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुतिन के खिलाफ यूक्रेन या रूस के भीतर ही कोई गुट सक्रिय हो गया है? कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन के खाने की जांच करने वाले अधिकारी भी हमेशा सतर्क रहते हैं ताकि उन्हें जहर न दिया जा सके।
अगला टारगेट कौन?
जब तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती, यह घटना एक रहस्य बनी रहेगी। लेकिन एक बात साफ है – पुतिन की सुरक्षा टीम अब और भी ज्यादा अलर्ट हो गई है। क्या यह धमाका कोई बड़े हमले का संकेत है? या सिर्फ एक टेक्निकल गड़बड़ी?
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स्रोत: विभिन्न समाचार एजेंसियाँ