कलम पर GST बढ़ना: आरजेडी ने भाजपा पर कसा तंज, कहा- “युवाओं के हाथ में तलवार देना चाहती है”
नई दिल्ली, 07 सितम्बर: केंद्र सरकार द्वारा कलम पर GST 12% से बढ़ाकर 18% किए जाने के फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की प्रवक्ता प्रियंका भारती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा युवाओं के हाथों में कलम नहीं तलवार देना चाहती है”। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की वित्तीय जादूगरी (Financial Jugglery) इतनी स्पष्ट है कि बच्चे भी इसे डिकोड कर सकते हैं।
GST में बदलाव: क्या हुआ है?
केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में संशोधन किया है:
- किताबों पर GST: 12% से घटाकर 5% किया गया।
- कलम पर GST: 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया।
- सीमेंट पर GST: 28% से घटाकर 18% किया गया, लेकिन 10 दिन पहले ही सीमेंट के दाम में उतनी ही बढ़ोतरी कर दी गई थी।
वित्तीय जादूगरी या जन-विरोधी नीति?
प्रियंका भारती ने कहा कि सरकार के इन कदमों से जनता को कोई फायदा नहीं हो रहा है:
- कलम महंगी होगी: कलम पर GST बढ़ने से छात्रों और शिक्षा क्षेत्र पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- सीमेंट का दाम वही: सीमेंट पर GST घटाया गया, लेकिन निर्माताओं ने पहले ही दाम बढ़ा दिए थे, इसलिए उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली।
- कागज पर GST बढ़ना: किताबों के लिए उपयोग होने वाले कागज पर GST बढ़ने से किताबों की कीमतों पर असर पड़ सकता है।
आरजेडी का राजनीतिक हमला
तेजस्वी यादव और आरजेडी ने इस मुद्दे को भाजपा की “युवा-विरोधी नीति” के रूप में उठाया है:
- शिक्षा vs हथियार: आरजेडी का आरोप है कि भाजपा युवाओं को शिक्षा के बजाय हिंसा की ओर धकेलना चाहती है।
- जनता को धोखा: सरकार की वित्तीय नीतियों को “जनता को भ्रमित करने की कोशिश” बताया गया है।
- विपक्ष की एकजुटता: अन्य विपक्षी दल भी GST संशोधनों की आलोचना कर रहे हैं।
आर्थिक प्रभाव: क्या कहते हैं आंकड़े?
- कलम की कीमत: 100 रुपये की कलम अब 118 रुपये में मिलेगी (पहले 112 रुपये में)।
- छात्रों पर प्रभाव: कोचिंग और शैक्षिक सामान महंगा होने से मध्यमवर्गीय परिवारों पर दबाव बढ़ेगा।
- उद्योग पर असर: स्टेशनरी उद्योग को नुकसान की आशंका।
सरकार vs विपक्ष
GST दरों में यह बदलाव सरकार और विपक्ष के बीच नए विवाद का कारण बना हुआ है। जहां सरकार का दावा है कि यह कदम “टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने” के लिए है, वहीं विपक्ष इसे “जनता को धोखा” बता रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस पर पुनर्विचार करती है या विपक्ष इस मुद्दे को और उछालता है।
“भाजपा युवाओं के हाथों में कलम नहीं तलवार देना चाहती है” – प्रियंका भारती, आरजेडी प्रवक्ता