पटना के पारस अस्पताल में गैंगवार का खौफनाक मंजर: चंदन मिश्रा की हत्या का CCTV फुटेज की पूरी पड़ताल!
लेखक: स्मार्टख़बरी फ्रंट लाइन टीम | पब्लिशर: स्मार्टख़बरी डॉट कॉम | दिनांक: 17 जुलाई 2025
पटना, बिहार: 17 जुलाई 2025 की सुबह, बिहार की राजधानी पटना का पारस अस्पताल उस वक्त दहशत का पर्याय बन गया जब पांच हथियारबंद अपराधियों ने ICU के कमरा नंबर 209 में घुसकर कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया। यह कोई फिल्मी सीन नहीं था, बल्कि हकीकत थी, जो CCTV कैमरों में कैद हो गई। 30 सेकेंड में अंजाम दी गई इस सनसनीखेज हत्या ने न सिर्फ बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि यह भी दिखाया कि अपराधी अब कितने बेखौफ हो चुके हैं।
बेखौफ अपराधियों का तांडव CCTV में हुआ कैद
सुबह के करीब 8 बजे, जब पारस अस्पताल में मरीज और उनके परिजन रोजमर्रा की हलचल में व्यस्त थे, तभी पांच लोग अस्पताल के गलियारे में दाखिल हुए। CCTV फुटेज में साफ दिखता है कि चार ने कैप पहनी थी, एक का चेहरा खुला था। किसी ने भी चेहरा छिपाने की जहमत नहीं उठाई, मानो उन्हें कानून का कोई डर ही न हो। पांचों ने वार्ड नंबर 209 की ओर बढ़ते हुए अपनी कमर से पिस्टल निकाली, नॉट चढ़ाई और फिर आराम से दरवाजा खोलकर अंदर घुस गए।
30 सेकेंड। बस इतना समय लगा इन अपराधियों को चंदन मिश्रा की जान लेने में। फुटेज में दिखता है कि जैसे ही वे बाहर निकले, एक ने तो अपनी पिस्टल को कमर में खोंसते हुए टहलने की अदा दिखाई, मानो कोई सैर कर रहा हो। पुलिस को चंदन के कमरे से 12 खोखे मिले, जो इस हमले की तीव्रता को दर्शाते हैं। और तो और, बताया जा रहा है कि इन शूटरों ने इस हत्या का वीडियो भी शूट किया, शायद अपने आकाओं को दिखाने के लिए कि ‘मिशन’ पूरा हो गया।
कौन था चंदन मिश्रा? अपराध की दुनिया का ‘बादशाह’
चंदन मिश्रा कोई साधारण अपराधी नहीं था। बक्सर का यह गैंगस्टर पिछले एक दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। हत्या, लूट, फिरौती और रंगदारी उसका धंधा था। पुलिस के मुताबिक, उसके खिलाफ 10 से ज्यादा हत्या के मामले दर्ज थे। 2011 में बक्सर के औद्योगिक थाना क्षेत्र में दो चर्चित हत्याओं ने उसे सुर्खियों में ला दिया था। खासकर, प्रसिद्ध चूना व्यवसायी राजेंद्र केसरी की हत्या ने चंदन को कुख्यात बना दिया।
केसरी की हत्या से पहले चंदन ने ऐलान किया था, “रंगदारी नहीं दी, तो कल मारेंगे।” अगले दिन व्यवसायी को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया। इस हत्याकांड में उसका दोस्त शेरू भी शामिल था। लेकिन बाद में पैसों और रुतबे के लिए दोनों में ठन गई। शेरू ने अपना अलग गैंग बना लिया, जिसका नाम आरा तनिष्क लूट कांड में भी सामने आया था। पुलिस का मानना है कि चंदन की हत्या के पीछे शेरू गैंग का ही हाथ है।
पैरोल पर बाहर, मौत के बिस्तर पर
चंदन मिश्रा बेऊर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। राजेंद्र केसरी हत्याकांड में उसे दोषी ठहराया गया था। पिछले 12 सालों से वह जेल की सलाखों के पीछे था। पहले बक्सर जेल, फिर भागलपुर और आखिर में पटना की बेऊर जेल। उसकी तबीयत खराब होने के कारण उसे 15 दिन की पैरोल मिली थी, जो 18 जुलाई को खत्म होने वाली थी। लिवर की गंभीर बीमारी के चलते उसे पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
