पंजाब, जिसे कभी ‘उड़ता पंजाब’ के तमगे से जाना जाता था, आज ‘शिक्षा का सिरमौर’ बन चुका है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2024 में पंजाब ने देश में पहला स्थान हासिल कर न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है। यह कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि उस दृढ़ संकल्प, मेहनत और सामूहिक प्रयासों की है, जिसने 2017 में 29वें स्थान पर खड़े पंजाब को 2024 में शिक्षा के शिखर पर पहुंचा दिया।
यह पंजाब की शिक्षा क्रांति की कहानी है, जो हर पंजाबी को गर्व से सिर ऊंचा करने का मौका दे रही है। आज, जब हम 2025 में इस उपलब्धि को देखते हैं, यह स्पष्ट है कि पंजाब की शिक्षा क्रांति न केवल बच्चों के भविष्य को संवार रही है, बल्कि पूरे देश को एक नई दिशा दिखा रही है।
नोट: यहां यह स्पष्ट कर दे कि यह आकडे 2024 के है वर्ष 2025 का आकड़ा 2026 में आयेंगा।
NAS 2024: जानिए, “कैसे देश में शिक्षा का सिरमौर बना पंजाब?”
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS), जो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा आयोजित किया जाता है, भारत में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का एक विश्वसनीय मापदंड है। यह सर्वेक्षण तीसरी, छठी और नौवीं कक्षा के छात्रों के सीखने के परिणामों का मूल्यांकन करता है।
2024 में प्रकाशित NAS परिणामों ने पंजाब को देश में शीर्ष स्थान पर ला खड़ा किया। तीसरी कक्षा में पंजाब ने 80 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया, हिमाचल प्रदेश (74 अंक) और केरल (73 अंक) को पीछे छोड़ते हुए। छठी कक्षा में पंजाब और केरल ने 67 अंकों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि नौवीं कक्षा में पंजाब ने 57 अंकों के साथ फिर से देश में पहला स्थान हासिल किया।
ये आंकड़े पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में आए क्रांतिकारी बदलाव का जीवंत प्रमाण हैं। 2017 में, जब पंजाब NAS रैंकिंग में 29वें स्थान पर था, तब सरकारी स्कूलों की स्थिति चिंताजनक थी। लेकिन 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने के बाद, शिक्षा को प्राथमिकता देकर पंजाब ने यह साबित कर दिया कि सही नीतियां और मेहनत असंभव को भी संभव बना सकती हैं।
AAP सरकार का विजन: शिक्षा को प्राथमिकता
2022 में जब AAP ने पंजाब में सरकार बनाई, तो मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल को आधार बनाकर पंजाब में शिक्षा सुधारों की शुरुआत की। दिल्ली में AAP सरकार ने सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाकर एक मिसाल कायम की थी, और पंजाब में भी यही दृष्टिकोण अपनाया गया। अरविंद केजरीवाल ने 2025 में एक समारोह में कहा, “हमारा मकसद है कि पंजाब का हर बच्चा ऐसी शिक्षा पाए, जो उसे दुनिया में कहीं भी मुकाबला करने की ताकत दे। NAS 2024 में पंजाब का पहला स्थान इस दिशा में एक बड़ा कदम है।”
पंजाब सरकार ने शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए। स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार, शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण, और स्कूल ऑफ एमिनेंस जैसे नवाचार इस क्रांति की रीढ़ बने। 2024 में 13 स्कूल ऑफ एमिनेंस शुरू किए गए, जो स्मार्ट क्लासरूम, कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब और खेल सुविधाओं से लैस हैं। इन स्कूलों का उद्देश्य बच्चों को न केवल अकादमिक शिक्षा देना है, बल्कि उनके समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
शिक्षक: इस क्रांति के असली हीरो
पंजाब की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे शिक्षकों और प्रिंसिपलों की मेहनत सबसे बड़ा कारक है। अरविंद केजरीवाल ने अपने एक बयान में कहा, “हमने कोई नए शिक्षक नहीं बदले। यही शिक्षक, जो दशकों से पढ़ा रहे हैं, उन्होंने यह चमत्कार किया। पहले उन्हें सही माहौल और सम्मान नहीं मिला, लेकिन AAP सरकार ने उन्हें वह अवसर दिया, जिसकी उन्हें जरूरत थी।” शिक्षकों को अब बेहतर सुविधाएं, प्रशिक्षण और सम्मान मिल रहा है। पहले जहां शिक्षक अपनी मांगों के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर थे, वहीं अब उनके साथ सीधा संवाद स्थापित किया गया है।
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने 2024 में NAS परिणामों की घोषणा के बाद कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब ने शिक्षा को नई ऊंचाइयां दी हैं। यह शिक्षकों की मेहनत और सरकार की नीतियों का संयुक्त परिणाम है।” शिक्षकों को सिंगापुर, फिनलैंड और अन्य देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया, जिससे उनकी शिक्षण पद्धतियां और प्रभावशाली हुईं।
शिक्षा सुधार: एक नया मॉडल
पंजाब सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए, जिन्होंने NAS 2024 की सफलता की नींव रखी। कुछ प्रमुख सुधार इस प्रकार हैं:
