Rudrapur – Deoria News Today: “अवैध कब्जा हटेगा”—यह सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या बुलडोजर सिर्फ गरीबों के आशियानों पर चलेगा या अमीरों की बहुमंजिला इमारतों पर भी?”
05 मार्च 2025; आज मिली जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देश पर ऑपरेशन कब्जा मुक्ति के तहत 115 लोगों को नोटिस भेजा गया है। प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए की जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा सार्वजनिक उपियोगिता की भूमि एवं ग्राम समाज की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु “ऑपरेशन कब्जा मुक्ति अभियान” के सम्बन्ध में जिलाधिकारी का क्या कहना है, नीचे क्लिक कर देखे-
गरीबों पर चलेगा बुलडोजर या रसूखदारों पर भी?
हर बार जब अतिक्रमण हटाने की बात आती है, तब फुटपाथ पर चाय बेचने वाला, झुग्गी में रहने वाला, छोटी सी दुकान चलाने वाला या गांव में जिसके पास जोत की भूमि बेहद कम है। यही वो लोग है जो सबसे पहले निशाने पर आ जाते है और यह संख्या बहुत बड़ी है। इसका सबसे बड़ा कारण आर्थिक असमानता है। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण इनके पास इतने धन नही होता कि वह वकील के माध्यम से न्यायालय जा कर अपना पक्ष रख सके।
लेकिन सवाल यह है कि क्या इस बार भी कार्रवाई सिर्फ उन्हीं पर होगी, या फिर रसूखदारों की शानदार इमारतें भी धराशायी होंगी?
📊 देवरिया में तहसीलवार अतिक्रमण के आंकड़े:
- भाटपाररानी: 226
- सलेमपुर: 202
- रुद्रपुर: 116 (अपडेट 115)
- बरहज: 105
- देवरिया सदर: 151
115 लोगों को भेजा गया नोटिस, गांव-गांव में होगी कार्रवाई।
रुद्रपुर के उप-जिलाधिकारी हरिशंकर लाल ने बताया कि चकमार्ग, खलिहान, पोखरी, जोत की भूमि और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों को नोटिस भेजा गया है।
SDM रुद्रपुर ने कहा, “जो लोग सरकारी भूमि पर बसे हैं, वे खुद हट जाएं, वरना प्रशासन बुलडोज़र (Bulldozer Action) चलाने को तैयार है!”
ऑपरेशन कब्जा मुक्ति अभियान के तहत किन गांवों में होगी कार्यवाही?
ऑपरेशन कब्जा मुक्ति अभियान के तहत रुद्रपुर तहसील अंतर्गत जिन गांव में अवैध अतिक्रमण हटाया जाएगा। वह जानने के पहले यह बता दे कि, शुरुआत में 117 स्थलों पर कार्यवाही की बात कही गई।
बाद में देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने 01 मार्च को बताया कि रुद्रपुर तहसील अंतर्गत 116 चिन्हित अवैध अतिक्रमण कारियो से सरकारी भूमि मुक्त कराई जाएगी। लेकिन आज 05 मार्च को यह संख्या घटकर 115 हो गई है। लोगो के मन मे यह सवाल है कि 02 लोगो की संख्या कम हो गई, उनके नाम क्या है?
जमीनी स्तर पर जानने के लिए जब कुछ गांव का दौरा किया गया तो पता चला कि, गांव में डुगडुगी पीटकर मुनादी कराई गई। जिसमें यह कहा गया कि, जिन लोगो ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है वह जल्द से जल्द खाली कर दे अन्यथा उन पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
लेकिन लोगो का कहना है कि जिन आशियानों पर बुलडोजर की कार्यवाही होनी है उन की लिस्ट अभी तक गांव में नही पहुचं पाई।
आज दिन भर रुद्रपुर तहसील में लोग अधिकारियों व कर्मचारियों से यह पूछते नजर आए कि, लिस्ट में किन लोगों का नाम है? लेकिन जानकारी नही मिलने पर निराश होकर अपने भाग्य को कोसते भी दिखे।
रुद्रपुर तहसील अंतर्गत इन गांव में चलेगा अवैध कब्जाधारियों पर चाबुक, देखे लिस्ट…..
जानकारी मिली है कि, रुद्रपुर तहसील के अन्तर्गत आने वाले गाँव के 115 स्थान चिन्हित किए गए हैं। जिनके नाम इस प्रकार है-
- रुद्रपुर नगर
- नरायनपुर औराई
- बरडीहा
- पकड़ी बरामद
- देउवारी
- रामनगर
- तिवई
- खोपा
- बरडीहा
- पकड़ी बाजार
- राजपूर
- लवकनी
- जोत सेमरौना
- बिशनपुर बगही
- पिपरा पुरुषोत्तम
- विट्ठलपुर
- मढ़ौरा
- परसिया हीरामन
- उसरी खुर्द
- शीतल माझा
- चकरवा
- रामपुरवा
- जोगिया
- सरॉव खुर्द
- इन्दुपुर
- मालपट्टी
- रतनपुर
- चकरवा
- पननहा
- निवा
- भृगसरी
- सेखुई
- परसा जंगल
- जोगम
- उसरा बाजार
- सोनवह मुस्तकीम
- गाजन डहरौली
- बहरोदलपतपुर
- मदेैना
- बढ़या बुजुर्ग
- पौहरिया
- जोत खजुहा
- अवधपुर
- विशंभरपुर गनियारी
- मंगाकोड़र
- लेहड़ा पिड़रा
- पिड़हनी
- दीवान पोखर
- ,सिलहटा
- जाफराबाद कुटिया
- जंगल भुसउल
- खोरमा खास
- बेलकुंडा
- रनिहवा उर्फ चिरईगोडा
- गाजीपुर भइसई
- अकटहिया उर्फ मटियरी
- महाराजगंज
- रामनगर
- भालीचौर
- शिवपुर
- बनियनी
- तारासारा
- लक्ष्मीपुर
- बर्दगोनिया
- दीवान पोखरा
- भृगसरी
- बिरवा
- परसोतमा
- जंगलकिता सेन
- सूरजपुर
- सरहसबह
पुलिस बल के साथ हटाया जाएगा कब्जा
प्रशासन ने 15 मार्च से निष्कासन अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिसमें हल्का लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और पुलिस बल मौजूद रहेगा।
वोट बैंक की राजनीति या न्याय की गारंटी?
अक्सर देखा गया है कि गरीबों पर बुलडोजर आसानी से चल जाता है, लेकिन रसूखदारों की ऊंची इमारतें वर्षों तक प्रशासन की फाइलों में दबी रह जाती हैं।
- क्या इस बार प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करेगा?
- क्या राजनीतिक दबाव के चलते कुछ प्रभावशाली लोग बच निकलेंगे?
- क्या गरीबों की बस्तियां टूटेंगी लेकिन पॉश इलाकों की अवैध कॉलोनियां बच जाएंगी?
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प्रशासन से सवाल…
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा गलत है, लेकिन यह देखना जरूरी होगा कि क्या यह कार्रवाई सच में निष्पक्ष होगी या फिर हमेशा की तरह कमजोर वर्गों पर ही गाज गिरेगी?