
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों को पनाह देने वाले 200 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए की गई है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ी सुरक्षा कार्रवाई
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रॉक्सी ग्रुप “द रेसिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली थी।
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पता चला कि इस हमले में स्थानीय सहयोगियों ने आतंकियों को मदद पहुंचाई थी। इसके बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर 200 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें वे लोग शामिल हैं जो आतंकियों को आश्रय, हथियार और जानकारी मुहैया कराते थे।
कौन हैं ये संदिग्ध?
- स्थानीय सहयोगी: कुछ संदिग्ध आतंकियों को पुलिस और सेना की वर्दी पहनाकर पर्यटकों के बीच घुसाया गया था।
- ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs): ये लोग आतंकियों को फंडिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट और इंटेलिजेंस देने का काम करते हैं।
- सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स: कुछ लोगों पर आतंकी संगठनों का प्रचार फैलाने का आरोप है।
भारत सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई
केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सिंधु जल समझौता निलंबित
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
- पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडल्स पर प्रतिबंध
आगे की कार्रवाई
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हमले में शामिल आतंकी अभी भी जम्मू-कश्मीर में छिपे हुए हैं और उन्हें जल्द पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा, अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर भी सख्त इंतजाम किए जा रहे हैं।
अपनाई जीरो टॉलरेंस निति
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार और सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। 200 से अधिक संदिग्धों की गिरफ्तारी इसी कड़ी का हिस्सा है। अब देखना यह है कि क्या यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म कर पाएगी।
(यह खबर विभिन्न समाचार स्रोतों पर आधारित है। )