- स्कूल ऑफ एमिनेंस: ये स्कूल बच्चों के समग्र विकास के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इनमें आधुनिक सुविधाएं जैसे स्मार्ट क्लासरूम, साइंस लैब और खेल मैदान शामिल हैं। ये स्कूल न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि बच्चों को करियर-उन्मुख प्रशिक्षण भी देते हैं।
- शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण के अवसर दिए गए, जिससे वे नवीनतम शिक्षण तकनीकों से परिचित हुए। इससे कक्षा में पढ़ाने का तरीका और प्रभावी हुआ।
- बुनियादी ढांचे में सुधार: पुराने स्कूल भवनों को आधुनिक बनाया गया, स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए, और हर स्कूल में बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की गईं।
- छात्रों की सफलता: सरकारी स्कूलों के छात्रों में अब गजब का आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। 2024 में 850 बच्चों ने NEET पास किया, 250 ने JEE मेन्स और 44 ने JEE एडवांस क्वालिफाई किया। यह दिखाता है कि सरकारी स्कूल अब निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
पंजाब की शिक्षा क्रांति का प्रभाव
NAS 2024 की सफलता केवल एक रैंकिंग की जीत नहीं है; यह पंजाब के बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करने का प्रतीक है। पहले जहां सरकारी स्कूलों को कमजोर माना जाता था, वहीं अब ये स्कूल देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। पंजाब के सरकारी स्कूलों के छात्र अब IIT, AIIMS और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश ले रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा का स्तर अब विश्वस्तरीय हो रहा है।
2025 में, जब हम इस उपलब्धि को देखते हैं, यह स्पष्ट है कि पंजाब की शिक्षा क्रांति केवल स्कूलों तक सीमित नहीं है। यह समाज के हर पहलू में बदलाव ला रही है। नशे के खिलाफ जंग, रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में भी प्रगति हो रही है। अरविंद केजरीवाल ने में कहा, “पंजाब अब ‘उड़ता पंजाब’ नहीं, ‘बदलता पंजाब’ है। शिक्षा में यह क्रांति उस बदलाव का एक हिस्सा है।”
भविष्य की राह
पंजाब सरकार का मानना है कि NAS 2024 की सफलता केवल एक पड़ाव है, अंतिम मंजिल नहीं। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “पंजाब सरकार इस उपलब्धि को बनाए रखेगी और शिक्षा प्रणाली के मानकों को और ऊंचा उठाएगी।” सरकार की योजना है कि 2025 और उसके बाद के वर्षों में हर बच्चे को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान की जाए। इसके लिए डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना, शिक्षकों के लिए और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की पहुंच बढ़ाना जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
खेल और कला जैसे क्षेत्रों में भी बच्चों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि वे हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा सकें। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए मोबाइल वैन और अन्य नवाचारों का उपयोग किया जाए।
समाज की भागीदारी
पंजाब की इस शिक्षा क्रांति में समाज की भूमिका भी अहम रही है। माता-पिता, समुदाय और गैर-सरकारी संगठनों ने सरकार के प्रयासों का समर्थन किया। उदाहरण के लिए, मोहाली जिले में एक निजी कंपनी ने ‘प्रोजेक्ट परिवर्तन’ के तहत दो सरकारी स्कूलों को गोद लिया और वहां बुनियादी ढांचे में सुधार किया। स्थानीय समुदायों ने भी स्कूलों में संसाधनों और सुविधाओं के लिए योगदान दिया, जिससे शिक्षा का स्तर और बेहतर हुआ।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि पंजाब ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है, लेकिन कुछ चुनौतियां अभी भी बाकी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी और कुछ स्कूलों में संसाधनों की कमी जैसी समस्याएं मौजूद हैं। सरकार ने इन कमियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं को लागू करना।
पंजाब की शिक्षा क्रांति
पंजाब की यह शिक्षा क्रांति केवल एक राज्य की जीत नहीं है; यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। 2017 में 29वें स्थान से 2024 में पहले स्थान तक का यह सफर दिखाता है कि सही नेतृत्व, स्पष्ट विजन और सामूहिक प्रयासों से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। पंजाब ने साबित कर दिया कि शिक्षा वह ताकत है, जो समाज को बदल सकती है। 2025 में, जब हम इस उपलब्धि को देखते हैं, यह स्पष्ट है कि पंजाब न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि हर क्षेत्र में एक नया इतिहास लिख रहा है।
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यह कहानी है मेहनत, लगन और बदलाव की। यह कहानी है एक नए पंजाब की, जो न केवल अपने बच्चों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रहा है।
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