नई दिल्ली, 11 मार्च: म्यांमार में फर्जी नौकरी के नाम पर बंधक बनाए गए लोगो को भारतीय दूतावास ने छुड़वाया। घर वापसी पर भारतीयों के चहरे खिले। जाने पूरा मामला।
अच्छी सैलरी और विदेश में नौकरी के सपने दिखाकर भारतीय युवाओं को जाल में फंसाया, फिर जबरन साइबर ठगी करवाई!
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार म्यांमार में नौकरी दिलाने के बहाने 283 भारतीयों को साइबर अपराध (Cyber Crime) के दलदल में फंसा दिया गया था। लेकिन भारतीय वायु सेना (IAF) की मदद से अब उनकी सुरक्षित वापसी हो चुकी है।
म्यांमार में फर्जी नौकरी के नाम पर साइबर जाल में फंसे इन 283 भारतीय की कैसे हुई वतन वापसी।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, म्यांमार में फर्जी नौकरी के नाम पर स्कैम के शिकार नागरिकों को म्यांमार और थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावासों ने स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से इन नागरिकों को छुड़ाया और उन्हें थाईलैंड के माई सोत (Mae Sot) से IAF विमान के जरिए भारत वापस लाया गया।
कैसे फंसते हैं युवा? जानिए पूरा खेल!
- सोशल मीडिया और ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स पर विदेश में नौकरी के आकर्षक ऑफर मिलते हैं।
- कंपनियां मोटी सैलरी और आसान काम का लालच देकर युवाओं को फांसती हैं।
- फिर उन्हें म्यांमार, कंबोडिया और लाओस जैसे देशों में बुलाया जाता है।
- वहां पहुंचने के बाद उनका पासपोर्ट छीन लिया जाता है और जबरन साइबर क्राइम कराया जाता है।
बचाए गए भारतीयों की कहानी: “हमसे ऑनलाइन ठगी करवाई गई!”
इनमें से कई पीड़ितों ने बताया कि उन्हें फर्जी कॉल सेंटर में काम करने के लिए मजबूर किया गया, जहां उन्हें लोगों को धोखा देकर पैसे निकलवाने के लिए मजबूर किया गया।
एक बचाए गए शख्स रवि शर्मा (बदला हुआ नाम) ने बताया:
“मुझे सिंगापुर में नौकरी का ऑफर दिया गया था, लेकिन जब मैं म्यांमार पहुंचा तो पासपोर्ट छीन लिया गया और कहा गया कि अगर मैंने काम नहीं किया तो मुझ पर जुर्माना लगाया जाएगा या मारा जाएगा!”
पिछले वर्ष यूपी के पूर्वांचल से एक युवक थाईलैंड कमाने गया। जहां उसे दूसरी कंपनी ने ज्यादा पैसा देने के नाम पर म्यामार भेज दिया। जहां जबरन उससे साइबर क्राइम करवाया जा रहा था। युवक के परिजनों ने जब भारी भरकम रकम दी तो उसे छोड़ा गया।
बता दे, म्यांमार में फर्जी नौकरी का यह गोरखधंधा पिछले कई वर्षो से चल रहा है, लेकिन बड़ी कार्यवाही नहीं होने से यह रैकट अभी भी सक्रीय है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवकों का नौकरी के लिए बैकाक जाना आम है।
यहां देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, महराजगंज से लगभग हर गांव का कोई न कोई बैकाक में दशकों से रह रहा है। बेरोजगार युवक जब उनका रहन-सहन देखते है तो वह ही बैकाक कमाने निकल लेते है।
वहां जाने के बाद अगर ठिकाना सही मिला तो ठीक वरना थाईलेंड में फैले एजेंट उन्हें ज्यादा पैसो की नौकरी का ऑफर देकर म्यांमार के बॉर्डर एरिया में लेकर जाते है और मौका मिलने पर जबरजस्ती गाडी में बैठाकर म्यामार में एंट्री करा लेते है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वहां इन पढ़े-लिखे भारतीय बेरोजगारों से साइबर ठगी का धंधा कराया जाता है, मना करने पर उनकी पिटाई की जाती है। जिसके बाद कोई रास्ता नहीं दिखाई पड़ने पर असहाय युवक म्यांमार में फर्जी नौकरी यानी साइबर अपराध का काम करने को मजबूर हो जाते है।
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ऐसे में मज़बूरी में म्यांमार में फर्जी नौकरी कर रहे युवकों को उस दलदल से बाहर निकाल कर लाना एक बेहतरीन काम है, जो भारतीय दूतावास द्वारा किया गया है, लेकिन सरकार को भी पहल करके जहां यानी “म्यांमार में फर्जी नौकरी” जहां ये युवक कर रहे थे वहां की सरकार से बात कर क़ानूनी कार्यवाही कराया जाना चाहिए ताकि साइबर अपराध के इस धंधे पर अंकुश लग सके।
कौन चला रहा है यह रैकेट?
- यह गैंग मुख्य रूप से चीन, थाईलैंड और म्यांमार से ऑपरेट कर रहा है।
- कई भारतीय एजेंट भी इस खेल में शामिल हैं, जो भोले-भाले युवाओं को फंसाते हैं।
- फर्जी IT कंपनियों के नाम पर लोगों को नौकरी का झांसा दिया जाता है।
- जो काम करने से मना करता है, उसे कैद में रखा जाता है और पीटा जाता है।
भारत सरकार ने क्या कदम उठाए?
- विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों ने म्यांमार और थाईलैंड की सरकार से संपर्क किया।
- भारतीय वायुसेना के विशेष अभियान से सभी 283 नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया।
- भारत में मौजूद साइबर फ्रॉड गिरोहों की जांच शुरू कर दी गई है।
नौकरी के नाम पर फंसने से बचें!
अगर आपको विदेश में नौकरी का ऑफर मिलता है, तो यह ध्यान रखें:
- कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट और रिव्यू चेक करें।
- भारत सरकार के अप्रूव्ड जॉब पोर्टल से ही ऑफर स्वीकार करें।
- वीजा और काम से जुड़े सभी दस्तावेज खुद वेरिफाई करें।
- अगर किसी एजेंट के जरिए जा रहे हैं, तो सरकार से उसका रजिस्ट्रेशन नंबर चेक करें।
सरकार को शुक्रिया: म्यांमार में फर्जी नौकरी के नाम पर फंसे सरकार को शुक्रिया, लेकिन सरकार से सवाल भी?
- अब सरकार से सवाल यह है कि आखिर कब तक भारतीय युवा ऐसे फर्जी जॉब स्कैम का शिकार होते रहेंगे?
- क्या सरकार ऐसे एजेंट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जो भारतीय युवाओं को धोखा देकर दलदल में धकेल रहे हैं?