नई दिल्ली, 18 जून 2025: 20 दिन के ठहराव के बाद आखिरकार मानसून की दहाड़ आज राजस्थान-यूपी में दस्तक देने जा रही है वही गुजरात मे मानसून की दहाड़ ने तबाही मचा दी है। प्रदेश के भावनगर जिलें में 5 लोग लापता बताए जा रहे है।
मानसून की दहाड़ से गुजरात मे मची तबाही!
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर बीते 20 दिन से जड़ जमाए बैठा मानसून अचानक जैसे नींद से जाग गया है! एक झटके में इसने रुकावट तोड़ी और अपनी ज़बरदस्त गति से उत्तर व पूर्व की ओर कूच कर दिया। अब यह तेज़ रफ़्तार बरसाती हवाएँ गुजरात को पार करके सीधे राजस्थान की सीमा पर धमक चुकी हैं, और मौसम विभाग ने बुधवार को ही राजस्थान में इसके एंट्री की पुष्टि कर दी है। साथ ही, उत्तर प्रदेश में भी आज ही मानसून के दस्तक देने की संभावना है।
पिछले 48 घंटों में मानसून ने गुजरात में जोरदार दस्तक दी। सोमवार से लगातार भारी बारिश ने बोटाद जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। यहां करीब 40 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं, भावनगर में एक भयावह घटना घटी जब तेज बहाव वाली नदी में एक कार बह गई, जिससे पांच लोग अभी भी लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन मौसम की मार ने राहत कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
पूर्वी मोर्चे पर भी खबरें तेजी से बदल रही हैं। मंगलवार को मानसून ने एक साथ बिहार और झारखंड में दस्तक दी और महज चौबीस घंटों में ही दोनों राज्यों के आधे से ज्यादा हिस्से को सराबोर कर दिया। अब नजरें उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं, जहां आज ही मानसून के प्रवेश की उम्मीद जताई जा रही है। मध्य प्रदेश में भी मानसून की ताकत देखने को मिली। राज्य में एंट्री के सिर्फ दूसरे ही दिन बादलों की फौज 19 जिलों तक पहुंच गई है। वहीं, छत्तीसगढ़ के बस्तर में 25 दिनों के लंबे इंतजार के बाद मानसून ने जोर पकड़ा है और आज पूरे राज्य को कवर कर लेने की उम्मीद है।
लेकिन यह रफ्तार खतरे से खाली नहीं है। मौसम विभाग ने असम, मेघालय, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों के लिए आज रेड अलर्ट जारी किया है। यहां भारी से अत्यंत भारी बारिश के साथ-साथ आंधी-तूफान और तेज हवाओं की चेतावनी है, जिससे जान-माल का नुकसान और बुनियादी ढांचे को क्षति होने का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा देश के 13 अन्य राज्यों में ऑरेंज अलर्ट जारी है, जो मूसलाधार बारिश की आशंका को दर्शाता है।
उत्तर भारत में, दिल्लीवासियों को मानसून के आगमन से पहले ही राहत की बूंदें मिल गईं। मंगलवार की शाम हुई बारिश ने लू के थपेड़ों से कुछ देर के लिए निजात दिलाई। हालांकि, इसके साथ ही शहर के कई इलाकों में जलभराव की समस्या ने यातायात को ठप कर दिया। मौसम की मार का असर हवाई यातायात पर भी पड़ा। खराब मौसम के चलते दोपहर तीन से चार बजे के बीच 12 उड़ानों को दिल्ली हवाई अड्डे पर लैंड नहीं करने दिया गया और उन्हें अन्य एयरपोर्ट्स पर डायवर्ट करना पड़ा।
क्या आगे है?
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले 24-48 घंटे महत्वपूर्ण हैं। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मानसून की एंट्री के बाद इसके और आगे बढ़ने की संभावना है। हालांकि, पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में रेड अलर्ट वाले इलाकों के निवासियों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। बाढ़, भूस्खलन और तेज हवाओं से बचाव के उपाय पहले से कर लेना समझदारी होगी। गुजरात जैसे हालात दूसरे राज्यों में दोहराए न जाएं, इसके लिए प्रशासन को भी पूरी तैयारी के साथ तैनात रहना होगा। मानसून की यह दहाड़ अब सिर्फ राहत ही नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रकोप का संदेशवाहक भी बन चुकी है।
जानें कैसे ठहरा मानसून अचानक सरपट दौड़ा! गुजरात को 48 घंटे में कवर कर राजस्थान में आज प्रवेश। झारखंड-बंगाल में रेड अलर्ट, भावनगर में 5 लापता। ताज़ा अपडेट्स यहाँ पढ़ें।