17 जुलाई को वह बेड नंबर 209 पर सो रहा था। बुधवार को उसका डिस्चार्ज होना था, लेकिन किसी कारणवश वह रुक गया। और यही उसकी जिंदगी की आखिरी रात साबित हुई। सुबह जब शूटरों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, तब वह बेसुध था। शायद उसे अंदाजा भी नहीं था कि उसका अंत इतना खौफनाक होगा।
गैंगवार का खूनी खेल: शेरू गैंग पर शक
पटना के SSP कार्तिकेय शर्मा ने इस हत्याकांड को गैंगवार का नतीजा बताया। उनके मुताबिक, चंदन मिश्रा इतना खतरनाक अपराधी था कि उसे बक्सर से भागलपुर जेल शिफ्ट करना पड़ा था। पुलिस को शक है कि शेरू गैंग ने इस हत्या को अंजाम दिया। सूत्रों के मुताबिक, दो शूटर शेरू गैंग के हैं। CCTV फुटेज में इनकी तस्वीरें साफ हैं, और पुलिस ने इनकी पहचान भी कर ली है। एक आरोपी की गिरफ्तारी की खबर है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि बाकी है।
SSP ने यह भी कहा कि इस हत्याकांड में अस्पताल कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सवाल यह है कि आखिर पांच हथियारबंद अपराधी बिना किसी रोक-टोक के ICU तक कैसे पहुंच गए? अस्पताल के गार्ड समेत 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हो चुकी है।
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बिहार में क्राइम का बढ़ता ग्राफ: कानून-व्यवस्था पर सवाल
यह हत्याकांड बिहार में बढ़ते अपराध की एक और कड़ी है। हाल के महीनों में हत्या, लूट और गोलीबारी की घटनाएं आम हो गई हैं। उसी दिन दानापुर में 20 वर्षीय शिवम उर्फ बंटी की धारदार हथियार से हत्या ने भी सनसनी मचा दी। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे “दिल दहलाने वाली घटना” बताते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा। वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “बिहार में हर दिन हत्याएं हो रही हैं। अपराधियों का मनोबल आसमान पर है।”
पारस जैसे हाई-प्रोफाइल अस्पताल में दिनदहाड़े गोलीबारी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। प्रत्यक्षदर्शी राजू कुशवाहा ने बताया कि जब अपराधी हथियार लहराते हुए निकल रहे थे, तो ऐसा लगा कि वे किसी को भी गोली मार सकते हैं। चंदन के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर हंगामा किया।
पुलिस का एक्शन: SIT गठित, जांच तेज
घटना के बाद शास्त्री नगर थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। SSP कार्तिकेय शर्मा ने विशेष जांच दल (SIT) के गठन का ऐलान किया। पुलिस CCTV फुटेज के आधार पर शूटरों की तलाश में छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, अपराधी बक्सर की ओर भागे हैं। यह भी जांच का विषय है कि क्या यह हत्या जेल या अस्पताल के किसी अंदरूनी शख्स की मदद से अंजाम दी गई।
बिहार: क्राइम कैपिटल बनने की राह पर?
पारस अस्पताल हत्याकांड ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े किए हैं। अस्पताल जैसी जगह, जहां लोग जिंदगी की उम्मीद लेकर आते हैं, वहां इस तरह का खूनी खेल दिखाता है कि अपराधी अब किसी से नहीं डरते। यह घटना महज एक हत्या नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अगर प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो आम जनता का भरोसा टूट जाएगा।
क्या चंदन मिश्रा की हत्या गैंगवार का अंत है, या यह एक और खूनी जंग की शुरुआत है? यह सवाल अब हर बिहारी के मन में है। पुलिस की कार्रवाई और SIT की जांच के नतीजे शायद इस सवाल का जवाब दे पाएं। लेकिन तब तक, पटना का यह खौफनाक मंजर हर किसी के जेहन में दहशत बनकर रह गया है।