पंजाब में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश थमने के बाद भी हालात अभी संजीदा बने हुए हैं। प्रदेश के 23 में से 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे करीब 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक 37 लोगों की मौत की खबर है। इसी बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान की तबीयत भी बिगड़ गई है, जिसके चलते वह आज दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने नहीं जा सके। केजरीवाल खुद सीएम मान से मिलने पहुंच गए हैं।
बाढ़ की वजह और हालात पर एक नजर
पंजाब की नदियां सतलज, ब्यास, रावी और घग्गर उफान पर हैं, जो खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग ने पंजाब के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं। पंजाब के 23 जिलों में 1200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर के कई गांवों में रावी और सतलुज का पानी चढ़ा हुआ है। अमृतसर के 140 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सतलुज का पानी फिरोजपुर के पल्ला मेघा गांव के पास सीमा पार पाकिस्तान के गांव और पुलिस चौकी तक पहुंचा है। यहां तटबंध टूटने का भी खतरा बना हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
हालात की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और तीन हफ्ते में रिपोर्ट तलब की है। चीफ जस्टिस ने कहा है- “हमने ऐसी बारिश और बाढ़ पहले नहीं देखी।” राज्य के हालात का जायजा लेने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पंजाब पहुंच गए हैं। अमृतसर एयरपोर्ट पर उनसे गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने मुलाकात की और बाढ़ पीड़ित 5 जिलों की रिपोर्ट सौंपी।
बाढ़ का प्रभाव: आंकड़ों में
पंजाब में बाढ़ से अब तक 1,75,286 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान मानसा (26,027 हेक्टेयर), फिरोजपुर (17,786 हेक्टेयर), गुरदासपुर (14,071 हेक्टेयर), जालंधर (10,311 हेक्टेयर) और लुधियाना (8,230 हेक्टेयर) जिलों में हुआ है। बाढ़ से मरने वालों की संख्या 37 हो गई है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने, बुजुर्गों को सुरक्षित बचाने और बाढ़ में फंसे लोगों तक खाना पहुंचाने के लिए सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ समेत कई एजेंसियां काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री की तबीयत और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री भगवंत मान की तबीयत बिगड़ने के कारण वह आज अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने नहीं जा सके। केजरीवाल खुद सीएम मान से मिलने पहुंच गए हैं। इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर कहा था कि, “जब देश संकट में था तो पंजाब हमेशा देश के साथ खड़ा था। आज पंजाब संकट में है तो मुझे पूरी उम्मीद है कि पूरा देश पंजाब के साथ खड़ा रहेगा”।
मौसम का पूर्वानुमान और चुनौतियां
मौसम विभाग ने मानसा, संगरूर और बरनाला जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। आसपास के इलाकों में भी हल्की बारिश की संभावना है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किल बढ़ सकती है। हालांकि, अब बारिश का दौर थमने के बाद कई बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी का स्तर कम होने लगा है। पंजाब के हालात का जायजा लेने आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल आ रहे हैं।
जमीनी हालात: लोगों की मुश्किलें
प्रदेश में सबसे अधिक नुकसान इस साल रावी ने पहुंचाया। कई गांवों से बाढ़ का पानी नीचे गिरा है और नुकसान सामने आने लगा है। लोगों के घरों में रेत इकट्ठा हो चुकी है। खेतों में फसलें रेत की चपेट में हैं। घरों की हालत काफी दयनीय है। दीवारों पर दरारें आ चुकी हैं। कई छतें गिर चुकी हैं। कच्चे घर रहने लायक नहीं रहे हैं। रात से एक बार फिर अमृतसर के रमदास इलाके में रावी का पानी चढ़ने लगा है।
अतीत में बाढ़ और तैयारियों पर सवाल
पिछले 6 सालों में पंजाब तीसरी बार बाढ़ की चपेट में है। इससे पहले साल 2023 और 2019 में भी पंजाब बाढ़ से प्रभावित हुआ था। साल 2023 की बाढ़ में पंजाब के 1500 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए थे और करीब 2 लाख 21 हजार हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी। इसी तरह से 2019 में आई बाढ़ में 300 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे और हजारों हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई थी। बाढ़ से निपटने की पूर्व तैयारी में कमी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
राहत और बचाव कार्य
राज्यभर में 167 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मोगा, मोहाली, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, संगरूर और एसएएस नगर शामिल हैं। इन शिविरों में 1557 लोग रह रहे हैं। सरकार ने कहा है कि नुकसान का वास्तविक आकलन पानी उतरने के बाद ही संभव होगा, लेकिन अभी तक जनहानि, पशुधन और मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
आगे की राह
पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित किया है। राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पंजाब भर के सभी सरकारी/सहायता प्राप्त/मान्यता प्राप्त और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और पॉलिटेक्निक 7 सितंबर 2025 तक बंद रहेंगे। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। हरजोत सिंह बैंस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि, “सभी से अनुराह है कि वे स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें”।